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Uttarakhand

नैनीताल में पहली बार दिखी ग्रे-बिल्ड टिसिया चिड़िया

-नैनीताल के आसपास ढाई सौ से अधिक पक्षियों की प्रजातियां

 

नवीन तिवारी नैनीताल

नैनीताल में ग्रे-बिल्ड टिसिया चिड़िया देखी गई है। सरोवरनगरी निवासी छायाकार संतोष कुमार सिंह ने इस पक्षी को अपने कैमरे में कैद किया है। पक्षी विशेषज्ञों का दावा है, कि इससे पहले यह पक्षी यहां कभी नहीं देखा गया, लेकिन अब भोजन की तलाश में कई तरह के पक्षी नैनीताल के आसपास देखे जा रहे हैं।
‘दी संडे पोस्ट’से विशेष बातचीत में मेविला कंपाउंड निवासी संतोष ने बताया कि वह बीते लंबे समय से प्रकृति एवं पक्षियों की फोटोग्राफी कर रहे हैं। संतोष ने सैकड़ों की संख्या में पशु-पक्षियों को कैमरे में कैद किया है, लेकिन इस बार उन्हें नैनीताल में ग्रे-बिल्ड टिसिया देखने का सौभाग्य मिला। नैनीताल के अयारपाटा स्थित एक बांस की झोपड़ी में उन्होंने इस छोटे से तेज तर्रार पक्षी को देखा। वह इस पक्षी के मनमोहक स्वर को सुनते हुए पीछे गए। घंटों बाद उन्होंने किसी तरह उसकी तस्वीर को कैमरे में कैद कर लिया। इसके अलावा उन्होंने नैनी झील में ग्रेट क्रेस्टेड ग्रीब को भी देखा। बताया जा रहा है, कि इसे भी नैनीताल जैसी ऊंचाई वाले क्षेत्र में पहली बार ही देखा गया है। पक्षी विशेषज्ञों के अनुसार गर्मी तथा जाड़ों के मौसम में हर वर्ष ही विभिन्न प्रजातियां नैनीताल का रूख करती हैं, लेकिन इस बार कुछ नई प्रजातियों को भी देखा जा रहा है।

पक्षियों के लिए आरक्षित किया गया क्षेत्र
नैनीताल में किलबरी, पंगूट, कुंजाखड़क आदि जैव विविधता के लिहाज से विशेष पहचान रखते हैं। विभिन्न वनस्पतियों के साथ ही यहां जंगली जानवरों और पक्षियों की प्रजातियां पाई जाती हैं। छोटे से क्षेत्र में इतनी प्रजातियों की मौजूदगी अपने आप में अनूठी बात है। इन प्रजातियों के संरक्षण के लिए इसे 2015 में जैव आरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया। जिसके बाद से यहां लगातार पक्षी प्रेमी पहुंच रहे हैं।

ये पक्षी हैं यहां मौजूद
बर्ड रिजर्व क्षेत्र में कोकलास, ग्रीन टेल्ड सनबर्ड, चीर फिजेंट, गिद्ध, हिमालयन ग्रीफॉन, कलजी तीतर, स्कूप आउल, कलीज फिजेंट, फ्लाईकैचर, हिमालयन मैगपाई, ट्री मैगपाई, वाइनेसियस, क्रिनजन ब्राउड, हॉनविल समेत ढाई सौ से अधिक पक्षी मौजूद हैं।

ग्लोबल वॉर्मिंग के प्रभाव से रुख कर रहे पक्षी
पक्षी विशेषज्ञों के अनुसार ग्लोबल वॉर्मिंग का पक्षियों पर भी खासा प्रभाव पड़ा है। अंतरराष्ट्रीय छायाकार पद्मश्री अनूप साह के अनुसार जलवायु परिवर्तन के चलते मैदानी इलाकों में अधिक गर्मी के कारण पक्षी ठंडे क्षेत्रों का रुख कर रहे हैं। पिछले कुछ समय में नैनीताल आने वाले पक्षियों की संख्या में इजाफा हुआ है।

– नैनीताल में ग्रे-बिल्ड टिसिया को पहली बार देखा गया है। हालांकि अन्य प्रजातियां पूर्व में अन्य जगहों पर देखी गई हैं। पक्षियों के प्रवास के लिए नैनीताल के कुछ क्षेत्र पहले से ही महत्वपूर्ण हैं। यहां मौसम परिवर्तन के साथ पक्षियों की आवाजाही शुरू हो जाती है।
– पद़श्री अनूप साह, अंतरराष्ट्रीय छायाकार

ग्रे-बिल्ड टिसिया को अब तक नैनीताल में नहीं देखा गया है। इस तरह के पक्षी भोजन की तलाश में अन्यत्र प्रवास करते हैं। साथ ही जलवायु परिवर्तन तथा माननीय हस्तक्षेप के कारण भी पक्षी अनुकूल वातावरण के अलावा अन्य स्थानों पर पहुंच रहे हैं।
– केएस सजवान, पक्षी विशेषज्ञ वन विभाग।

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