उत्तराखण्ड की पुलिस को मित्र पुलिस यूं ही नहीं कहा जाता है इसके उदाहरण भी समय-समय पर सामने आते रहते हैं। कोरोनाकाल में उत्तराखण्ड पुलिस की पूरे देश में सराहना हुई थी। उस समय पुलिस ने मानवता का परिचय देते हुए एक नई शुरुआत की थी। तब ‘एक पुलिस – एक परिवार’ अभियान सुर्खियों में रहा। कई घर ऐसे थे जहां वृद्धजन अकेले रह रहे थे। उनके परिजन देश-विदेश में फंसे थे। ऐसे में वृद्ध परिवारों के लिए उत्तराखण्ड पुलिस देवदूत बनकर सामने आई। उनके लिए दवाई से लेकर राशन-पानी तक सभी सुविधाएं घरों तक पहुंचाई। फिलहाल एक बार फिर उत्तराखण्ड पुलिस की प्रशंसा हो रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विजन ‘आदर्श थाने’ को साकार करने में कई आईपीएस अधिकारी जुट गए हैं। जिसके तहत आईपीएस तृप्ति भट्ट श्रीबदरीनाथ थाना तो यशवंत चैहान ने गोपेश्वर थाना और अर्पण यदुवंशी द्वारा जीआरपी हरिद्वार थाना को गोद ले आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित कर नई कार्यप्रणाली का रास्ता तैयार कर रहे हैं
चार माह पूर्व उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में कई ऐसे वरिष्ठ अधिकारी हैं जिन्हें काफी लम्बा अनुभव है। ऐसे सभी वरिष्ठ अधिकारियों को यह कहा गया है कि वह अपनी नौकरी कि पहले ज्वाइनिंग के क्षेत्र को गोद लेंगे। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इसमें कई ऐसे अधिकारी भी हैं जो उत्तर प्रदेश के वक्त से काम कर रहे हैं। वह अधिकारी उत्तराखण्ड बनने के बाद पहले किस जिले में आकर अपनी सेवाएं दे रहे थे वह उन स्थानों को गोद लें। धामी ने कहा कि इसके तहत सभी वरिष्ठ अधिकारियों के अनुभव का फायदा राज्य के विकास को मिलेगा। मुख्यमंत्री धामी ने इसके लिए प्लानिंग डिपार्टमेंट को जल्द योजना तैयार करने के निर्देश दिए थे। साथ ही सीएम ने यह भी उम्मीद जताई कि अधिकारी इन स्थानों को गोद लेकर विकास योजना को आगे बढ़ाएंगे, ताकि इन क्षेत्रों का बेहतर विकास हो सके। गोद लेने के साथ-साथ अपनी नौकरी की शुरुआत के इन क्षेत्रों में रात्रि प्रवास कर जन समस्याओं का समाधान भी करेंगे।
उत्तराखण्ड की भौगोलिक परिस्थितियां काफी विषम हैं। खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में विकास योजना को पहुंचने में काफी वक्त लगता है। इसलिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नया प्रयोग शुरू किया था। इसके मद्देनजर ही राज्य में ‘आदर्श थाने’ बनाने की अनूठी पहल चल पड़ी है। खासकर चमोली जिले में यह देखने को मिल रहा है। चमोली जिले के गोपेश्वर और श्री बद्रीनाथ थाने को गोद लेकर दो आईपीएस ने पहल कर दी है। यहां आईपीएस तृप्ति भट्ट के बदरीनाथ थाना गोद लिए जाने के बाद अब एसपी सीआईडी यशवंत चैहान ने गोपेश्वर थाने को गोद लिया है। ‘आदर्श थाने’ की अवधारणा को साकार करने की दिशा में एक अभिनव और महत्वपूर्ण पहल शुरू की गई है। इस पहल के तहत, संवर्ग के वरिष्ठ अधिकारी अब अपनी प्रथम नियुक्ति स्थल के किसी एक पुलिस थाने (कोतवाली व थाना) को ‘गोद’ लेकर उसे आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित करने और उसकी कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने का कार्य करेंगे। वर्तमान में सेनानायक 40वीं वाहिनी पीएसी हरिद्वार एवं जीआरपी/ एटीएस के पद पर तैनात आईपीएस तृप्ति भट्ट। जिन्होंने इस महीने कोतवाली श्री बद्रीनाथ को गोद लिया है। तृप्ति भट्ट के लिए बद्रीनाथ क्षेत्र का विशेष महत्व है, क्योंकि उनकी प्रथम नियुक्ति वर्ष 2017 से 2019 के बीच इसी जनपद चमोली में हुई थी, जिसके अंतर्गत बद्रीनाथ धाम आता है।
श्रीबदरीनाथ कोतवाली को तृप्ति भट्ट ने लिया गोद
अपनी पहली तैनाती के दौरान आईपीएस तृप्ति भट्ट ने पुलिस कल्याण और कार्यप्रणाली में सुधार के लिए कई उल्लेखनीय कार्य किए थे। इनमें राज्य का पहला वर्चुअल पुलिस स्टेशन शुरू करना उनकी एक प्रमुख और अभिनव पहल रही थी, जिसने पुलिसिंग के क्षेत्र में डिजिटल नवाचार का मार्ग प्रशस्त किया। बद्रीनाथ पहुंचने पर तृप्ति भट्ट ने विधिवत रूप से कोतवाली श्रीबद्रीनाथ को गोद लेने की प्रक्रिया पूरी की। उन्होंने थाने का गहन निरीक्षण किया जिसमें एक चेकलिस्ट के माध्यम से वर्तमान व्यवस्थाओं, मौजूद कमियों, क्षेत्र के क्राइम ग्राफ, सुरक्षा प्रबंधन और पुलिसकर्मियों के लिए उपलब्ध सुविधाओं जैसे बैरक, कार्यालय, भोजनालय और शौचालयों की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने थाने की तैयारियों का बारीकी से आकलन किया, जिस पर उन्होंने संतोष व्यक्त किया तथा आवश्यक निर्देश भी दिए। अपने दौरे के दौरान, उन्होंने मंदिर सुरक्षा में वहां तैनात एंटी-टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) के जवानों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने एटीएस द्वारा तैयार किए गए टास्क की माॅनिटरिंग की। भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में लगातार चैकिंग-फ्रिस्किंग, अभिसूचना संग्रह, सत्यापन पर विशेष ध्यान देते हुए संयुक्त अभियान चलाने के निर्देश दिए। महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान रखने तथा दर्शन के दौरान बुजुर्ग, बीमार और दिव्यांगों को प्राथमिकता देने का आह्वान किया। साथ ही, सभी पुलिसकर्मियों को जनता के प्रति मित्रवत व्यवहार रखने और सेवा भाव से कार्य करने पर बल दिया। गौरतलब है कि अल्मोड़ा जिले की रहने वाली तृप्ति भट्ट 2013 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। आइपीएस अधिकारी तृप्ति भट्ट की पहली नियुक्ति वर्ष 2017 में चमोली जिले में पुलिस अधीक्षक के पद पर हुई थी और बदरीनाथ कोतवाली चमोली जिले के अंतर्गत ही आती है। उन्होंने चमोली में 2017 से 2019 तक एसपी के पद पर तैनात होकर अपनी सेवाएं दीं। इस दौरान आईपीएस तृप्ति भट्ट ने पुलिस कल्याण और कार्यप्रणाली में सुधार के लिए कई उल्लेखनीय कार्य किए थे। इनमें राज्य का पहला वर्चुअल पुलिस स्टेशन शुरू करना उनकी एक प्रमुख और अभिनव पहल रही थी।
गोपेश्वर थाने को संवारेंगे यशवंत चैहान
वर्तमान में एसपी सीआईडी के पद पर तैनात वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी यशवंत चैहान ने इस पहल में अपने कदम बढ़ाए हैं। चैहान ने जनपद मुख्यालय स्थित थाना गोपेश्वर को गोद लिया है। यशवंत
चैहान का चमोली जनपद से गहरा जुड़ाव रहा है। वे वर्ष 2019 से 2021 के बीच इसी जनपद में पुलिस अधीक्षक के तौर पर नियुक्त रहे थे। जनपद चमोली में अपनी पूर्व की तैनाती के दौरान भी यशवंत चैहान पुलिस कल्याण और विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए कई उल्लेखनीय और सराहनीय कार्य कर चुके हैं। जिनकी छाप आज भी महसूस की जाती हैं। इसी सुधार की भावना के साथ, उन्होंने गोपेश्वर थाने को ‘आदर्श थाने’ के रूप में विकसित करने का बीड़ा उठाया है।
जीआरपी हरिद्वार में आदर्श गंगा बहाएंगे अर्पण यदुवंशी
वर्तमान में सेनानायक, एसडीआरएफ उत्तराखण्ड के पद पर कार्यरत आईपीएस अर्पण यदुवंशी ने 23 जून 2025 को अपनी प्रथम तैनाती के थाने, जीआरपी हरिद्वार को विधिवत रूप से गोद लिया है। वर्ष 2022 में यदुवंशी की पहली नियुक्ति इसी थाने में हुई थी, जिसके कारण उनका इस स्थान से गहरा भावनात्मक जुड़ाव है। थाने के भ्रमण के दौरान यदुवंशी ने आधारभूत संरचना, बैरक, कार्यालय, भोजनालय और उपलब्ध संसाधनों का विस्तृत निरीक्षण किया। उन्होंने पुलिसकर्मियों को नागरिकों के प्रति संवेदनशील, सहयोगी और सेवाभाव से कार्य करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि थाना जीआरपी हरिद्वार को आधुनिक तकनीक, बेहतर संसाधनों और जनसहभागिता के साथ शीघ्र ही ‘आदर्श थाना’ के रूप में विकसित किया जाएगा। यह प्रयास न केवल थाने की कार्यप्रणाली को उन्नत करेगा, बल्कि उत्तराखण्ड पुलिस की
उत्कृष्ट कार्य संस्कृति और जनसेवा के प्रति समर्पण को भी दर्शाएगा।