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Uttarakhand

युवा मुख्यमंत्री का कमोवेश युवा मंत्रिमंडल

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने दूसरे कार्यकाल के लिए कैबिनेट के साथ शपथ ले ली है। फिलहाल 8 कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं जिनमें तीन नए चेहरे हैं तो पांच पुराने मंत्रियों पर ही विश्वास किया गया है। तीन अन्य मंत्रियों की ताजपोशी फिलहाल टल गई है। बताया जा रहा है कि तीन पदों को फिलहाल रिक्त रखा जाएगा। पिछली सरकार में शामिल मंत्रियों में से बंशीधर भगत, बिशन सिंह चुफाल और अरविंद पाण्डे को धामी सरकार के दूसरे कार्यकाल के मंत्रिमंडल में स्थान नहीं देने का निर्णय खासा चौंकाने वाला है।

सतपाल महाराजः धामी सरकार के दूसरे कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री पद की शपथ लेने वाले सतपाल महाराज का जन्म 21 सितम्बर 1951 को हरिद्वार के कनखल में हुआ। धर्मगुरू के नाम से विख्यात महाराज की शिक्षा सेंट जॉर्ज कॉलेज मसूरी में हुई। 90 के दशक में सतपाल महाराज कांग्रेस से जुड़े और सक्रिय राजनीति में आए। कांग्रेस के टिकट पर पौड़ी लोकसभा से सांसद निर्वाचित हुए और केंद्र की देवगौड़ा सरकार में पहली बार रेल राज्यमंत्री बने। देवगौड़ा सरकार के पतन के बाद इंद्रकुमार गुजराल सरकार में भी महाराज राज्यमंत्री रहे। पृथक उत्तराखण्ड राज्य बनने के बाद पहली निर्वाचित कांग्रेस की तिवारी सरकार में सतपाल महाराज बीस सूत्रीय कार्यक्रम के उपाध्यक्ष रहे। 2009 में कांग्रेस पार्टी से पोड़ी सीट पर सांसद का चुनाव जीते और 2014 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए। 2017 के विधानसभा चुनाव में चौबट्टाखाल सीट से विधायक बने और तत्कालीन त्रिवेंद्र रावत सरकार में पर्यटन, धर्मस्व एवं लोक निर्माण विभागों के कैबिनेट मंत्री बने।

सुबोध उनियालः मूलतः पौड़ी जिले के बुघाणी गांव के समीप राजराजेश्वरी मंदिर के पुजारी उनियाल परिवार के सुबोध उनियाल का जन्म 26 जुलाई 1960 को हुआ। इलाहबाद विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र से स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त करने वाले उनियाल विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति से जुड़े रहे। उत्तराखण्ड राज्य बनने के बाद पहली बार 2002 में नरेंद्रनगर विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा औेर जीत हासिल की। 2007 में मामूली अंतर से चुनाव हार गए। लेकिन 2012 में फिर से चुनाव जीत कर दूसरी बार विधायक बने। 2017 में कांग्रेस को अलविदा कह भाजपा में शामिल हुए और भारी मतों से चुनाव जीता। 2022 में फिर चुनाव जीत लगातार तीसरी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। 2002 में तिवारी सरकार में मुख्यमंत्री के पर्यटन सलाहकार रह चुके उनियाल त्रिवेंद्र्र रावत सरकार में पहली बार मंत्री बने और तीरथ तथा धामी सरकार के पहले कार्यकाल में भी कृषि, कृषि शिक्षा तथा उद्यान मंत्री रहे हैं। धामी सरकार के दूसरे कार्यकाल में फिर से केबिनेट मंत्री बनाए गए हैं।

धन सिंह रावतः पौड़ी जिले के खिर्सू में 7 अक्टूबर 1971 को जन्मे। धन सिंह रावत राजनीति विज्ञान में पीएचडी कर चुके हैं। एबीवीपी से जुड़कर छात्र राजनीति में आए और संघ के कार्यकर्ता रहे। भाजपा के संगठन मंत्री के पद पर रह चुके धन सिंह रावत 2017 में पहली बार श्रीनगर विधानसभा सीट से चुनाव जीते और त्रिवेंद्र रावत सरकार में सहकारिता, प्रोटोकॉल और दुग्ध विकास विभाग के स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री बने। तीरथ सिंह रावत सरकार में भी राज्यमंत्री रहे। लेकिन धामी सरकार के पहले कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री बनाए गए। साथ ही स्वास्थ्य मंत्री भी बनाए गए। धामी पार्ट टू में फिर से धन सिंह रावत को केबिनेट मंत्री बनाया गया है।

गणेश जोशीः पूर्व सैनिक रह चुके गणेश जोशी का 25 फरवरी 1958 को सैनिक परिवार में जन्म हुआ। जोशी गढ़वाल रेजिमेंट में राइफल मैन के पद से बीआरएस लेकर राजनीति में आए। भाजपा में संगठन के पद पर काम कर चुके जोशी पहली बार 2007 में राजपुर सीट से चुनाव जीते और 2012 से लेकर 2022 तक गणेश जोशी मसूरी सीट से लगातार तीन बार चुनाव जीत चुके हैं। 2009 में भाजपा सरकार में उत्तराखण्ड विधानसभा की आवास समिति के अध्यक्ष बनाए गए। तीरथ सिंह रावत सरकार में पहली बार सैनिक कल्याण और पुनर्वास तथा औद्योगिक विकास विभाग में कैबिनेट मंत्री बनाए गए। धामी सरकार के पहले कार्यकाल में भी कैबिनेट मंत्री रहे जोशी को फिर से धामी पार्ट टू में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।

रेखा आर्याः 2017 में भाजपा की तीनों सरकारों में मंत्री रही रेखा आर्या का जन्म 9 मई 1978 को अल्मोड़ा जिले के सुनाड़ी गांव में हुआ। 2003 में पहली बार जिला पंचायत अध्यक्ष बनी। 2014 में भाजपा को छोड़कर कांग्रेस में आई और कांग्रेस के टिकट पर सोमेश्वर सुरक्षित सीट पर चुनाव लड़कर विधायक बनी। 2016 में कांग्रेस की हरीश रावत सरकार से बगावत करके भाजपा में शामिल हुई और 2017 में फिर से सोमेश्वर सीट से चुनाव जीतकर पहली बार त्रिवेंद्र रावत सरकार में महिला एवं बाल विकास और पशुपालन मंत्रालय की राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार रही। तीरथ सरकार में भी राज्यमंत्री बनी रहीं। धामी सरकार के पार्ट वन में केबिनेट मंत्री बनी और अब धामी के दूसरे कार्यकाल में फिर से कैबिनेट में जगह पाने में कामयाब रहीं।
प्रेमचंद अग्रवालः 12 अप्रैल 1960 को डोईवाला में जन्मे प्रेमचंद अग्रवाल कॉमर्स से स्नातकोत्तर और वकालत की शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं। गढ़वाल मंडल विकास निगम के अध्यक्ष रह चुके अग्रवाल 2007 में पहली बार ऋषिकेश विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते और तब से लेकर 2022 तक लगातार चोथी बार चुनाव जीत चुके हैं। 2017 में विधानसभा अध्यक्ष बने, जबकि 2009 से लेकर 2012 तक संसदीय सचिव भी रह चुके हैं। धामी सरकार के पार्ट टू में पहली बार कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं।
चंदनराम दासः अल्मोड़ा जिले के सुरईखेत गांव में 10 अगस्त 1957 को जन्मे चंदन राम दास उच्च शिक्षित हैं। 1997 में पहली बार बागेश्वर नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीता और 2006 में भाजपा में शामिल होकर 2007 में बागेश्वर सुरक्षित सीट से चुनाव जीत कर विधायक बने। तब से लेकर 2022 तक चंदनराम दास लगातार चार बार बागेश्वर सीट से विधायक का चुनाव जीत रहे हैं। धामी सरकार के दूसरे कार्यकाल में पहली बार चंदनराम दास को केबिनेट मंत्री बनाया गया है।
सौरभ बहुगुणाः अविभाजित उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार में सौरभ बहुगुणा का जन्म हुआ है। स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा के पौत्र पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के दूसरे पुत्र सौरभ बहुगुणा का जन्म 11 मार्च 1978 को हुआ। उच्च शिक्षित और गोल्फ के अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रहे, 17 वर्षों तक ओएनजीसी में वरिष्ठ प्रबंधक के पद पर कार्य कर चुके हैं। बीए और एलएलबी की शिक्षा प्राप्त सौरभ बहुगुणा 2017 में पहली बार सितारगंज विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीत कर विधायक निर्वाचित हुए। 2022 में फिर से सितारगंज सीट से दूसरी बार विधायक बने हैं। धामी सरकार पार्ट टू में पहली बार कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं।

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