अलकनंदा और भागीरथी के संगम देवप्रयाग के प्रति श्रद्दालुओं की पौराणिक काल से ही आस्था रही है। पहाड़ के गांव.गांव से लोग यहां देवी. देवताओं को स्नान कराने लाते हैं। जनता की यही मजबूत आस्था उसे यहां शराब फैक्ट्री के खिलाफ आंदोलन को विवश कर रही है। स्थानीय लोग ही नहींए बल्कि देशभर के श्रद्धालु इसे गलत मान रहे हैं। धर्म और राजनीति से जुड़े कई महत्वपूर्ण लोगों ने भी शराब की यूनिट को तत्काल बंद करने की मांग की है। इलाके में शराब यूनिट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली की एक फर्म ने 2016 में टिहरी जिले के डुडवा.भांडली गांव में शराब यूनिट स्थापित करने का लाइसेंस लिया था। यूनिट का ट्रायल रन हाल ही में शुरू हुआए जिसके बाद शराब के बोतल की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। इसके बाद सोशल मीडिया पर लोग हिल टॉप नामक इस शराब को लेकर सरकार को जमकर कोस रहे हैं। शराब यूनिट को लेकर स्थानीय लोगों को जब 2016 में भनक लगी थी तो तब भी उन्होंने इसका विरोध किया था।
इस बीच जनता के विरोध के बीच राजनीतिक जंग भी शुरू हो चुकी है। भाजपा समर्थक संदेश दे रहे हैं कि फैक्ट्री की नींव राज्य के पूर्व सीएम हरीश रावत के समय में पड़ी थीए जबकि कांग्रेसी इसके लिए त्रिवेन्द्र सरकार को कोस रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा भी है कि श्मेरी सरकार ने फ्रूट बीयर और वाइन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की इजाजत दी थी ना कि विस्की कीए जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर चल रही हैं। साथ ही अगर मेरी सरकार ने कोई गलती की थी तो वर्तमान सरकार उसमें बदलाव क्यों नहीं कर रही हैघ्श् रावत ने यह भी कहा कि शराब फैक्ट्री के खिलाफ ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन में वह भी शामिल होंगे। पूर्व सीएम ने कहाए श्देवप्रयाग एक पवित्र नगरी है और लोग वहां विस्की फैक्ट्री की इजाजत नहीं देंगे। राज्य सरकार को उनकी भावनाओं का आदर करना चाहिए।