- अली खान
रुड़की नगर निगम के मेयर गौरव गोयल इन दिनों मुश्किलों में हैं। एक तरफ उन पर अपनी फैक्ट्री के कर्मचारियों को नगर निगम का कर्मचारी दर्शाकर भुगतान करने का आरोप है, तो दूसरी तरफ एक महिला ने उनके खिलाफ छेड़छाड़ का मामला भी दर्ज कर लिया है। दिक्कत यह है कि महिला ने न सिर्फ मेयर बल्कि उनके भाई और चार अन्य लोगों पर भी मारपीट का मुकदमा दर्ज किया है। महिला ने दो माह पूर्व मेयर पर कैंप कार्यालय में बुलाकर छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था और पुलिस को तहरीर दी थी। पुलिस महिला के पति पर पूर्व में दर्ज हुए मुकदमे के साथ आरोपों को जोड़ते हुए जांच कर रही थी। इसी बीच महिला ने कोर्ट की भी शरण ली।
गंगनहर कोतवाली क्षेत्र निवासी एक महिला ने दिसंबर माह में मेयर गौरव गोयल के खिलाफ तहरीर दी थी। महिला ने आरोप लगाया था कि मेयर के घर पर उसके पति काम करते थे। 22 दिसंबर को मेयर ने पति को घर पर बुलाया था। इस बीच मेयर ने पति के खिलाफ झूठा केस दर्ज कर जेल भिजवा दिया था। महिला के मुताबिक मेयर ने 25 दिसंबर को एक व्यक्ति के जरिये उसे संदेश भिजवाया कि अगर वह पति को जेल से छुड़वाना चाहती है, तो कैंप कार्यालय पर आकर मिले। इस पर वह अपनी सास के साथ मेयर के कैंप कार्यालय पहुंची। कैंप कार्यालय में मेयर ने सास को बाहर बैठा दिया था और उससे अकेले में बात करने की बात कही। मेयर ने पति को जेल से छुड़ाने के बहाने छेड़छाड़ कर दी थी। विरोध करने पर मेयर के भाई और अन्य लोगों ने मारपीट कर दी थी। वह किसी तरह वहां से जान बचाकर भागी थी। महिला ने इस मामले में पुलिस को तहरीर दी थी। जिसके बाद पुलिस महिला के पति पर दर्ज हुए मुकदमे के साथ ही महिला की तहरीर में लगाए गए आरोपों की जांच कर रही थी। इसी बीच महिला ने कोर्ट की शरण ली। वृहस्पतिवार को कोर्ट ने पुलिस को केस दर्ज करने के आदेश दिए। गंगनहर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक मनोज मैनवाल ने बताया कि मेयर गौरव गोयल के खिलाफ छेड़छाड़ और मेयर के भाई राजीव गोयल निवासी पुरानी तहसील, मेयर के पीए आलोक सैनी निवासी शेरपुर के अलावा सार्थक गोयल निवासी आवास विकास काॅलोनी, मनोज कश्यप निवासी सुनहरा और अनुज सिंह निवासी गांव मेहवड़ के खिलाफ मारपीट का केस दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि केस दर्ज करने के बाद जांच जारी है। जांच में जो भी सामने आएगा उसी के आधार पर आगे की प्रक्रिया की जाएगी।
मेयर की एक मुश्किल यह भी है कि नगर निगम के वार्ड नंबर 37 के पार्षद नितिन त्यागी ने 13 जनवरी 2021 को उनके खिलाफ शहरी विकास सचिव को एक शिकायती पत्र भेजा था। जिसमें उन्होंने मेयर पर अपनी फैक्ट्री के कर्मचारियों को नगर निगम के नाला गैंग कर्मचारी दर्शाकर वेतन भुगतान किए जाने का आरोप लगाया था। पार्षद ने नगर निगम की धनराशि से निजी कर्मचारियों को वेतन दिलाने को गंभीर अनियमितता बताते हुए जांच कर कार्रवाई की मांग की थी। जिस पर उत्तराखण्ड शासन के उपसचिव अनिल जोशी की ओर से जिलाधिकारी हरिद्वार सी रविशंकर को शिकायती पत्र में दिए गए तथ्यों की जांच कर आख्या उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए हैं।