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Uttarakhand

भाजपा की चुनावी रणनीति का अस्त्र बनेगा सैन्य धाम

भाजपा की चुनावी रणनीति का अस्त्र बनेगा सैन्य धाम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखण्ड में सैन्य धाम के रूप में जिस पांचवे धाम की की घोषणा की थी उस पर प्रदेश सरकार ने काम आरंभ कर दिया है। इसके लिए सहस्रधारा रोड स्थिति ट्रेंचिंग ग्राउंड की 50 बीघा भूमि को इसके निर्माण के लिए चयन कर लिया गया है। नगर निगम देहरादून ने राज्य सरकार को सैन्य धाम के लिए उक्त भूखंड देने का निर्णय लिया है। माना जा रहा है कि 2022 होने वाले विधानसभा चुनाव से पूर्व ही प्रदेश को भव्य ‘सैन्य धाम’ मिल जाएगा।

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने उत्तराखण्ड दौरे के समय ही बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमनोत्री जैसे पवित्र चारधाम के अलावा सैनिक बाहुल्य प्रदेश होने के नाते एक सैन्य धाम होने की बेहद जरूरत बताई थी और इसके लिए उन्होंने इसकी घोषणा भी की थी। उत्तराखण्ड में जिस तरह से सैनिकों की तादात रही है उसके अनुरूप एक सैन्य धाम का निर्माण किया जाएगा।

इस घोषणा के बाद से ही प्रदेश सरकार इसके लिए जमीन तलाशने का काम कर रही थी। देहरादून नगर निगम के मेयर सुनील उनियाल गामा ने मुख्यमंत्री से मिलकर सहस्रधारा रोड स्थित ट्रेचिंग ग्राउंड की भूमि सैन्य धाम के लिए देने का निर्णय लिया। जिस पर अब सरकार सैन्य धाम का निर्माण करा पाएगी। वर्तमान में इस भूखंड में लाखों टन कूड़ा-कचरा फैला हुआ है। पूर्व में देहरादून शहर का यह कूड़ा निस्तारण केंद्र बना हुआ था। इस मामले में स्थानीय नागरिकों ने हाईकोर्ट में में एक याचिका दाखिल की थी जिस पर अब कूड़ा डम्प नहीं किया जाता है। इसके लिए अब सेलाकुई स्थित शीशमबाड़ा में कूड़ा संयत्र लगाया जा चुका है। लेकिन यहां पहले से डम्प कूड़े का निस्तारण करना भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।

पूर्व में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कूड़े का निस्तारण करने और इसे जैविक खाद बनाने के लिए इसमें नियमित छि़डकाव करने की योजना भी आरंभ किया था। अब इसके लिए बायो रेमिडिएशन प्रक्रिया से इसमें डम्प कूड़ा का भी निस्तारण किए जाने पर काम हो रहा है। इसमें कूड़े से कम्पोस्ट खाद बनाकर शेष कूड़े का निस्तारण किया जाएगा। तकरीबन 4 हेक्टेयर में सैन्य धाम का निर्माण होगा तथा तीन हेक्टेयर भूखंड में भव्य पार्क का निर्माण किया जाएगा। जिसके लिए देहरादून नगर निगम ने इस भूखंड की साफ-सफाई का काम आरंभ करने का आदेश जारी कर दिया है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री सैन्य धाम के निर्माण में व्यक्तिगत रुचि ले रहे हैं जिससे कार्य जल्द होने की उम्मीद जताई जा रही है।

उत्तराखण्ड सैनिक बाहुल्य प्रदेश होने के चलते यहां के राजनीतिक दलों, सैनिकों और पूर्व सैनिकों के लिए तमाम तरह की योजनाएं चलाई जाती रही हैं। राज्य की पहली निर्वाचित कांग्रेस की नारायण दत्त तिवारी सरकार से लेकर मौजूदा सरकार में भी अनेक ऐसी योजनाएं और घोषणाएं की जा चुकी हैं जिनका सीधा फायदा पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों को मिल रहा है। पूर्व सैनिकों की अच्छी-खासी संख्या के चलते इसे राजनीतिक लाभ के लिए भी जमकर उपयोग किया जाता रहा है। पूर्व सैनिकों के नाम पर राज्य में रक्षा मोर्चा नाम के राजनीतिक दल का भी गठन हो चुका है। इस दल ने 40 से भी अधिक सीटों पर अपने उम्मीदवार मैदान में उतार चुके हैं। हालांकि एक भी सीट पर रक्षा मोर्चे को सफलता हासिल नहीं हुई लेकिन मतों का समीकरण बनाने और बिगाड़ने में रक्षा मोर्चा बहुत हद तक सफल भी रहा।

इसे देखते हुए भाजपा संगठन और सरकार सैनिकों को लेकर राजनीतिक तौर पर काम करती रही है। पूर्व में देहरादून स्थित चीड़ बाग में युद्ध स्मारक के निर्माण की बात हो या फिर सैन्य धाम की सभी में कहीं न कहीं उसी का प्रभाव है। जिस तरह से बात सामने आ रही है कि सैन्य धाम का निर्माण 2022 से पूर्व हो जाएगा तो इससे साफ है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा इसका भरपूर लाभ लेने के लिए प्रदेश को जल्द से जल्द सैन्य धाम की सौगात दे सकती है। इसके लिए स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहल कर चुके हैं।

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