वर्ष 2011 बैच के आईएएस अधिकारी कमेंद्र सिंह 2016 में उ.प्र. से उत्तराखण्ड में आए। गत् पखवाड़े उन्हें सरकार ने हरिद्वार जिले की कमान सौंपी है। तैनाती के बाद उनके सम्मुख सबसे बड़ी चुनौती हरिद्वार में बनने जा रहे गंगा कॉरिडोर को शुरू कराना है। इस कॉरिडोर का स्थानीय व्यापारी विरोध कर रहे हैं। हरिद्वार के नए जिलाधिकारी कमेंद्र सिंह से ‘दि संडे पोस्ट’ की संवाददाता बबीता भाटिया की बातचीत के मुख्य अंश
आपकी क्या प्राथमिकता है?
पहली प्राथमिकता है कि जन समस्याओं को सुनकर उनका समयबद्धता से निस्तारण और शासन की मंशा के अनुरूप कार्य करना। दूसरी प्राथमिकता है कि रोजगारपरक योजनाओं और जनकल्याणकारी योजनाओं को निष्पक्षता, पारदर्शिता, समयबद्धता से क्रियान्वयन कराते हुए पात्र व्यक्तियों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना। तीसरी प्राथमिकता है जनपद में शांति एवं कानून व्यवस्था चाक-चौबंद रहे ताकि स्थानीय निवासियों के साथ ही जनपद में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार से परेशानी न हो।
हरिद्वार में नियुक्ति से पहले आप कहां-कहां रहे है?
अब तक मैंने काफी साल यूपी में बिताए हैं। हम 2011 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उत्तर प्रदेश के बागपत, बरेली, लखनऊ जैसे कई शहरों में नौकरी का अधिकतर समय बीता है। हरिद्वार में लोक सेवा आयोग के अलावा रूद्रप्रयाग, पंतनगर जैसी कई जगहों पर कार्यरत रहे हैं।
हरिद्वार एक पर्यटक स्थल है। चारधाम यात्रा एक चुनौती है। इसके साथ-साथ कांवड़ यात्रा जैसे बड़े मेले भी लगते रहते हैं। इनके सफल संचालन को किस तरह से कार्य किया जाएगा?
कांवड़ मेला हो या अन्य कोई भी मेला, व्यवस्था के साथ मिलकर पूरा किया जाएगा। चूंकि हरिद्वार एक धार्मिक स्थल है अतः यहां पर्यटक भी काफी मात्रा में आते हैं। इसी को संज्ञान में लेते हुए प्रशासन के साथ सामंजस्य बनाकर रणनीति तैयार की जाएगी जिससे कि आने वाले यात्रियों को असुविधा न हो। हर छोटी-बड़ी बात का निस्तारण स्वयं की देखरेख में समय-सीमा के भीतर करेंगे।
हरिद्वार में अवैध खनन एक बड़ी चुनौती है। उससे कैसे निपटेंगे?
अभी तो नया-नया चार्ज लिया है, ज्यादा जानकारी नहीं है। सभी कुछ संज्ञान में लिया जाएगा और जैसा सरकार का निर्देश होगा उसी के हिसाब से काम किया जाएगा। वह चाहे खनन का मामला हो या अन्य।
गंगा कॉरिडोर को लेकर विरोध के स्वर उठ रहे हैं। इस पर आपकी क्या योजना रहेगी?
कॉरिडोर मामले पर पहले इसका अध्ययन किया जाएगा इसके बाद स्टॉक होल्डरों से बैठकर बातचीत की जाएगी। ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका बैठकर हल न निकला जा सके। इस मामले पर कुछ स्थानीय व्यापारी मुझसे मिले थे। उन लोगों से इस बारे में चर्चा हुई है। ऊपरी स्तर पर बड़ा कार्य है। देखते हैं इसे धरातल पर किस तरह उतारा जाए। मैं चाहता हूं व्यापारियों और आम जनता को नुकसान पहुंचाए बिना इस कॉरिडोर का काम किया जाए।