चंदोला ने बताया कि जिला विकास प्राधिकरण के नियमों को पहाड़ों में लागू नहीं किया जा सकता क्योंकि पहाड़ों की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण जिला विकास प्राधिकरण के मानकों को पूरा कर पाना संभव नहीं है उन्होंने बताया कि जिला विकास प्राधिकरण के कारण पहाड़ों में मकान बनाने में आम जनमानस को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है जो कि सरकार के पलायन को रोकने के सपने को भी कहीं ना कहीं क्षति पहुंचाता है।
चंदोला ने कहा जहां एक तरफ कोरोना महामारी में सरकार को बिजली-पानी के बिलों में छूट देनी चाहिए थी वहीं हाउस टैक्स और बिजली पानी के बिलों से पौड़ी नगर क्षेत्र के लोगों को दिन-प्रतिदिन आर्थिक रूप से कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि जनता के अंदर व्याप्त आक्रोश को देखते हुए मुख्यमंत्री महोदय से एक बार पुनः अनुरोध किया गया है कि जल्द से जल्द जिला विकास प्राधिकरण को समाप्त किया जाए और पुरानी व्यवस्था को सुचारू किया जाए साथ ही साथ हाउस टैक्स और पानी के बढ़े हुए बिलों को भी कम किया जाए जिससे आम जनमानस को सहूलियत मिले।
उन्होंने बताया कि अगर जल्द सरकार द्वारा उनकी मांगों को नहीं माना जाता तो वह जल्द सत्याग्रह तथा आमरण अनशन करने को मजबूर होंगे साथ ही साथ उन्होंने उम्मीद जताई कि जिला प्रशासन और उत्तराखंड सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से समझेगी और जल्द पहाड़ वासियों को जिला विकास प्राधिकरण से निजात मिलेगी तथा पौड़ी शहर के लिए हाउस टैक्स और पानी के बिलों में कटौती का प्रावधान किया जाएगा।