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  •          अरुण कश्यप

 

पिछले लंबे समय से अवैध खनन के लिए बदनाम हो चुके हरिद्वार जिले में अब यही समस्या नासूर बनती जा रही है। यहां अवैध खनन और ओवरलोड का धंधा जोरों से चल रहा है, जो आए दिन आम लोगों की यहां सड़क दुर्घटनाएं और खनन के गड्ढे में डूबकर मरने की घटनाएं बढ़ती ही जा रही हैं। हरिद्वार और लक्सर तहसील क्षेत्र में प्रत्येक वर्ष दर्जनों मौतें सिर्फ अवैध खनन और ओवरलोड की वजह से होती हैं। कुछ दिन पूर्व अवैध खनन से लदी एक ट्रैक्टर-ट्रॉली ने तीन पेशे से स्कूल संचालक और राशन डीलर कृष्णकांत शर्मा अपनी 5 साल की बेटी को स्कूल ले जाने को घर से निकले थे। रास्ते में उन्हें 7 साल का जसवंत भी मिला जिसके पिता बंटी ने कहा कि आज जसवंत की बस छूट गई है तो मास्टर जी कृपा करके जसवंत को स्कूल तक छोड़ दीजिए जसवंत भी उन्हीं के स्कूल का छात्र था। बंटी को क्या पता था की वह आखिरी बार अपने बेटे को विदा कर रहा है। तीनों स्कूटी पर सवार होकर जैसे ही गांव से बाहर निकले तो दूसरी ओर से तेज गति से आ रही ट्रैक्टर ट्रॉली इन तीनों के ऊपर चढ़ गयी। ट्रेक्टर का चालक गुड्डू भी गांव टांडा भागमल का है। जो भोगपुर ग्राम पंचायत का ही एक क्षेत्र है।

आस-पास के लोगो की मानें तो ट्रैक्टर ट्रॉली बेहद तेज गति से आ रही थी। पल भर में तीन जिंदगियां मौत की आगोश में समा गईं। बामुश्किल ग्रामीणों ने तीनों को ट्रैक्टर के नीचे से बाहर निकाला, लेकिन तब तक 7 वर्षीय जसवंत और 55 वर्षीय शिक्षक कृष्णकांत दम तोड़ चुके थे। इसके बाद कृष्णकांत की 5 वर्षीय बेटी श्रुति ने अस्पताल के आईसीयू में अंतिम सांस ली। इसी समय मातृ सदन के स्वामी शिवानंद भी अपने कुछ संतो के साथ मृतकों के घर पहुंचे थे। इस हादसे ने दिल दहला कर रख दिया। जिला प्रशासन पर खनन माफियाओं से सांठ-गांठ की चर्चाएं पहले से ही चलती रही हैं जो इस घटना से तुरंत प्रबल होती नजर आई। मामले की गंभीरता को देखते तुरंत हरकत में आए प्रशासनिक अधिकारियों ने अपनी साख बचाने के लिए हिमगंगे, श्री जी और विजय लक्ष्मी नाम के 3 स्टोन क्रेशरों को तुरंत सीज कर दिया। आरोप है कि ये तीनो स्टोन क्रेशर अवैध खनन ले रहे थे। इसमें कोई दो राय नहीं की उच्चाधिकारियों की बिना मौन स्वीकृति के इतने बड़े स्तर पर अवैध खनन चल पाना असंभव है। लेकिन अवैध खनन और ओवर लोड का खेल खेल रहे लोगों ने अगले दिन ही एक और घटना को अंजाम दे डाला। खनन सामग्री से लदे डंपर बाइक सवार 3 युवकों को कुचल कर मौत की नींद सुला दिया।

यह घटना लक्सर पुरकाजी मार्ग पर हुई जहां ओवर लोड डंपर ने एक मोटर साइकिल को पीछे से टक्कर मार दी। जिससे मोटर साइकिल सहित तीनों को डंपर करीब आधा किलोमीटर तक सड़क पर घसीटते हुए ले गया। हादसा इतना दर्दनाक और भयावह था कि रायसी निवासी भूरा, बीजोपुरा निवासी सागर और अभिषेक के शवों के टुकड़ों को सड़क से इकठ्ठा तक करना पड़ा था। 38 घंटों के भीतर हुए इन हादसों ने जिला प्रशासन के दावों की हकीकत सामने ला दी। लेकिन अफसोस यह है कि ये आखिरी हादसे नहीं हैं। हादसों का सिलसिला जारी है। क्योंकि अवैध खनन और उससे उत्पन्न ओवरलोड के खेल में वर्दीधारियों के साथ- साथ सफेदपोश नेता, माफियाओं और अधिकारियों की एक लॉबी है जो इस अवैध कारोबार को संरक्षण देती है।

आपको बता दें इससे पहले भोगपुर में अवैध खनन से लदी ट्रैक्टर ट्रॉली ने तीन जिंदगियां लील ली थी। वह ट्रैक्टर ट्रॉली भाजपा के मंडल महामंत्री ऋषिपाल राठौर के सगे भाई की थी। इस प्रकरण से यह साबित हो जाता है कि इस अवैध कारोबार को किस बड़े पैमाने पर सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओ का सहयोग और संरक्षण है। स्थानीय सूत्रों की मानें तो अवैध खनन करने की अनुमति घंटों के हिसाब से दी जाती है। ऐसी स्थिति में डंपर और ट्रैक्टर ट्रॉली चालकों पर यह दबाव रहता है कि वह कम समय में अधिक से अधिक खनन सामग्री स्टोन क्रेशर तक पहुंचाएं। इस दौरान वे आपा-धापी की दौड़ में शामिल रहते हैं। यही अंधी दौड़ अब तक कई जिंदगियों को लील गई है।

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