पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा सोशल मीडिया में जारी किए गए एक वीडियो ने पोस्टल बैलेट की निष्पक्षता पर फिर से गंभीर सवाल खड़ा कर डाला है। इस वीडियो में एक फौजी सेंटर पर एक ही व्यक्ति द्वारा बैलेट पेपरों पर निशान लगा ‘पार्टी विशेष’ के लिए वोट डाला जा रहा है। कांग्रेस इसे लोकतंत्र की हत्या करार दे रही है तो भाजपा की नजरों में यह चुनाव हार रही कांग्रेस की हताशा है। चुनाव आयोग के निर्देश पर पिथौरागढ़ जिले के डीडीहाट में पुलिस ने इस बाबत एफआईआर दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है
‘एक छोटा वीडियो सबकी जानकारी के लिए वायरल कर रहा हूं, इसमें एक आर्मी के सेंटर में किस प्रकार से एक ही व्यक्ति सारे वोटों को टिक कर रहा है। यहां तक कि सभी लोगों के हस्ताक्षर भी वही कर रहा है, उसका एक नमूना देखिए, क्या इलेक्शन कमीशन इसका संज्ञान लेना चाहेगा?’
दरअसल, उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर यह कहते हुए एक वीडियो जारी किया, पूरे प्रदेश में सनसनी मच गई। यह वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। इसमें सेना के एक सेंटर में कई जवान एक ही पार्टी के प्रत्याशी को पोस्टल बैलेट वोट दे रहे हैं। साथ ही वह यह भी कहते सुने जा रहे हैं कि भाजपा को वोट देना है कांग्रेस को नहीं। इसके बाद उत्तराखण्ड की राजनीति में हड़कंप मच गया। राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो चुके हैं, जबकि इस मामले में डीडीहाट का नाम आने पर यहां से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे प्रदीप पाल ने रिटर्निंग ऑफिसर के सामने शिकायत दर्ज करा दी है।
पाल ने आशंका जाहिर की है कि जिस तरह यह वीडियो सामने आया है, उससे लग रहा है कि सेना में पोस्टल बैलेट के जरिए फर्जी वोट डाले जा रहे हैं। इस मामले में डीडीहाट के रिर्टनिंग ऑफिसर अनुराग आर्या का कहना है कि कांग्रेस उम्मीदवार की ओर से उन्हें शिकायत मिली है। वीडियो देखने पर मामला काफी गंभीर लग रहा है, जिसकी जांच की जा रही है। आर्या के अनुसार इस मामले में एफआईआर भी दर्ज की जा चुकी है। वीडियो में यह स्पष्ट दिख रहा है कि कैसे एक जवान करीब 10 पोस्टल मतपत्रों में गलत तरीके से वोट डाल रहा है। यही नहीं बल्कि 10 मतपत्रों में एक ही उम्मीदवार को वोट डाला गया है। इस वीडियो को अगर गौर से सुने तो वीडियो में कुछ जवान यह भी कहते हुए साफ सुने जा रहे हैं कि डीडीहाट सीट से किस उम्मीदवार को वोट देना है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में मौजूद जवान कुमाऊंनी भाषा में बोल रहे हैं।
गोपाल चौहान कहते हैं कि ‘आखिरकार इस देश की राज और नीति की भेंट हमारे राष्ट्र का गौरव हमारी भारतीय सेना चढ़ ही गई। वह सपने में भी नहीं सोच सकते कि इस तरह लोकतंत्र की हत्या की जा सकती है। क्या यह चुनाव आयोग के संज्ञान में नहीं है। यदि है तो उम्मीद की जानी चाहिए कि उक्त मामलें में सख्त कार्यवाही करके लोकतंत्र की रक्षा की जाएगी।’ कुलबीर सिंह के अनुसार ‘इंडियन आर्मी पर पूरे देश को नाज है। यदि आज देश की जनता को कहीं विश्वास टिका है तो वह इंडियन आर्मी पर टिका हुआ है। लेकिन यदि इंडियन आर्मी के ऑफिस में इस प्रकार से लोकतंत्र की हत्या की जा रही है तो यह बड़े शर्म की बात है।’ चेतन सिंह रावत कहते हैं कि ‘अपने से बड़े लोगों के मुंह से सुना था कि फौज में वोटिंग तो सिर्फ सीओ के इशारे पर होती है। इनके वजह से हमारे सैनिक बदनाम हो रहे हैं। सिपाही तो सिर्फ कठपुतली होता है। आज देख भी लिया और यकीन भी हो गया की वो बिल्कुल सही बोलते थे। अब देखना है कि चुनाव आयोग कहां तक कारवाई करता है।’
प्रदीप बिष्ट के अनुसार ‘इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। आखिर जवानों को राजनीति पार्टी से क्या लेना देना।’ यूपी में भी मचा है बवाल जिस तरह से उत्तराखण्ड में पोस्टल बैलेट के मामले में कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह फर्जी वोटिंग करा रही है उसी तरह से पूर्व में बिहार और उत्तर प्रदेश के राजनेता भी ऐसा ही आरोप लगा चुके हैं। बिहार के विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव ने प्रशासन पर भाजपा के दबाव में गड़बड़ी करने के आरोप लगाए थे। यही नहीं 2019 के आम चुनाव में बागपत और मुजफ्फरनगर में कम अंतर से हार के बाद राष्ट्रीय लोक दल ने भी पोस्टल बैलेट की गिनती को लेकर बखेड़ा किया था। फिलहाल, राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर पोस्टल बैलेट को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में उनकी ही पार्टी जीत रही थी। लेकिन भाजपा के कहने पर पोस्टल बैलेट की दोबारा गिनती की गई और उन्हें हरा दिया गया।
पिछले दिनों जयंत चौधरी ने इस मुद्दे पर बकायदा मुजफ्फरनगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें पोस्टल बैलेट के जरिए भाजपा द्वारा गड़बड़ी करने की आशंका लग रही है। इस पर अखिलेश यादव ने भी जयंत चौधरी का समर्थन करते हुए भाजपा को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है।
यह केवल कांग्रेस की घबराहट है। सेना पर कांग्रेस को विश्वास करना ही पड़ेगा। वीडियो में जो सामने आ रहा है वह यह है कि सेंटर पर सेना के जवान बता रहे हैं कि कैसे वोट डालने हैं। कांग्रेस की प्रवृत्ति रही है कि वह सेना पर उंगली उठाती रही है यह ठीक नहीं है।
मदन कौशिक, अध्यक्ष प्रदेश भाजपा
हमने तो सिर्फ यह किया कि एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था उस पर सवाल उठाए हैं। सवालों के घेरे में खुद भाजपा फंस रही है। जिस तरह से पोस्टल बैलेट पर लोग फर्जी मतदान करते हुए भाजपा के पक्ष में वोट डालने की बात कर रहे हैं उसके मामले को समझा जा सकता है। इससे प्रतीत होता है कि वोटों को मेनुप्लेट किया जा रहा है। मतों की महत्ता और स्वतंत्रता को बरकरार रखने के लिए चुनाव आयोग को इस पर संज्ञान लेना जरूरी है।
हरीश रावत, पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड