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Uttarakhand

भाजपा पर भारी पड़ती पार्टी सांसद की दबंगई

हिंदुत्व को अपना आधार बना फर्श से अर्श तक पहुंची भाजपा देवभूमि में इसी हिंदुत्व के साथ खिलवाड़ करने की दोषी करार दी जा रही है। चारधाम तीर्थों को देवस्थानम् ट्रस्ट के हवाले करने पर भारी जनाक्रोश का सामना कर रही राज्य सरकार अब उत्तर प्रदेश के भाजपा सांसद धर्मेंद्र कश्यप द्वारा जागेश्वर धाम के पुजारियों संग अभद्रता किए जाने के कारण पूरी तरह बैकफुट पर है। सांसद के अशोभनीय कृत्य को कांग्रेस उत्तराखण्ड की अस्मिता से जोड़ चुनावी मुद्दा बनाने में जुट गई है

उत्तराखण्ड को देवभूमि यूं ही नहीं कहा जाता है। यहां 36 कोटि देवी-देवताओं का वास कहा गया है। प्रत्येक किलोमीटर पर एक धार्मिक स्थल का होना और आए दिन धार्मिक आयोजनों का होते रहना यहां की सांस्कृतिक पहचान बन गई है। यहां की राजनीति भी इनके इर्द-गिर्द रहती है। धार्मिक आस्थाओं को लेकर कई बार राजनीतिक दल एक दूसरे से टकराते रहते हैं। पिछले साल से प्रदेश में देवस्थानम् बोर्ड का गठन बड़ा मुद्दा बना हुआ है। तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जब से उत्तराखण्ड चारधाम की प्राचीन व्यवस्था को भंग कर बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री समेत 51 मंदिरों को संचालित करने के लिए देवस्थानम् बोर्ड की स्थापना की तब से ही भाजपा पंडे-पुजारियों और पुरोहितों के निशाने पर है। कांग्र्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने यहां तक कह दिया कि अगर उनकी सरकार बनी तो देवस्थानम् बोर्ड को भंग किया जाएगा। खुद भाजपा के सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी तीर्थ पुरोहितों के पक्ष में हाईकोर्ट नैनीताल में अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर चुके हैं।

हाल में अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर जो बहस शुरू की वह रुकने का नाम नहीं ले रही है। इसी दौरान उत्तराखण्ड में धार्मिक आस्था को चोट पहुंचाने के मामले में उत्तर प्रदेश के एक भाजपा सांसद की गुस्ताखी सामने आई है। इससे कांग्रेस को बैठे-बिठाए ही एक मुद्दा मिल गया। यह मुद्दा जिला अल्मोड़ा के विश्व प्रसिद्ध जागेश्वर धाम और वहां के पुजारियों की आस्था से जुड़ा है। जिसमें उत्तर प्रदेश के आंवला क्षेत्र के सांसद मंदिर परिसर में न केवल अभद्र व्यवहार करते नजर आए, बल्कि वह गाली-गलौच तक भी उतर आए। देखते ही देखते कांग्रेस ने मुद्दे को लपक लिया। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और जागेश्वर के विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने उपवास कर मामले को गर्मा दिया। रही-सही कसर भाजपा सांसद के विवादास्पद बोल वाले वीडियो के वायरल होने से पूरी हो गई। इस तरह यह मामला महज उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश तक ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आ चुका है। उत्तराखण्ड में जगह-जगह भाजपा के खिलाफ धरना-प्रदर्शन हो रहे हैं। हालांकि इस मामले में भाजपा सांसद और उसके साथियों के खिलाफ राजस्व पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। लेकिन इस कार्यवाही को महज खानापूर्ति बता कांग्रेस इसे राज्य की अस्मिता से जोड़ने में जुट गई है। कांग्रेस ने भाजपा को एक महीने का अल्टीमेटम दिया है। इस दौरान अगर भाजपा सांसद के खिलाफ निष्पक्ष कार्यवाही नहीं हुई तो कांग्रेस ‘भाजपा माफी मांगे अभियान’ चलाएगी। वहीं दूसरी तरफ उत्तराखण्ड भाजपा आस्था के इस मुद्दे पर साइलेंट मोड में है। अल्मोड़ा के विधायक के अलावा भाजपा के किसी बड़े नेता ने इस प्रकरण पर बोलना तक उचित नहीं समझा है। आस्था के सवाल पर भाजपा की यह चुप्पी पार्टी को भारी पड़ सकती है। 31 जुलाई को साढ़े चार बजे के करीब आंवला के भाजपा सांसद धर्मेंद्र कश्यप जागेश्वर धाम पहुंचे। इसके बाद वे वहां पूजा-पाठ करने लगे। साढ़े पांच बजे उन्हें सूचित किया गया कि कोरोनाकाल में जो नियम बनाया गया है उसके अनुसार छह बजे से पहले उन्हें मंदिर परिसर से बाहर आना होगा। लेकिन सांसद ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। बताया जा रहा है कि इस दौरान मंदिर प्रबंधन कमेटी ने उनके साथ आए लोगों को नियम कानून की बात बताई जिसमें उन्होंने कहा कि छह बजे मंदिर परिसर का मुख्य गेट बंद हो जाएगा। कपाट बंद होने से पहले ही वह बाहर आ जाएं। लेकिन इस पर भी भाजपा सांसद ने कोई ध्यान नहीं दिया। मंदिर प्रबंधन समिति के द्वारा बार-बार इस बाबत सचेत करने के बावजूद जब सांसद अपने साथियों और सुरक्षा सदस्यों के साथ बाहर नहीं निकले तो मंदिर प्रबंधन समिति के प्रबंधक भगवान भट्ट मंदिर परिसर में गए। जहां उन्होंने भाजपा सांसद के साथी मोहन राजपूत से इस बाबत बात करनी चाही। लेकिन मोहन राजपूत ने कोई बात नहीं सुनी। इस पर प्रबंधक भगवान भट्ट की उनसे बहस होने लगी। इसी दौरान सांसद धर्मेंद्र कश्यप ने प्रबंधक भगवान भट्ट के साथ गाली गलौच शुरू कर दी। वायरल हुए वीडियो में इसे बखूबी देखा जा सकता है। वीडियो में सांसद मंदिर प्रबंधन कमेटी के प्रबंधक और पुजारियों से अभद्र भाषा में बात करते हुए देखे जा सकते हंै। बात इतनी बढ़ी की नौबत धक्का-मुक्की तक आ पहुंची। हालांकि मंदिर परिसर की सुरक्षा में लगी पुलिस ने बीच बचाव करने की कोशिश की। लेकिन स्थानीय पुलिस की कोई बात नहीं सुनी गई। यहां तक कि जब स्थानीय पुलिस उन्हें रोकने का प्रयास करने लगी तो सांसद के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें धकेल दिया। इसके बाद सांसद कश्यप मंदिर परिसर में अंदर घुसते ही चले गए। इस दौरान सांसद ने मंदिर के पुजारियों और प्रबंधक पर आरोप लगाया कि वह उनसे पूजा कराने के एक हजार रुपए मांग रहे थे। तभी मंदिर समिति के प्रबंधक भगवान भट्ट को वीडियो में यह कहते सुना जा सकता है कि मंदिर में भगवान शिव की कसम खाकर कहिए कि आपसे 1000 रुपए लिए गए। लेकिन इस पर सांसद कन्नी काटते हुए नजर आए। बाद में इस प्रकरण का वीडियो वायरल होने के बाद यह मामला सुर्खिंयों में आ गया। अगले दिन जागेश्वर के विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने इस मामले पर भाजपा सरकार की घेराबंदी कर दी। उन्होंने इसे प्रदेश के धार्मिक हितों को चोट पहुंचाने वाला मामला बताकर 24 घंटे का उपवास शुरू कर दिया। कुंजवाल जागेश्वर मंदिर परिसर में ही उपवास पर बैठ गए। कुंजवाल ने भाजपा सांसद के मंदिर परिसर में कोरोनाकाल में जबरन प्रवेश करने और पुजारियों के साथ गाली-गलौच करने के चलते उनसे माफी मांगने की मांग की, जबकि उनके साथ उपवास में शामिल हुए पुजारियों ने इस मामले पर सांसद के खिलाफ मामला दर्ज कराने की मांग की। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने भी भाजपा सांसद के इस कृत्य पर उनके द्वारा माफी मांगने की मांग करते हुए अपने आवास पर दो घंटे का उपवास कर डाला। बाद में राजस्व पुलिस चैकी कोटुली में भाजपा सांसद धर्मेंद्र कश्यप और उनके दो साथी मोहन राजपूत एवं सुशील अग्रवाल पर रिपोर्ट दर्ज की गई। अल्मोड़ा एसडीएम मोनिका के अनुसार इस मामले में भाजपा सांसद और उनके दो साथियों के खिलाफ धारा 188 और धारा 504 के तहत मामला दर्ज कराया गया है।

भाजपा नेताओं की तरफ से इस प्रकरण पर कोई प्रतिक्रिया अभी तक नहीं आई है। भाजपा सांसद धर्मेंद्र कश्यप ने यह कहकर मामले को घुमाने की कोशिश की है कि उनसे पूजा कराने के नाम पर 1000 रुपए मांगे गए। इस पर ही उन्होंने विरोध किया था। भाजपा सांसद की नजर में मामले को बेवजह मुद्दा बनाया गया है। इस प्रकरण पर महज विधानसभा उपाध्यक्ष और अल्मोड़ा के विधायक रघुनाथ सिंह चैहान की प्रतिक्रिया सामने आई है। चैहान ने कहा है कि जो भी कोरोना के नियम नहीं मानता है उन पर कार्यवाही होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि जो हुआ है गलत हुआ है। इसके अलावा भाजपा के किसी भी बड़े नेता का बयान सामने नहीं आया है।

सरासर झूठ बोल रहे हैं सांसद
जागेश्वर धाम में आने वाले श्रद्धालुओं से कोई पैसा नहीं मांगा जाता है। यहां पूजा कराने का शुल्क मंदिर कमेटी द्वारा निर्धारित किया गया है। जिसमें जो भी कोई श्रद्धालु अगर शुल्क देकर पूजा करवाना चाहता है, तो वह करवा सकता है। इसके लिए बकायदा रसीद कटवाते हैं। यहां किसी पर पैसे देने की कोई जोर जबरदस्ती नहीं की जाती है। सांसद धर्मेंद्र कश्यप जो पुजारियों के द्वारा एक हजार रुपए मांगने की बात कह रहे हैं, वह सरासर झूठ है। मंदिर में निःशुल्क दर्शन किए जाते हैं।
उन्होंने मामले को घुमाने के लिए यह सब कहा है। यहां मंदिर परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं जो सच बयान कर देने के लिए काफी हैं। इस प्रकरण की जांच होगी तो सीसीटीवी में कैद सच सामने आ जाएगा। जिसमें वह खुद ही अपशब्दों का बखान कर रहे हैंे।
आनंद भट्ट, पुजारी जागेश्वर धाम

भाजपा जवाब दे या माफी मांगे
भाजपा सांसद ने एक नहीं बल्कि कई नियम तोड़े हैं जो जागेश्वर धाम मंदिर समिति के बनाए कानूनों का उल्लंघन है। सबसे पहले यह कि जिस मंदिर में महज 15 दिन पहले गई उत्तराखण्ड की गवर्नर तक ने अपने सुरक्षा गार्ड मुख्य द्वार पर ही रोक दिए थे, वहां भाजपा सांसद अपने सुरक्षा गार्डों को मंदिर के अंदर ले गए। मंदिर समिति के नियमों के अनुसार हथियारों के साथ मंदिर में कोई प्रवेश नहीं कर सकता है। भाजपा सांसद कोरोनाकाल में निर्धारित समय के बाद भी मंदिर परिसर से बाहर नहीं निकले। शाम 6ः00 बजे मंदिर के कपाट बंद हो जाते हैं। लेकिन वह अपनी हठधर्मिता पर ही अड़े रहे। यही नहीं बल्कि भाजपा सांसद ने मंदिर समिति के प्रबंधक का गला पकड़ लिया और पुजारी को भिखारी कहा। यहां तक कहा कि गोली मारो इनको। हमने इस मामले में एक महीने का समय दिया है इस दौरान या तो भाजपा जवाब दे या इस प्रकरण पर माफी मांगे। नहीं तो आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
गोविंद सिंह कुंजवाल, विधायक जागेश्वर

सांसद कश्यप ने हमें गाली दी
सांसद धर्मेंद्र कश्यप की मंदिर में पूजा पाठ शाम चार बजे से शुरू हो गई थी। कोरोना नियम के अनुसार पूजा पाठ का समय सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक है। हमने सांसद और उनके साथियों को साढ़े पांच बजे ही इसकी सूचना दे दी थी। इसके बाद छह बजे फिर से कोरोना नियमों का हवाला देकर सांसद तथा उनके साथियों को मंदिर परिसर से बाहर आने को कहा। लेकिन वह साढ़े छह बजे तक मंदिर परिसर से बाहर नहीं निकले। इस बीच मैं खुद मंदिर परिसर में गया और सांसद के साथी मोहन राजपूत को इस बाबत बताया। इस बारे में मेरी सांसद से कोई बात नहीं हुई। लेकिन सांसद ने अचानक गाली-गलौच शुरू कर दी इस दौरान उन्होंने अपशब्दों का प्रयोग शुरू कर दिया। आस-पास के लोगों ने इस दौरान उनके इस अनुचित व्यवहार का वीडियो भी बनाया जो सोशल मीडिया पर चल रहा है। मैंने सासंद से मंदिर परिसर में शांति बनाए रखने तथा कार्यालय में शांतिपूर्वक ढंग से बैठकर बात करने का निवेदन किया। लेकिन सांसद द्वारा लगातार गाली-गलौच और अपशब्दों का प्रयोग किया जाता रहा। इस दौरान सांसद द्वारा न केवल उन्हें, बल्कि धाम के पुजारियों और स्थानीय जनता के लिए भी अपशब्दों का प्रयोग किया गया और कहा गया कि ये लोग भिखारी हैं जिन्हें मैं हर माह पैसा देता हूं। उन्होंने जब पूजा के लिए 1000 रुपए लेने की बात कही तो मैंने कहा कि मंदिर में भगवान शिव की कसम खाकर कहिए कि आप से 1000 रुपए लिए गए। इस पर वह चुप्पी साध गए। सांसद और उनके साथियों के अभद्र व्यवहार से हर कोई श्रद्धालु आहत है।
भगवान भट्ट, प्रबंधक जागेश्वर धाम मंदिर समिति

सांसद ने पहुंचाई आस्था को चोट
यूपी के सांसद का कृत्य निंदनीय है। उन्होंने जो पुजारियों के साथ अन्याय किया है वह अक्षम्य है। उन्होंने उस भगवान को पत्थर कहा जिसे पूजने वह हर साल यहां आते हैं। उन्होंने कहा कि इस पत्थर के हम 1000 रुपए देते हैं। ऐसा कहकर उन्होंने देवभूमि उत्तराखण्ड के लोगों की आस्था को चोट पहुंचाई है। वह जिन शिवजी को पूजने आए थे उनके बारे में ऐसी भाषा बोलना उन्हें शोभा नहीं देता है। हमने इसके चलते आंदोलन भी किया और मंदिर भी बंद रखा। मंदिर परिसर में वीआईपी कल्चर खत्म होना चाहिए। साथ ही सांसद यह बताए कि उन्होंने पत्थर के 1000 रुपए किसको दिए।
नवीन चंद्र भट्ट, पुजारी कुबेर मंदिर जागेश्वर धाम

जागेश्वर धाम में भाजपा सांसद के द्वारा किए गए अभद्र व्यवहार से मैं आहत हूं। भाजपा सरकार ने  जागेश्वर में होने वाले अंतराष्ट्रीय योग महोत्सव की परंपरा को बंद कर अपनी छोटी सोच जाहिर कर चुकी है। भाजपा को इस व्यवहार के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए, नहीं तो हमारी पार्टी भाजपा के खिलाफ माफी मांगो अभियान चलाएगी।

हरीश रावत, पूर्व मुख्यमंत्री

हम देवभूमि के बाशिंदे हैं। यहां आने वाले सभी लोगों का स्वागत है। लेकिन इस तरह नहीं जिस तरह हमारे प्रसिद्ध तीर्थस्थल जागेश्वर धाम में हुआ। कोरोना की तीसरी लहर आने वाली है। ऐसे में कोविड के नियमों का पालन करना जरूरी है चाहे वह कोई भी हो। जब कानून बनाने वाले ही कानूनों का उल्लंघन करेंगे तो कैसे होगा।

रघुनाथ सिंह चैहान, विधायक अल्मोड़ा

 

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