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  •     संतोष सिंह

दो साल से कोरोना की वजह से नाममात्र को चल रही केदारनाथ यात्रा इस बार नए रूप में दिखाई देगी। इसको लेकर प्रदेश की पुष्कर सिंह धामी सरकार सक्रिय है। केदारनाथ यात्रा को बेहतर ढंग से संचालित करने के उद्देश्य से ही धामी सरकार के अधिकारी यहां दौरा कर रहे हैं। खुद पुष्कर सिंह धामी 26 अप्रैल को केदारनाथ पहुंचे और यात्रा सुचारू होने से पहले स्थिति का जायजा लिया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा है कि यात्रा में आने वाली असुविधाओं का समाधान करने की तरफ उनकी सरकार पहल कर रही है। 6 मई को शुरू हुई यात्रा में सरकार ने इस बार यात्रियों की संख्या पहले से अधिक करने के निर्देश दिए है। केदारघाटी की आधी से ज्यादा आबादी केदारनाथ यात्रा पर ही निर्भर रहती है। यहां के लोग 6 महीने केदारनाथ यात्रा के दौरान घोड़ा-खच्चर, डंडी-कंडी, होटल, ढाबा, टेंट सहित अन्य व्यसाय करके सालभर की रोजी-रोटी का जुगाड़ करते हैं। उनके लिए तो केदारनाथ यात्रा के कपाट खुलने का मतलब बड़े त्यौहार जैसा है। घाटी के लोग सालभर में इस पावन पर्व का इंतजार करते हैं। जिससे उनके परिवार का सही तरीके से पालन पोषण हो सके। बाबा केदारनाथ की यात्रा से ही यहां के लोगों का रोजगार जुड़ा है। दो साल तक कोरोना महामारी चलते लोगों का व्यवसाय पूरी तरह ठप रहा है। पिछले दोनों सालों में अंतिम चरण में यात्रा को खोला तो गया, लेकिन कोरोना महामारी के नियम-कानूनों के चलते नाममात्र के तीर्थयात्री केदारनाथ यात्रा पर पहुंचे थे।

4 मई को केदारनाथ यात्रा का जायजा लेने प्रदेश के मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने दौरा किया। उन्होंने केदारनाथ धाम में चल रहे निर्माण कार्यों का संबंधित अधिकारियों के साथ स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्य सचिव द्वारा कार्यदायी संस्था के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि केदारपुरी में जो भी निर्माण कार्य किए जा रहे हैं उन कार्यों को गुणवत्ता के साथ शीर्ष प्राथमिकता से पूर्ण करना सुनिश्चित करें। साथ ही उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि केदारनाथ में यात्रियों की सुविधाओं के दृष्टिगत सुविधाओं को विकसित करना है तथा जो कार्य किया जा रहा है जिसमें तीर्थ पुरोहितों हेतु आवासीय भवन का निर्माण, चिकित्सालय कंट्रोल सेंटर, संगमघाट मंदिर समिति का प्रशासनिक भवन, यात्रियों की सुविधा हेतु रैन शैटर, आस्था पथ का निर्माण कार्य आदि जो भी निर्माण कार्य गतिमान हैं उन कार्यों को शीघ्रता से शीघ्र पूर्ण करना सुनिश्चित करें। इसके लिए उन्होंने श्रमिकों की संख्या बढ़ाने के निर्देश कार्यदायी संस्था को दिए तथा श्रमिकों के रहने व खाने की उचित व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए। इसी के साथ मुख्य सचिव द्वारा मंदाकिनी और सरस्वती नदी के दोनों ओर सुरक्षा के प्राविधान हेतु उचित व्यवस्था करने के लिए सचिव पर्यटन एवं जिलाधिकारी को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। इस दौरान जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने मुख्य सचिव को केदारपुरी में चल रहे निर्माण कार्यों की जानकारी से अवगत कराया। इस अवसर पर पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे।

इस बार केदारनाथ धाम में लाखों की संख्या में तीर्थयात्रियों के आने का अनुमान है। ऐसे में प्रशासन की ओर से तीर्थ यात्रा पर आने वाले देश-विदेश के श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा देने के प्रयास किये जा रहे हैं। जिससे तीर्थ यात्री सुखद सन्देश लेकर लौट सकें। बहरहाल, सोनप्रयाग से केदारनाथ के भू-भाग को 6 सेक्टरों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक सेक्टर में एक सेक्टर मजिस्ट्रेट तथा एक सहायक सेक्टर मजिस्ट्रेट को तैनात किया गया है। पैदल मार्ग पर यात्रा को संचालित करने के लिए 3265 घोड़े-खच्चरों का पंजीकरण किया गया है। गढ़वाल मण्डल विकास निगम द्वारा गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर जंगलचटटी में 18, भीमबली 70, लिनचोली 400, बेस कैम्प 1200 तथा केदारनाथ में 1000 तीर्थयात्रियों के रात्रि प्रवास की व्यवस्था की गई है जबकि पैदल मार्ग पर दो हजार तीर्थ यात्रियों के रात्रि प्रवास के लिए निजी टेंटों की व्यवस्था की गयी है। केदारनाथ धाम में लगभग 4 हजार तीर्थ यात्री निजी लॉजों पर रात्रि प्रवास कर सकते हैं। गौरीकुंड में लगभग दो हजार, सोनप्रयाग में एक हजार पांच सौ सीतापुर में 4 हजार पांच तीर्थ यात्री रात्रि प्रवास कर सकते है तथा रामपुर, शेरसी, बडासू, फाटा सहित विभिन्न यात्रा पड़ावों पर तीर्थ यात्रियों के लिए मानकों के अनुरूप रात्रि प्रवास की व्यवस्था की गई है।

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