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Uttarakhand

समस्या नहीं निदान की राजनीति

कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है जिसमें हल्द्वानी और उसके आसपास के क्षेत्र भी अछूता नहीं रहा। रिकाॅर्ड पर संक्रमण साथ ही उसी अनुपात में कोरोना से मौतों का ऐसा मंजर पूर्व में शायद ही किसी ने देखा हो। इन नकारात्मता ही हो। राजनीतिक दल, सामाजिक संस्थाएं और व्यक्तिगत रूप से लोग आगे आए और दिखाया की विपरीत परिस्थितियों में भी कुछ आशा की किरण दिखाते हैं। और कोरोना योद्धा के रूप में अपनी सकारात्मक छवि छोड़ जाते है। ‘हल्द्वानी ऑन लाइन’ जैसी संस्थाएं जहां अपने स्तर पर व्यापक रूप से इस महामारी में कोरोना पीडितों की सहायता में जुटी है, वहीं व्यक्तिगत रूप से अपने सहयोगियों के साथ कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपने निजी प्रयासों से कोरोना पीडि़तों तक हर संभव मदद पहुंचाने में अब भी जुटे हैं फिर वो जीवन रक्षक दवाइयों की जरूरत हो, अस्पतालों में बेड उपलब्ध कराना हो या फिर ऑक्सीजन की जरूरत को पूरा करना हो अपनी तरफ से हर संभव प्रयास करते दिखे। इनमें एक नाम है सुमित हृदयेश। जिन्होंने इस कोरोनाकाल में भी दिखाया कि इच्छाशक्ति हो तो आप अपने सामाजिक दायित्यों का निर्वाह करने के साथ अपने सहयोगियों का कारवां भी जुटा सकते हैं।

समस्या नहीं निदान की राजनीति की तर्ज पर काम करने वाले सुमित हृदयेश का कहना है कि ये समय हमारे उन सामाजिक दायित्यों को पूरा करने का है, राजनीतिक के लिए तो आगे का वक्त भी पड़ा है। कोरोना योद्धा के रूप में सुमित हृदयेश और उनकी टीम ने शुरू से ही कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। सुमित का कहना है कि मैंने इस महामारी की दूसरी लहर की शुरुआत से ही अपना मोबाइल नंबर सोशाल मीडिया पर सार्वजनिक कर दिया था जिससे जरूरतमंद किसी भी समय उनसे बात कर सकें। महामारी की शुरूआत में जिस प्रकार अफरा-तफरी का माहौल था और ऑक्सीजन सिलेंडरों की कमी के चलते मरीज मौत से जूझ रहे थे उस वक्त सुमित अपनी टीम के साथ इन मरीजों के लिए व्यस्थाओं में जुट गये थे। सुशीला तिवारी अस्पताल में एक पीने का पानी न मिल पाने का एक मरीज का बीडियों वायरल होने के तुंरत अगले दिन 200पेटी बोतल पानी की एब बड़ी टेबल लेकर सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंच गए। जब गंभीर मरीजों को प्लाज्मा सख्त जरूरत थी तब सुमित हृदयेश ने अपना निजी वाहन प्लाज्मा डोनर को ब्लड बैक तक लाने और डोनर को सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए उपलब्ध करा दिया। जब नगर निगम हल्द्वानी शहर को सैनेटाइज कराने के लिए बेखबर था तब उन्होंने शहर को सैनेटाइज कराने के लिए नेता विपक्ष डाॅ इंदिरा हृदयेश से विधायक निधि से 10 लाख स्वीकृत करवाएं। इसी प्रकार सुमित हृदयेश अपनी टीम के माध्यम से उन लोगों तक भी पहुंच रहे हैं जो आक्सीमीटर थर्मामीटर जैसी आवश्यक उपकरण खरीद पाने में असमर्थ है उन्हें ये निशुलक उपलब्ध करवा रहे हैं। इस महामारी की दूसरी लहर के चरम पर जीवन रक्षक दवाओं का अकाल पड़ गया था तक अपने निजी प्रयासों से इन दवाओं को कोरोना मरीजो को उपलब्ध कराया। हल्द्वानी तो हल्द्वानी विदेशों में रह रहे कई लोग जिनके परिजन हल्द्वानी या उसके आसपास रह रहे है उन्होंने भी सुमित हृदयेश को फोन कर उनके मरीजों की सहायता का आग्रह किया। सुमित का कहना है कि अफ्रीका, अमेरिका, दुबई, सहित कई अन्य देशों से उनको लोगों का एप्रोच किया जिनके परिजन हल्द्वानी में रह रहे थे। और कोरोना संक्रमित है। सुमित का ध्यान सिर्फ कोरोना मरीजों पर ही नहीं है उनका ध्यान उन लोगों पर भी है जो कोविड काल में क्फर्यू के चलते अपनी आमदानी का जरिया गवां बैठे है। जिसके चलते उनके सामने आजीविका का संकट पैदा हो गया है। उनके लिए वो शीघ्र ही मुफ्त राशन वितरण की सुविधा शुरू करने जा रहे है।

 

राजनीति भी मेरे लिए एक समाज सेवा का माध्यम रहा है और इस कोविड काल में मैं जनता, मरीजों के लिए जो कुछ कर पा रहा हूं वो मेरी समाज सेवा की दैनिक दिनचर्या का ही हिस्सा है और जब सरकारें अपने दायित्व में असफल है तो हम जनता की परेशानियों में हमेशा उनके साथ खडे़ हैं। यही प्रयास है।

-सुमित हृदयेश, युवा कांग्रेस उत्तराखण्ड

 

डाॅ इंदिरा हृदयेश ने अपनी विधायक निधि से 300 जम्बों टाइप आक्सीजन सिलेंडर खरीदने हेतु 56-70 लाख उपलब्ध कराए गए। सुमित का कहना है कि नेता प्रतिपक्ष डाॅ इंदिरा हृदयेश ने अपनी विधायक निधि से कोविड महामारी में सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए 50 वैड खरीदने के लिए 15-70 लाख रुपये उपलब्ध कराए है, इस कोरोना महामारी में नगर निगम से अपेक्षा थी कि वो महामारी की भयावहता को देखते हुए नगर को सैनेटाइज करने की व्यवस्था करेगा लेकिन अपने दायित्व में असफल नगर निगम को विधायक निधि से 10 लाख सैनेटाइजेशन के लिए उपलब्ध कराए। कोरोना पीडितों के देखभाला के लिए हर जगह नजर आते है। सुमित हृदयेश का कहना है कि सरकार की कोताही और आत्ममुग्धता के चलते जिस तेज गति से कोरोना संक्रमण फैला उसके लिए सरकारें तैयार ही नहीं थी और आधी अधूरी तैयारियां कई जिंदगी लील गई और कइयों का जीवन खतरे में पड़ गया। ऐसे में दवाओं की कमी आक्सीजन का जरूरत के अनुसार उपलब्ध न होना ये सब ऐसे वक्त जिसके लिए शासन-प्रशासन तैयार नहीं थे। ऐसे में किसी को तो पहल लेनी ही थी। सुमित हृदयेश और उनकी टीम मरीजों की मदद के लिए हमेशा तैनात है। सुमित हृदयेश का कहना है कि ब्लैक फंगस जिस तरह पांव पसार रहा है उसमें हमारा प्रयास है कि ब्लैक फंगस के मरीज को जरूरी इंजेक्शन व दवाओं के अभाव में अपना जीवन न खोये हमने उउसके लिए भी प्रयास शुरू करर दिया है। कोरोना मरीज ही नहीं फ्रंट लाइन कोरोना वारियर्स और कोविड काल में कर्फ्रयू के चलते अपनी आजीविका का साधन गवा बैठे लोगों पर भी टीम सुमित हृदयेश की नजर है। फ्रंट लाइन कोरोना वारियर्स जिनमें ड्यूटी में तैनात पुलिस कर्मी और वैक्सीनेशन का कार्य कर रहे चिकित्सा कर्मियों को पानी पहुंचाने का काम भी कर रहे हैं। अपनी आजीविका का जरिया गंवा चुके लोगों के लिए शिघ्र ही मुफ्रत राशन घर-घर वितरित करने का कार्य उनकी टीम शुरू करने जा रही है। इसमें उनके साथ युवक कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष गुरप्रीत सिंह, प्रींस युवक कांग्रेस के राजू रावत, त्रिलोक किठायत, पूरन सिंह बिष्ट, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष लाल सिंह पवार, देवेंद्र रावत, रविंद्र रावत, सूरज कुमार, गजेंद्र सम्मल, देवेश तिवारी, शुभम वार्ष्णेय, जगजीत सिंह हर्षित जोशी, शुभम जोशी,, मोहित कुमार, प्रभु व तरन बिंद्रा प्रमुख है।

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