दुनियाभर में विख्यात मां मनसा देवी करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है। यही कारण है कि न केवल यहां पर हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, बल्कि अपनी-अपनी आस्था के अनुसार दान देते और चंदा भी भिजवाते हैं। कुछ लोग मां मनसा देवी ट्रस्ट के नाम पर फर्जी ट्रस्ट बनाकर चंदे की अवैध उगाही में लगे रहते हैं। गत् 20 अप्रैल को कोतवाली हरिद्वार पुलिस ने इसी के नाम से मिलता-जुलता ट्रस्ट बनाकर पैसों की उगाही करने वाले 9 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। चार माह बाद एक बार फिर मनसा देवी ट्रस्ट चर्चाओं में है। इस बार देहरादून की एक महिला की शिकायत पर न्यायालय ने 6 लोगों पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। जबकि हरिद्वार पुलिस ने 3 लोगों पर ही रिपोर्ट दर्ज की है। मनसा देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी सहित दो को एफआईआर में अंकित ही नहीं किया गया
लगातार विवादों में रहने वाले निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविन्द्रपुरी और विवाद जैसे एक-दूसरे के पर्यायवाची बनकर रह गए हैं। दिन-प्रतिदिन भले ही रविंद्रपुरी के चरणों में अलग- अलग प्रदेशों के मुख्यमंत्री सहित कई केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ अधिकारीगण शीश नवाने पहुंचते हो परन्तु वही रविन्द्रपुरी राजाजी टाइगर नेशनल पार्क की बेशकीमती भूमि पर मनसा देवी ट्रस्ट के नाम का इस्तेमाल कर अवैध कब्जाई गई वन विभाग की भूमि पर दुकाने बनाकर मोटा किराया वसूलने के आरोप में फंस गए हैं। इस संबंध में हरिद्वार के अपर सिविल जज जेडी (जेएम) के न्यायालय में वन विभाग की भूमि पर अवैध कब्जा कर दुकान बनाकर ट्रस्ट के नाम पर किराया वसूलने के संबंध में नगर कोतवाली पुलिस को रविन्द्रपुरी सहित ट्रस्ट से जुड़े 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने के आदेश जारी किए हैं। जबकि पुलिस ने महज तीन लोगों को ही आरोपी बनाया है।
जानकारी के अनुसार अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् एवं मनसा देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रविन्द्रपुरी महाराज और बिन्दू गिरी सहित अन्य छह लोगों के खिलाफ वन विभाग की आरक्षित भूमि पर कब्जा कर मनसा देवी मंदिर के नाम पर बने ट्रस्ट के नाम से दुकानों का अवैध रूप से किराया वसूली करने का आरोप लगाते हुए देहरादून निवासी एक महिला द्वारा मुकदमा दर्ज कराने की मांग को लेकर न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया गया था।
गौरतलब है कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् और मनसा देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रविन्द्रपुरी महाराज सहित सभी आरोपियों को मजबूत राजनीतिक पकड़ रखने वाले संतों के रूप में जाना जाता है। यह रविन्द्रपुरी की सत्ता पर मजबूत पकड़ का ही परिणाम है कि पीड़ित महिला उनके खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर हरिद्वार कोतवाली नगर से लेकर एसएसपी हरिद्वार तक के कार्यालय के चक्कर लगाती रही। लेकिन उसकी आवाज रविन्द्रपुरी की पहुंच के आगे दम तोड़ती नजर आई। आखिरकार पीड़ित महिला ने रोशनाबाद सत्र न्यायालय में अधिवक्ता अनुराग श्रीकुंज से संपर्क साधा। श्रीकुंज की दमदार पैरवी और लम्बी बहस के पश्चात् कोर्ट द्वारा कोतवाली पुलिस को मुकदमा लिखने के आदेश जारी किए गए हैं।
शशि ठाकुर पुत्री रघुवीर सिंह ठाकुर निवासी इंदिरापुरम देहरादून ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर बताया था कि उनके चाचा रामा को मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट ने मंदिर परिसर में एक दुकान कैंटीन के लिए किराए पर दी थी। वर्ष 2014 में चाचा की मौत होने के बाद ट्रस्ट ने उन्हें वह दुकान बीस हजार रुपए सालाना किराए पर दे दी। आरोप है कि वर्ष 2015 में जबरन उन्हें दुकान से बेदखल करना चाहा। बताया कि चार अप्रैल 2022 को मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के वर्तमान ट्रस्टी बिन्दू गिरी, ट्रस्ट के कर्मचारी द्वारिका मिश्रा, मुख्य पुजारी सुरेश तिवारी उनकी दुकान में कब्जा करने की नियत से घुस आए। जब महिला ने उन्हें न्यायालय का आदेश दिखाया तो उसकी और उसकी बेटी के साथ अभद्रता की गई। इसके साथ ही आरोपी महिला और महिला की बेटी को जान से मारने की धमकी देकर चले गए। जिससे आशंकित शशि ठाकुर ने मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के निवर्तमान ट्रस्टी रामानंदपुरी, राजेन्द्र कुमार, तरुण गिरी व अनिल शर्मा के खिलाफ पूर्व में सिविल वाद दायर किया गया था। जिसके बाद न्यायालय द्वारा शशि ठाकुर के पक्ष में निर्णय दे दिया गया था।
जानकारी के मुताबिक जहां मनसा देवी मंदिर बना है और राजाजी रिजर्व पार्क की जमीन है, ये साल 1903 में मंदिर को हस्तांतरित हुई थी जिसकी वसीयत सरस्वती देवी के नाम से बनी है। लेकिन रविन्द्रपुरी के मनसा देवी ट्रस्ट का अध्यक्ष बनने के बाद मनसा देवी संचालन से जुडे़ लोगों में आपसी मतभेद भी सामने आने शुरू हो गए। जिसकी परिणीति के रूप में मनसा देवी ट्रस्ट और महंत रविन्द्रपुरी का नाम नित नए विवादों के साथ सामने आने लगा है। रविन्द्रपुरी के आखाड़ा परिषद के अध्यक्ष बनने को लेकर भी संतों के बीच भारी विवाद सामने आया और अखाड़ा परिषद् अध्यक्ष के नाम पर संतों में फूट पड़ गई और अखाड़ा दो गुटों में बंट गया। मनसा देवी मंदिर का संचालन निरंजनी अखाड़ा द्वारा किया जाता है, जिसके सचिव रविंद्रपुरी महाराज हैं, लेकिन उनके नाम से कोई ट्रस्ट रजिस्टर नहीं है, वसीयत के तौर पर मंदिर में व्यवस्थाओं का संचालन किया जाता है। अखाड़ा परिषद् के पूर्व अध्यक्ष महंत नरेंद्रपुरी की संदिग्ध परिस्थतियों में हुई मौत के पश्चात् रविन्द्रपुरी को अखाड़ा परिषद् का अध्यक्ष चुना गया था। इससे पूर्व रविन्द्रपुरी मनसा देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष के तौर पर मंदिर से जुड़े कार्यों का संचालन करते चले आ रहे थे। रविन्द्रपुरी के मनसा देवी ट्रस्ट का सर्वेसर्वा बनने से पूर्व महंत रामानंद पुरी महाराज अध्यक्ष के रूप में मनसा देवी ट्रस्ट का संचालन करते थे। फिर अचानक महंत रामानंद पुरी पूरे परिदृश्य से गायब नजर आए और एकाएक मनसा देवी ट्रस्ट का तमाम संचालन रविन्द्रपुरी के हाथों में आ गया।
बात-बात पर मोदी-योगी की तारीफों के पुल बांधने वाले मनसा देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी महाराज की गिनती उन संतों में होती है जो वीआईपी कल्चर जैसी जिंदगी व्यतीत करना पसंद करते हैं। लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री की अपील पर मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने जरूरतमंदों को एक हजार कुंटल राशन बांटने का फैसला किया था। इसको लेकर जोर-शोर से प्रचार करते हुए अखबारों में बड़े-बड़े विज्ञापन भी जारी किए गए थे।
यही नहीं मनसा देवी ट्रस्ट के नाम पर भारत सरकार को 18 लाख रुपए सहयोग के रूप में भी दिए गए थे। बावजूद इसके ट्रस्ट के नाम पर मनसा देवी परिसर में राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क की बेशकीमती भूमि पर अवैध कब्जा कर दुकानें बनाने और उन्हें किराए पर देकर पैसा वसूलने जैसे आरोप रविन्द्रपुरी की छवि धूमिल करते नजर आते हैं। बहरहाल, अपनी पहुंच के बल पर मुकदमा दर्ज होने की कार्यवाही से बचते रहे रविन्द्रपुरी और उनके सहयोगियों के विरुद्ध न्यायालय द्वारा रिपोर्ट दर्ज किए जाने के आदेश से उनकी मुश्किलें बढ़नी तय है। हालांकि न्यायालय के आदेश के बावजूद हरिद्वार पुलिस ने रविंद्र पुरी को बचाव का मौका देते हुए उनका एफआईआर में नाम नहीं जोड़ा है।
न्यायालय के आदेशों को ठेंगा
अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी की धमक के सामने हरिद्वार कोतवाली पुलिस के लिए न्यायालय के आदेश शायद कोई मायने नहीं रखते। धर्मनगरी के संतों के समक्ष नतमस्तक नजर आ रही। नगर कोतवाली पुलिस ने मंशा देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष रविन्द्रपुरी को बचाने के लिए कोर्ट के आदेशों को दरकिनार कर मुकदमा दर्ज किए जाने में बड़ा खेला करते हुए मुख्य आरोपी रविन्द्रपुरी सहित तीन ट्रस्टियों के नाम को ही एफआईआर के परिदृश्य से गायब कर दिया। जबकि हरिद्वार अपर सिविल जज जेडी के न्यायालय द्वारा रविन्द्रपुरी सहित 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने के सीधे-सीधे आदेश जारी किए गए थे। नगर कोतवाली पुलिस द्वारा किस प्रकार कानून को ठेंगा दिखाते हुए रविन्द्रपुरी को मुकदमे से बाहर किया गया उसको लेकर नगर कोतवाली पुलिस सहित हरिद्वार पुलिस के मुखिया तक पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं?
शशि ठाकुर निवासी देहरादून ने न्यायालय को प्रार्थना पत्र देकर अखाड़ा परिषद् अध्यक्ष व निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविन्द्र पुरी, श्रीमति बिन्दू गिरि, अनिल शर्मा, राज गिरि, द्वारिका मिश्रा व सुरेश तिवारी के खिलाफ उनकी दुकान में जबरन घुसकर उसे व उसकी पुत्री के साथ गाली गलौच व पुत्री के साथ अभद्रता करने तथा जान से मारने की धमकी देने के गंभीर आरोप लगाए थे। मामले में पीड़िता की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने अखाड़ा परिषद् अध्यक्ष व निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविन्द्र पुरी, बिन्दू गिरि, अनिल शर्मा, राज गिरि, द्वारिका मिश्रा व सुरेश तिवारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे। पुलिस ने गत् 21 अगस्त की देर रात 6 में से 3 लोगों बिन्दू गिरि, द्वारिका मिश्रा व सुरेश तिवारी के खिलाफ तो मुकदमा दर्ज कर लिया है। जबकि श्रीमहंत रविंद्र पुरी, अनिल गिरि व राज गिरि के नाम मुकदमें में अंकित नहीं किए हैं।
बात अपनी-अपनी
शशि ठाकुर सभी जगह प्रार्थना पत्र देती रहती है जिस दुकान की वह बात कर रही है वह वन विभाग की भूमि पर निर्मित है। वन विभाग द्वारा हमारी रसोई को भी खाली कराया गया है। 2017 से महिला ने ट्रस्ट को कोई किराया नहीं दिया है। इससे ट्रस्ट का कोई लेना-देना नहीं है। जहां तक मुकदमे दर्ज होने की बात है तो मुकदमें तो दर्ज होते रहते हैं प्रमाण है तो वह मुझे आकर दिखाए।
महंत रविन्द्रपुरी महाराज, अध्यक्ष मंसा देवी ट्रस्ट
वन विभाग की भूमि पर दुकानें बनाकर गलत तरीके से किराए पर देने व दुकान खाली कराने के लिए जबरदस्ती दुकान का सामान बाहर फेंकने को लेकर पीड़ित महिला शशि ठाकुर ने मुझसे संपर्क किया था। जिस पर मेरे द्वारा माननीय न्यायालय में महंत रविन्द्र पुरी सहित 6 लोगों के विरुद्ध 156/3 के अंतर्गत वाद दायर किया गया था। लंबी सुनवाई के बाद माननीय न्यायालय ने सभी 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने के निर्देश जारी किए हैं।
पं. अनुराग श्रीकुंज, वादी अधिवक्ता, रोशनाबाद सत्र न्यायालय हरिद्वार
मेरी जानकारी में यह प्रकरण नहीं है जहां तक पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज न करने का सवाल है तो इस संबंध में कोर्ट द्वारा कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है लेकिन फिर भी मुकदमा क्यों नहीं लिखा गया उसको देखा जाएगा और जांच कराई जाएगी, यह जांच का विषय है।
स्वतंत्र कुमार, पुलिस अधीक्षक नगर हरिद्वार
यह प्रकरण जो आप बता रहे हैं वह निरंजनी अखाड़े का मैटर है न, मैं महानिर्वाणी अखाड़े से जुड़ा हूं। महानिर्वाणी अखाड़े के संबंध में कुछ पूछना है तो पूछिए। आप अखाड़े में आकर मिलिए।
श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज, राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद्
न्यायालय का आदेश कोतवाली में आ चुका है। मनसा देवी मंदिर की ट्रस्टी बिंदू गिरी, कर्मचारी द्वारिका मिश्रा व मुख्य पुजारी सुरेश तिवारी के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
राकेन्द्र कठैत, प्रभारी निरीक्षक, कोतवाली नगर हरिद्वार