उत्तराखण्ड में अधिकारियों को अब यह भ्रम टूट जाना चाहिए कि सत्ता से करीबी वक्त पड़ने पर किसी काम की नहीं रहेगा। न्यायालय का फैसला जनहित में ही होता है। नैनीताल हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हरिद्वार के जिला शिक्षा अधिकारी ब्रह्मपाल सैनी के निलंबन के दिए हैं। इससे शिक्षा विभाग में हड़कंप की स्थिति बन गई है।
गौरतलब है कि शिक्षा विभाग में ब्रह्मपाल सैनी की गिनती सरकार में मजबूत पकड़ रखने वाले अधिकारियों में की जाती रही है। कुछ समय पूर्व हरिद्वार से हटाए गए ब्रह्मपाल सैनी की पुनः नियुक्ति हरिद्वार जनपद में जिला शिक्षा अधिकारी प्राथमिक शिक्षा के पद पर हुई थी।
उसके पश्चात पदम सिंह नामक व्यक्ति द्वारा नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका डालकर ब्रह्मपाल सैनी के ऊपर गंभीर आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की गई थी।नैनीताल हाई कोर्ट द्वारा 30 जुलाई को जारी आदेश के क्रम में महानिदेशक विद्यालय शिक्षा आर मीनाक्षी सुंदरम ने 6 अगस्त को ब्रह्मपाल सैनी के निलंबन के आदेश जारी कर दिए। गौर करने वाली बात यह है निलंबित किए गए जिला शिक्षा अधिकारी ब्रह्मपाल सैनी का अगले माह रिटायरमेंट था। रिटायरमेंट से पूर्व निलंबन की कार्रवाई ब्रह्मपाल सैनी के लिए बड़ा झटका मानी जा रही है।