पिथौरागढ़ की नैनी सैनी हवाई पट्टी से नियमित उड़ान का मुद्दा सीमांत की सियासत का सबसे बड़ा केंद्र रहा है। पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा और चंपावत सहित चार जिलों की 14 विधानसभाओं को प्रभावित करने वाला यह मुद्दा एक बार फिर पहाड़ की सर्द फिजाओं में सियासी तपिश पैदा कर रहा है। पिथौरागढ़ के विधायक मयूख महर ने सत्याग्रह शुरू कर इस मुद्दे पर सीमांत की सियासत का बड़ा दांव खेल दिया है। इस मुद्दे ने किसी राजनेता को फर्श पर पटका तो किसी को अर्श पर भी पहुंचाया है। अविभाजित उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के कार्यकाल में शुरू हुआ नैनी सैनी हवाई पट्टी में हवाई जहाज उड़ाने का सपना अभी तक अधूरा है। हालांकि कई साल पहले गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट और देहरादून तथा पंतनगर के लिए फ्लाइट शुरू की गई थी लेकिन ये फ्लाइट लोगों को बिल्कुल भी रास नहीं आई। कारण कभी प्लेन का दरवाजा हवा में खुला तो कभी रनवे पर ही प्लेन फिसल गया। नतीजा ये रहा कि बीते कई सालों से हवाई सेवा पूरी तरह ठप है। सामरिक दृष्टि और पर्यटन के मद्देनजर अति महत्वपूर्ण माने जाने वाली इस पट्टी से हवाई सफर को धरातल पर उतारने के लिए ही मयूख महर मैदान में डटे हैं
प्रदेश के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के विधायक मयूख महर के सत्याग्रह आंदोलन से सियासत गर्मा गई है। महर के आंदोलन से सीमांत के लोगों को एक बार फिर नैनी सैनी हवाई पट्टी पर हवाई सफर शुरू होने तथा बेस अस्पताल के सुचारू होने की उम्मीद जगने लगी है। हालांकि इस मुद्दे पर सियासत भी शुरू हो गई है। सत्तासीन सरकार पर आरोप है कि वह विधायक को प्रेशर में लेने के लिए उनके संस्थानों पर छापा डलवा कर उनकी जांच करवा रही है। कांग्रेस के विधायक मयूख महर का कहना है कि कई साल गुजरने के बाद भी भाजपा की सरकार नियमित हवाई सेवा शुरू नहीं कर पाई है। ऐसे में कांग्रेस को सड़कों में उतरने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। साथ ही महर ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही नियमित हवाई सेवा शुरू नहीं हुई तो सत्याग्रह को उग्र आंदोलन में परिवर्तित किया जाएगा। नैनी सैनी से हवाई उड़ान के साथ ही बेस अस्पताल को निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज के साथ संबद्ध किया जाना भी विधायक मयूख महर के मुद्दों में शामिल है। इसके अलावा यूकेपीएसी और यूकेएसएसएससी के परीक्षा केंद्र पिथौरागढ़ में प्रस्तावित करने, जाजरदेवल-नैनीसैनी सड़क पर डामरीकरण और नाली निर्माण कराने, सिकड़ानी के लोगों पर यूपीसीएल की ओर से दर्ज कराए मुकदमे वापस लिए जाने तथा सेना की ओर से ग्रामीणों के लिए बंद किए गोचर, पनघटों के रास्ते खोलने या वैकल्पिक रास्ते बनाए जाने की मांग मुख्य रूप से शामिल है।
उधर सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिथौरागढ़ के विधायक मयूख महर को फोन करके आश्वासन दिया कि नैनी सैनी हवाई अड्डे से जल्द जहाज उड़ेगा। हवाई सेवा के लिए एक एयरलाइन ने अपनी सहमति दे दी है। इसके लिए लाइसेंस की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसकी लगातार समीक्षा हो रही है। विधायक मयूख महर मुख्यमंत्री के इस आश्वासन से संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं। उन्होंने सीएम को दो टूक अंदाज में साफ कह दिया कि बेस अस्पताल और हवाई सेवा की तिथि तय कर दें, वह धरना समाप्त कर देंगे। विधायक ने चेताया कि त्योहारों को देखते हुए नौ नवंबर तक धरना दिया जाएगा। इसके बाद 16 नवंबर से क्रमिक और आमरण अनशन की तैयारी की जाएगी। जनहित की मांगों के लिए उन्हें महीनों तक भी आंदोलन क्यों न करना पड़े, वे करेंगे।
याद रहे कि ये वही विधायक मयूख महर हैं जिन्होंने जनमुद्दों के मामले पर अपनी ही सरकार के मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ पिथौरागढ़ के गांधी चौक पर धरना दे दिया था। यही नहीं बल्कि अपनी पार्टी कांग्रेस के तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने जब मयूख महर को योजना आयोग का उपाध्यक्ष बनाया तो उन्होंने कैबिनेट स्तर के इस पद को ही ठुकरा दिया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उनके मधुर संबंध रहे हैं लेकिन जब जनता के मुद्दों की बात आती है तो वे सियासी संबंधों की बजाय जनता के साथ संबंधों को तरजीह देते दिखते हैं।
ऐसा नहीं है कि विधायक मयूख महर ने नैनी सैनी हवाई पट्टी से हवाई जहाज की उड़ान का मुद्दा पहली बार उठाया है, बल्कि इससे पहले भी वे इस मुद्दे पर सत्तासीन सरकार के लिए मुश्किलें कड़ी करते रहे हैं। 3 अगस्त 2021 को तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में भी महर इस मुद्दे पर आंदोलन कर चुके हैं। तब उनके नेतृत्व में कांग्रेस कार्यालय से लेकर नैनी सैनी हवाई अड्डा तक दूरबीन यात्रा निकाली गई थी जिसमें बड़ी तादात में पार्टी के कार्यकर्ता और स्थानीय लोग शामिल रहे थे। तब सैकड़ों लोग सरकार की घेराबंदी करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर तंज कसते हुए हाथों में दूरबीन पकड़े हवाई अड्डे पहुंचे और विमान को खोजते रहे। इसके बाद उन्होंने हवाई अड्डे के बाहर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए धरना दिया। कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि नियमित हवाई सेवा के नाम पर कुछ समय के लिए खटारा विमान उड़ाकर लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करते हुए सरकार ने सीमांत के लोगों को छला है। अब फिर चुनाव नजदीक आते ही सरकार ने सीमांत के लोगों को विमान सेवा के झूठे सपने दिखाने शुरू कर दिए हैं।
नैनी सैनी हवाई पट्टी पर वर्ष 1991 में निर्माण शुरू हुआ। वर्ष 1994 में अविभाजित उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव और केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने नैनी सैनी एयरपोर्ट का शुभारंभ किया था। तब वे 20 सीटर विमान से यहां पहुंचे थे। उस समय सीमांत के लोगों ने पहली बार विमान देखा था। राज्य बनने के करीब 15 साल बाद जनवरी, 2016 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने नौ सीटर विमान की सफल ट्रायल लैंडिंग की। सत्ता परिवर्तन के बाद वर्ष 2018 में त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में एयरपोर्ट में ट्रैफिक कंट्रोल, फायर ब्रिगेड, सुरक्षा व्यवस्था मुकम्मल कर टर्मिनल भवन में टिकट बुकिंग काउंटर स्थापित किया गया। 17 जनवरी, 2019 को नैनी सैनी से गाजियाबाद , देहरादून और पंतनगर के लिए नौ सीटर विमान सेवा शुरू की गई। 17 जनवरी 2019 के दिन सरकार ने देहरादून नैनी-सैनी और पंतनगर-नैनी सैनी के लिए हवाई सेवा का शुभारंभ किया था। ढोल और दमुआ की जिस धमक के साथ 17 जनवरी के दिन पिथौरागढ़ के तत्कालीन विधायक प्रकाश पंत ने नैनीसैनी हवाई अड्डे में कदम रखा था लगा कि दो दशकों का सपना पूरा हो गया है। लेकिन यह सेवा 20 दिन भी न चल सकी। 9 फरवरी 2019 को जब हेरिटेज एविएशन के विमान ने पंतनगर से उड़ान भरी तो उड़ान भरने के थोड़ी देर बाद ही हवा में हवाई जहाज का दरवाजा खुल गया। इसके बाद हवाई सेवा कुछ दिन के लिए बंद कर दी गई।
हेरिटेज एविएशन ने 11 अक्टूबर 2019 को हिंडन-पिथौरागढ़ मार्ग पर नौ सीटों वाली वाणिज्यिक उड़ान बीचक्राफ्ट एयर 350 का संचालन शुरू किया है, लेकिन 15 अक्टूबर 2019 को लैंडिंग के दौरान विमान के बाईं ओर का एक पहिया जाम हो गया। इसके बाद हेरिटेज एविएशन ने तकनीकी खराबी का हवाला देते हुए 10 अक्टूबर, 2019 को पिथौरागढ़ के नैनी सैनी हवाई अड्डे, देहरादून के जॉली ग्रांट हवाई अड्डे और एनसीआर के हिंडन हवाई अड्डे के बीच सभी वाणिज्यिक उड़ान संचालन रद्द कर दिया था। जिसके बाद से हवाई सेवा ठप है। इस घटना के जांच के आदेश भी दे दिये गए थे लेकिन अब तक कार्यवाही क्या हुई किसी को नहीं पता चल सका। गौरतलब है कि हेरिटेज एविएशन वही कंपनी है जिसने 2019 में हुई धुमाकोट सड़क दुर्घटना में लापरवाही दिखाई थी। इस सड़क दुर्घटना में लगभग 50 लोगों की मृत्यु हुई थी जिसमें अधिकांश की मृत्यु का कारण दुर्घटना के पहले एक घंटे में इलाज मुहैया न हो पाना था। प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तब हेरिटेज एविएशन की लापरवाही के जांच के आदेश तक दिए थे लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ।
इस मामले पर हल्द्वानी निवासी गणेश उपाध्याय ने हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर की थी। कोर्ट ने उत्तराखण्ड सरकार को नोटिस जारी कर इन परिचालनों में कथित अनियमितताओं पर जवाब मांगा था। 1 नवंबर 2019 को हाईकोर्ट नैनीताल का सरकार को नोटिस दिया गया। उक्त दो घटनाओं को बताते हुए याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि यह हेरिटेज एविएशन कंपनी के संवेदनहीन रवैये को दर्शाता है। ‘विमान अधिनियम 1934 के नियम 11’ के अनुसार, जो कोई भी जानबूझकर किसी भी विमान को इस तरह से बढ़ता है कि किसी व्यक्ति या जमीन या पानी या हवा में किसी संपत्ति को खतरा पैदा करता है तो उसे एक अवधि के लिए कारावास की सजा दी जा सकती है, जिसे बढ़ाया जा सकता है।
ये हैं प्रमुख मांग
नैनीसैनी हवाई अड्डे से देहरादून और दिल्ली के लिए नियमित हवाई सेवा शुरू की जाए।
बेस अस्पताल में पदों को सृजित कर संचालन शुरू कराया जाए।
यूकेपीएसी और यूकेएसएसएससी के परीक्षा केंद्र पिथौरागढ़ में भी बनाया जाए।
जाजरदेवल-नैनीसैनी सड़क पर डामरीकरण और नाली निर्माण कराएं।
सिकड़ानी के लोगों पर यूपीसीएल की ओर से दर्ज कराए मुकदमे वापस लिए जाएं।
सेना की ओर से ग्रामीणों के लिए बंद किए गोचर, पनघटों के रास्ते खोले या वैकल्पिक रास्ते बनाए जाएं।
बात अपनी-अपनी
नैनी सैनी और बेस अस्पताल के न चलने से लोगों खासकर मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कोई गंभीर बीमार होता है तो वह सड़क के रास्ते में ही दम तोड़ देता है, जो सड़क बनी है वह भी टूटी रहती है। हमारा आंदोलन जनहित के मुद्दों को लेकर तब तक चलता रहेगा जब तक मांग नहीं मानी जाएगी। सीएम शरदोत्सव में पिथौराढ आएंगे लेकिन हम उनका विरोध नहीं करेंगे, सिर्फ ज्ञापन देंगे।
मयूख महर, विधायक, पिथौरागढ
कुछ दिन पहले ही जब प्रधानमंत्री पिथौरागढ़ आए तो उनका स्वागत करने वालों में मैं सबसे आगे था। तब हमने पक्ष-विपक्ष की बजाय विकास की तरफ सोचा था। लेकिन सरकार हमारे साथ पक्षपात कर रही है। सरकार को सीमांत के बारे में गंभीरता से सोचना होगा। हवाई सेवाएं चलानी होगी।
हरीश धामी, विधायक, धारचूला
देश के प्रधानमंत्री एक तरफ हवाई चप्पल पहनने वाले को हवाई जहाज में बैठने की बात करते हैं लेकिन दूसरी तरफ वह सीमांत के लिए बहुत जरूरी हवाई सफर को सुचारू करने में संकोच करते हैं। मुख्यमंत्री जो इस जिले के मूल निवासी हैं वे भी इस महत्वपूर्ण मुद्दे से मुंह फेर कर हमारी भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
महेंद्र सिंह लुंठी, पूर्व दर्जा राज्यमंत्री