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Uttarakhand

देवभूमि की जहरीली होती फिज़ा

जब से प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देवभूमि में कथित लैंड जिहाद और लव जिहाद के साथ ही मजार जिहाद के फैलते नासूर को खत्म करने की बात सार्वजनिक तौर पर शुरू की तो भाजपा के सहयोगी संगठनों विश्व हिंदू परिषद् और बजरंग दल भीतर नई ऊर्जा का संचार हो गया है। राज्य में कथित ‘लव जिहाद’ के मामलों को उछाल कर सांप्रदायिक तनाव पैदा किया जाने लगा है। उत्तरकाशी के पुरोला से शुरू हुआ यह तनाव अब प्रदेश के कई शहरों को अपने चपेट में ले चुका है। कथित लव जिहाद के मामलों में यकायक होती बढ़ोतरी शांत प्रदेश की आबोहवा में जहर फैलाने का काम करता नजर आ रहा है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि महज पांच माह में ही चार दर्जन मामले ऐसे सामने आ चुके हैं जिन्हें लव जिहाद कहा जा रहा है। जबकि पिछले साल ऐसे 76 मामले सामने आए थे। बावजूद इसके सूबे की फिज़ा में संप्रदाय विशेष के खिलाफ ऐसा असंतोष तब दिखाई नहीं दिया था जैसा अब दिखाई दे रहा है

‘‘लव जिहादियों को सूचित किया जाता है कि वे 15 जून को होने वाली महापंचायत से पहले दुकानें खाली कर दें। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो केवल समय ही बताएगा कि क्या होगा।’’

उत्तराखण्ड में उत्तरकाशी जिले के पुरोला में अल्पसंख्यक समुदाय के एक व्यक्ति समेत दो लोगों द्वारा नाबालिग लड़की के अपहरण की कोशिश नाकाम होने के कुछ दिन बाद इस समुदाय के लोगों की दुकानों पर कुछ इस तरह की चेतावनी देते हुए पोस्टर चिपके हुए मिले। इन पोस्टरों में उन्हें चेतावनी के साथ ही धमकी देते हुए तुरंत पुरोला छोड़कर जाने के लिए कहा गया है। हालांकि पोस्टर लगने के बाद जब पूरे देश में यह चर्चा का विषय बना तो प्रशासन हरकत में आया और महापंचायत रद्द करने का आदेश दिया और पूरे शहर में धारा 144 लगा दी। यहां तक कि पंचायत रद्द कराने के लिए एक पक्ष सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने कानून में उपलब्ध विकल्पों को चुनने और हाईकोर्ट अथवा अन्य किसी प्राधिकरण के पास जाने को कहा। साथ ही कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। प्रशासन की सख्ती से 15 जून की महापंचायत नहीं हो सकी है। जबकि दूसरी ओर मुस्लिम संगठन ने भी 18 जून को देहरादून में महापंचायत करने की घोषणा कर दी है। देहरादून में पलटन बाजार स्थित जामा मस्जिद के शहर काजी मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी ने कहा है कि 18 जून को होने वाली मुस्लिम महापंचायत में उत्तराखण्ड के पर्वतीय इलाकों में रह रहे समाज के लोगों के साथ जो व्यवहार किया जा रहा है, वह दुखद है। वहां से हो रहा पलायन चिंताजनक है।

घटना 26 मई की है जब उत्तरकाशी जिले के पुरोला में मुस्लिम युवक उबैद और उसके दोस्त जितेंद्र सैनी को स्थानीय लोगों ने एक नाबालिग लड़की के साथ पकड़ा था। आरोप था कि वे नाबालिग लड़की को भगाने का प्रयास कर रहे थे। स्थानीय
लोगों ने उन्हें पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था। जिन्हें जेल भेज दिया गया। दोनों युवक यूपी के नजीबाबाद के रहने वाले हैं, जो पुरोला में रजाई और गद्दे की दुकान पर काम करते थे। इस घटना के बाद से ही उत्तरकाशी जिले में संप्रदाय विशेष के व्यापारियों के खिलाफ कथित लव जिहाद का मुद्दा बनाकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।

11 जून को सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो वायरल हुए जिन्हें उत्तरकाशी के पुरोला के बताए जा रहे हैं। इन वीडियो में ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाने वाली हिंसक भीड़ पुलिस की मौजूदगी में ही अल्पसंख्यकों की दुकानों में तोड़फोड़ करते दिख रही है। हालांकि दुकानें बंद हैं। पुरोला में उग्र भीड़ की चेतावनी के बाद निशाने पर आए लोग अपनी दुकानें और घर छोड़कर पलायन करने लगे हैं। करीब 40 दुकानदार परिवार के साथ शहर छोड़ चुके हैं। 26 मई की घटना के बाद बाजार में अल्पसंख्यक समाज के खिलाफ जुलूस निकाला गया। उस समय दुकानें बंद करना उनकी मजबूरी बनी। स्थिति यह बन चुकी है कि अभी तक वे दुकानें खोलने की स्थिति में नहीं हैं।

मामले को देखते हुए उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी पुरौला पहुंचे और उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। उत्तरकाशी में कथित लव जिहाद के बाद तनाव पर कोश्यारी ने कहा कि प्रशासन से मुख्यमंत्री ने भी बोला है कि ऐसे मामलों को ज्यादा न उछाला जाए, प्रशासन कार्रवाई करे और लोगों का भी आक्रोश शांत होना चाहिए। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी उत्तरकाशी जिला मुख्यालय पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। साथ ही उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को इस मामले पर किसी भी तरह की ढील नहीं दिए जाने के आदेश दिए। लेकिन मुख्यमंत्री भाजपा के सहयोगी संगठनों विश्व हिंदू परिषद् और बजरंग दल के आक्रामक तेवरों को शांत कर पाने में सफल होते नजर नहीं आ रहे हैं।
उत्तराखण्ड में एकाएक कथित लव जिहाद के मामलों में हुई बढ़ोतरी पर प्रदेश सरकार सख्त है तो वहीं, विपक्ष इसे प्रोपेगेंडा बता रहा है। आखिर क्यों लव जिहाद को लेकर प्रदेश में हंगामा हो रहा है। लव जिहाद को लेकर उत्तरकाशी और चमोली के लोगों में काफी गुस्सा है। दोनों ही क्षेत्रों में एक विशेष समुदाय के लोगों द्वारा कारोबार को लेकर सवाल उठाए गए हैं। इसके साथ ही देहरादून, हरिद्वार, विकासनगर, पुरोला, चकराता, पिरान कलियर और गौचर तक इसकी आग फैल चुकी है। पुलिस ने ऐसे आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है जिन्हें कथित ‘लव जिहाद’ में शामिल बताया जा रहा है।

5 जून 2023 : उत्तरकाशी की घटना के बाद यकायक ऐसे मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। देहरादून जिले के विकासनगर से एक ऐसा ही मामला सामने आया है। हिमाचल प्रदेश के शिलाई की 16 साल की एक हिंदू लड़की को समुदाय विशेष के दो युवक कोटी कनासर लेकर पहुंचे थे और यहां वे होटल में कमरे की तलाश कर रहे थे। इस दौरान ग्रामीणों को शक हुआ और युवकों को पुलिस के हवाले किया गया। पुलिस पूछताछ में पता चला कि आरोपी शाहरुख पुत्र इदरीश निवासी आलमपुर, मिर्जापुर, सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) और शौकीन पुत्र दिलशाद निवासी ढकरानी, विकासनगर (देहरादून) हिमाचल प्रदेश के पावंटा साहिब में सैलून में काम करते हैं। यहां लड़की की पहचान उनसे हो गई थी। जिसके बाद धीरे-धीरे लड़की को बहलाकर दोनों युवक उसे चकराता ले आए। युवकों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया है।

7 जून 2023 : उत्तराखण्ड में एक मामले पर मचा बवाल अभी शांत भी नहीं हो पा रहा है कि दूसरा मामला सामने आ जा रहा है। मोरी थाना क्षेत्र में कथित लव जिहाद का मामला सामने आया है। इस इस प्रकरण पर पुलिस ने तुरंत एक्शन भी ले लिया है। बताया जाता है कि उत्तरकाशी के मोरी थाना क्षेत्र में एक संप्रदाय विशेष के युवक ने दो नाबालिग लड़कियों (सगी बहनों) को अपने प्रेम जाल में फंसाया। ऑनलाइन गेमिंग के दौरान इनकी दोस्ती हुई थी। आरोपित युवक इन नाबालिग बहनों से दो वर्षों से वीडियो कॉल और चैटिंग कर रहा था। आरोपित ने अपना नाम गुड्डू बताया और इस नाम के सहारे वह अपनी दोस्ती को दो साल से चला रहा है।
आरोपित युवक ने दोनों सगी बहनों को आराकोट बुलाया। इसी बीच परिवार के व्यक्तियों और पुलिस को भनक लग गई। नाबालिग लड़कियां अपने परिवार के साथ मोरी के आराकोट क्षेत्र के एक गांव में रहती हैं। ये दोनों मूल रूप से नेपाल की रहने वाली हैं। परिवार को भनक लगी तो उन्होंने पुलिस को इसकी जानकारी दी। इसके बाद वहां धरना-प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।
8 जून 2023 : चमोली जिले के गौचर में इस दिन सुबह करीब साढ़े आठ बजे दो युवक एक होटल में ठहरने के लिए पहुंचे। उनके साथ में एक लड़की भी थी, जिसे उन्होंने अपनी मौसी की बेटी बताया। शक होने पर होटल संचालक ने पुलिस बुला ली। इस बीच एक युवक लड़की को लेकर भाग निकला।
जबकि दूसरे युवक असलम निवासी धरमपुरा सरधना, जिला मेरठ (उत्तर प्रदेश) को लोगों ने पकड़ लिया। उसने अपने साथी का नाम गुलजार बताया। वह भी मेरठ का रहने वाला है और वर्तमान में रूद्रप्रयाग में जेसीबी चलाता है। गुलजार ने असलम को घूमने के लिए बुलाया था। असलम ने यह भी बताया कि लड़की नाबालिग है और रूद्रप्रयाग जिले के एक गांव की रहने वाली है। जिससे गुलजार ने दोस्ती की। दोस्ती करने के बाद उसे अपने प्रेम में फंसाया और इसके बाद होटल में मिलने के लिए बुलाया था।

12 जून 2023 : कथित ‘लव जिहाद’ के मामले में देहरादून में एक समुदाय विशेष के युवक पर अश्लील फोटो के जरिए हिंदू लड़की को धर्मांतरण के लिए ब्लैकमेल करने का आरोप लगा है। इसी बीच आरोपित युवक लोगों के हत्थे चढ़ गया। स्थानीय लोगों ने उसे पीटते हुए जुलूस निकाला। इसके बाद पुलिस के हवाले कर दिया। यह मामला देहरादून में डोईवाला थाना क्षेत्र के जॉली ग्रांट इलाके का है। यहां मेडिकल की पढ़ाई कर रही छात्रा का आरोप है कि मुस्लिम युवक ने पहले तो उससे दोस्ती की। इसके बाद अश्लील फोटो लेकर उसे धर्मांतरण के लिए ब्लैकमेल करने लगा। मामले की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय जनता में आक्रोश व्याप्त था।

इसी बीच युवक स्थानीय जनता के हत्थे चढ़ गया। लोगों ने उसे पकड़कर उसकी पिटाई कर दी और इलाके में जुलूस निकाला। फिर थाने ले जाकर उसे पुलिस के हवाले कर दिया। स्थानीय लोगों ने आरोपित युवक को इतना मारा कि उसके कपड़े तक फट गए। इसके कई वीडियो भी सामने आए हैं।
13 जून 2023 : जनपद हरिद्वार के पिरान कलियर में ‘लव जिहाद’ के मामले पर जमकर बवाल हुआ। हिंदू संगठन के लोगों ने एक समुदाय विशेष के छात्र पर लव जिहाद का आरोप लगाते हुए चौकी का घेराव किया। इमलीखेड़ा चौकी अंतर्गत एक कॉलेज में सहारनपुर क्षेत्र का युवक बीसीए की कक्षा में पढ़ रहा है। युवक करीब तीन साल से इमलीखेड़ा में ही एक किराए के मकान में रह रहा है। बताया जा रहा है कि काफी लंबे समय से युवक से सहारनपुर क्षेत्र की ही एक युवती मिलने आती थी। यह युवती सहारनपुर के ही किसी कॉलेज से बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई कर रही है। किसी को शक न हो इसलिए युवक युवती को अपनी मौसी की लड़की बताता था। लेकिन 13 जून 2023 की शाम को युवती के आने के बाद उसकी युवक से किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। दोनों के बीच झगड़ा होने पर मकान मालिक को शक हुआ तो उसने हस्तक्षेप किया। जिसके बाद सारी बातें सामने आई। इसके बाद आरोपी युवक को पुलिस के हवाले किया गया।

 विवादित पोस्टर और दर्शन भारती!
पुरोला में संप्रदाय विशेष के लोगों को चेतावनी देने और 15 जून की महापंचायत वाले पोस्टर प्रकरण में पेंच दिखाई दे रहे हैं। पुलिस ने ऐसे विवादित पोस्टर लगाने वालों के खिलाफ अज्ञात में मामला दर्ज कराया है जबकि पोस्टरों पर ‘देवभूमि रक्षा अभियान’ लिखा हुआ स्पष्ट नजर आ रहा है। ‘देवभूमि रक्षा अभियान’ संगठन के संस्थापक स्वामी दर्शन भारती हैं। वह कह रहे हैं कि घटना के दिन वह पुरोला में नहीं थे और न ही उन पोस्टरों को उन्होंने लगवाया था। भारती ने पोस्टरों को कुछ लोगों की साजिश करार दिया जो खुद को पीड़ितों के रूप में पेश करना चाहते हैं।

 

 

इस प्रकरण के बाद स्वामी दर्शन भारती को लेकर कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर एक फोटो के साथ पोस्ट डाली है। जिसमें वह प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के पास बैठे नजर आ रहे हैं। इस फोटो के साथ ही पोस्ट में लिखा गया है कि जिसको पुलिस अज्ञात बता रही है वह खुद पुलिस के सामने मौजूद है। यहां तक कि सोशल मीडिया में स्वामी दर्शन भारती की ऐसी कई तस्वीर भी वायरल हो रही हैं जिसमें वह हिंसक भीड़ के साथ पुरोला में घूमते नजर आ रहे हैं। गौरतलब है कि मुस्लिम दुकानदारों की दुकानों पर पोस्टर चिपकाए जाने की खबर सामने आने के बाद पुरोला पुलिस ने जांच की। लेकिन दोषियों की पहचान नहीं हो सकी। पुलिस ने सामाजिक और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश करने के लिए आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया है।

मोदी दरबार में फरियाद
पुरोला प्रकरण फिलहाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दरबार तक जा पहुंचा है। उत्तराखण्ड अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष मजहर नवाब ने प्रधानमंत्री के दरबार में इस मामले में न्याय की उम्मीद में फरियाद लगाई है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि कुछ लोग मामले को सांप्रदायिक रंग देकर 70 साल से उत्तरकाशी में रहे लोगों को निशाना बना रहे हैं। आयोग की ओर से लिखे पत्र में कहा गया है, उत्तरकाशी से समुदाय विशेष के लोगों ने आयोग को इससे संबंधित प्रार्थना पत्र, फोटो और वीडियो भेजे हैं। भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चे के जिलाध्यक्ष को भी दुकान एवं मकान खाली कर उत्तरकाशी से जाने के लिए मजबूर किया गया है। लगभग 45 दुकानों में तोड़ फोड़ की घटनाएं सामने आई हैं। जिसके बाद से समुदाय विशेष के लोग डर व खौफ में हैं।

बात अपनी-अपनी
उत्तराखण्ड को लव जिहाद और धर्म परिवर्तन के नाम पर सॉफ्ट टारगेट नहीं बनने दिया जाएगा। सरकार इस पर सख्ती से काम कर रही है। अब यहां बाहर से आने वालों को सख्त जांच से होकर गुजरना होगा। साथ ही वृहद पुलिस वेरिफिकेशन ड्राइव भी चलाई जा रही है। पुलिस को कहा गया है कि बाहर से आकर यहां रहने वालों का पूरा इतिहास खंगाला जाए। पहले प्रदेश में सुनियोजित तरीके से सोची-समझी साजिश के तहत कुछ लोग आगे बढ़ रहे थे। प्रदेश में जब से धर्म परिवर्तन पर सख्त कानून लागू हुआ है तब से लोग जागरूक भी हुए हैं। इसका असर भी देखने को मिल रहा है। अब जो भी इस प्रकार के मामले सामने आएंगे, उन में किसी भी प्रकार की ढील नहीं दी जाएगी।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड सरकार

यदि कुछ लोग कानून का उल्लंघन कर रहे हैं और सामाजिक व्यवस्थाओं और परम्पराओं को तोड़ रहे हैं तो सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करे। सरकार को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि निर्दोष पीड़ित न हों और दोषी बचे नहीं। चुनाव के वक्त ‘जिहाद’ का नारा ठीक नहीं है। यदि नारा लगाना ही है तो पिछड़ेपन, गरीबी और अशिक्षा को दूर करने का लगाओ।
हरीश रावत, पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड

जो घटना का दोषी है, उसको सरकार सजा दे, मगर जो लोग निर्दोष हैं, उनकी दुकानों में बजरंग दल और हिंदू वाहिनी के लोग जब तोड़-फोड़ कर रहे हैं, तो सरकार चुप क्यों है? पुलिस-प्रशासन ऐसे लोगों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है? इससे पता चलता है बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अपनी सोची-समझी रणनीति के तहत ऐसा करवा रही है। प्रदेश में सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है, जिसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कांग्रेस प्रदेश में ऐसा नहीं होने देगी।
करण माहरा, प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस उत्तराखण्ड

भाजपा सरकार को इस मुद्दे पर राजनीति करने के बजाए समस्या के स्थाई समाधान के लिए काम करना चाहिए। पुलिस प्रशासन को पीस कमेटी के माध्यम से सामाजिक और सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम अथवा संवाद मीटिंग स्थापित करनी चाहिए। मुस्लिम समाज के मौलवी और धर्मगुरुओं को अपील करनी चाहिए कि दूसरे धर्म युवक-युवतियों से नाम अथवा पहचान छुपाकर विवाह अथवा प्रेम संबंध स्थापित करने से बचा जाए।
शिवप्रसाद सेमवाल, केंद्रीय प्रवक्ता, उत्तराखण्ड क्रांति दल

उबैद खान और जितेंद्र सैनी दोनों मूल रूप से बिजनौर के हैं और दोनों की दुकानें आमने-सामने हैं। दोनों दोस्त थे और सैनी के प्रेम संबंध उस लड़की से थे। जैसा कि दोस्तों में होता है उबैद भी अपने दोस्त के प्रेम-संबंधों में उसके साथ था। जो खबर उड़ाई जा रही है कि इन्हें पुरोला से बाहर बड़कोट में पकड़ा गया, सही नहीं है। ये लोग पुरोला में ही एक साथ टहल रहे थे और यहीं स्टोरी गढ़ी गई।
त्रिलोचन भट्ट, वरिष्ठ पत्रकार

क्रास का निशान लगाकर ऐसे चिन्हित की गई अल्पसंख्यक की दुकानें

 

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