कोरोना महामारी के प्रकोप से उत्तराखण्ड राज्य भी अछूता नहीं रहा। ऐसे में सामाजिक क्षेत्र के लोगों के साथ ही उत्तराखण्ड पुलिस के जवान भी जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। जब भी राज्य में कोई आपदा आती है तो प्रदेश की पुलिस हमेशा लोगों की मदद के लिए आगे आई है। पुलिस जवान कोरोनाकाल में दिन-रात एक कर रहे हैं। एक बार फिर उत्तराखण्ड पुलिस ने एक मिसाल पेश की है। आज हम आपको जिस खबर के बारे में बताने जा रहे हैं उसे सुनकर आपको भी उत्तराखण्ड पुलिस पर गर्व होगा। लोग उनकी इस पहल की सराहना कर रहे हैं।
अल्मोड़ा जिले के मासी और खीड़ा चौकी के प्रभारी फिरोज आलम और सुनील धानिक अन्य पुलिसकर्मियों के साथ गांव पहुंचे और भुवन की परेशानी को न केवल समझा, बल्कि उनकी मदद भी की। मानवता की एक और मिसाल पेश करते हुए पुलिस ने मकान की छत पर खुद के खर्च से तिरपाल बिछाकर टपकते पानी को रोका। साथ ही राशन और अन्य जरूरी सामग्री भी उन्हें मुहैया कराई। कोरोना के वजह से कई लोगों को रोजी-रोटी तक नसीब नहीं हो पा रही है। ऐसे में उत्तराखण्ड पुलिस हमेशा उनकी मदद के लिए आगे आ रही है और उनकों राशन और जरूरी सामग्री प्रदान कर रही है।
पुलिस द्वारा जरूरतमंदों की मदद किए जाने के कुछ उदाहरण इस तरह हैंः-
- एक बूढी अम्मा को चौखुटिया से उनके घर मल्ली किरौली द्वाराहाट ले जाया गया और 1 महीने का राशन और पैसे दिए गए।
- हल्द्वानी से तत्काल निजी व्यय पर ऑक्सीजन सिलेंडर मंगाकर मरीज के घर तक पैदल पहुंचाया गया।
- अपने जन्मदिन पर 15 परिवार को राशन की किट, मास्क, सेनेटाइजर इत्यादि वितरित किया।
- फिरोज आलम और सुनील धानिक ने लगभग 75 निर्धन असहाय परिवारों को निजी व्यय से राशन की किट एवं अन्य सामग्री मुहैया कराई।
- एक प्रवासी परिवार के घर की छत को त्रिपाल एवं अन्य संसाधनों की मदद से मरम्मत किया गया। राशन की किट आदि मुहैया कराई गई।
- आने-जाने वाले प्रवासियों को शरबत, भोजन के पैकेट, जूस इत्यादि वितरित किए।
- लगभग 17 लोगों की अति आवश्यकीय दवाइयां रामनगर, काशीपुर, हल्द्वानी, दिल्ली से निजी व्यय पर मंगवाकर पहुंचाई गई।
- चौकी क्षेत्र अंतर्गत समस्त निर्धन, असहाय, बुजुर्ग व्यक्तियों को गांव गांव जा कर चिन्हित कर समस्त जरूरत की सामग्री निजी व्यय पर उपलब्ध करवाई गई।
- चौकी क्षेत्र अंतर्गत स्कूल तथा कॉलेज के जरूरतमंद छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं तथा संबंधित कोर्स से संबंधित किताबें निजी व्यय पर उपलब्ध करवाई गई।