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Uttarakhand

लालकुआं में भारी एंटी इन्कंबेंसी

  • गोपाल बोरा

नैनीताल जनपद की लालकुआं सीट में राजनीतिक समीकरण सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ है। बिंदुखत्ता की जनता गांव को राजस्व ग्राम नहीं घोषित होने के चलते सीटिंग भाजपा विधायक नवीन दुमका से नाराज है तो चोरगलिया क्षेत्र के निवासी आईटीआई कॉलेज के शुरू न होने से विधायक से खफा हैं। हल्दूचौड़ में तीस बेड का अस्पताल अधूरा पड़ा है तो शहीद मोहन गोस्वामी के नाम पर स्वीकृत मिनी स्टेडियम का कुछ अता-पता नहीं। भाजपा के खिलाफ यहां जबर्दस्त एंटी इन्कंबेंसी है, जिसके चलते दुमका का टिकट कटने के पूरे आसार हैं। कांग्रेस भी इस बार पूर्व में विधायक रह चुके वरिष्ठ नेता हरीश चंद्र दुर्गापाल के स्थान पर किसी युवा को टिकट दे सकती है। मुख्य मुकाबला इन दो दलों के मध्य ही होना तय है। अन्य पार्टियां यहां खास सक्रिय नजर नहीं आ रही हैं

विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही प्रदेश भर में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। भाजपा-कांग्रेस से टिकट के दावेदारों में आपसी नूरा-कुश्ती जारी है। लालकुआं विधानसभा क्षेत्र में भी यही स्थिति है। क्षेत्र में अभी चुनाव से ज्यादा टिकट के दंगल की चर्चा हो रही है। दोनों मुख्य दलों में टिकट के एक-दो नहीं, कई दावेदार हैं। वर्तमान विधायक और भाजपा नेता नवीन दुमका अपने टिकट को लेकर आश्वस्त तो हैं लेकिन पार्टी लालकुआं से उन्हें ही टिकट देगी, इसे गारंटी से कोई नहीं कह सकता। ऐसे भी क्षेत्र में कई विकास कार्य अधूरे पड़े हैं। कई पूर्व में स्वीकृत योजनाओं पर काम तक शुरू नहीं हुआ है। इससे क्षेत्र के लोगों में विधायक के प्रति नाराजगी भी है।

लालकुआं विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता करीब एक लाख तेरह हजार हैं जिनमें ठाकुर मतदाता करीब 51 हजार, ब्राह्मण मतदाता लगभग 32 हजार अनुसूचित जाति के करीब 19 हजार मतदाता, मुस्लिम मतदाता करीब 7 हजार और वैश्य और पंजाबी मतदाताओं की संख्या करीब 4 हजार हैं। उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों के अलावा यहां बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल के लोग भी रहते हैं। इन प्रवासियों की कई समस्याएं हैं जिनका अभी तक निदान नहीं हो पाया है। क्षेत्र में स्थित सेंचुरी पल्प एण्ड पेपर मिल में दस हजार के करीब लोग कार्यरत हैं। इनमें भी अधिकांश प्रवासी हैं। इस उद्योग में काम करने वाले मजदूरों की समस्याएं भी अभी तक ज्यों के त्यों बनी हुई है। विधानसभा क्षेत्र लालकुआं में बिंदुखत्ता नामक एक गांव है। इस गांव की आबादी लगभग 70 हजार है।

यह गांव न तो राजस्व है और न ही नगर पालिका। सरकारी आंकड़ांे में इसे वन भूमि का दर्जा मिला हुआ है। इस गांव को राजस्व गांव बनाने की मांग लगभग चालीस वर्षों से चली आ रही है। लेकिन अभी तक इनकी मांग पूरी नहीं हो पाई है। हरीश रावत के मुख्यमंत्री बनने पर उन्होंने इस गांव राजस्व गांव के बदले नगर पालिका परिषद बनाया जरूर लेकिन भाजपा और भाकपा माले द्वारा विरोध करने के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी नवीन दुमका ने कहा था कि मेरे विधायक बनते ही बिंदुखत्ता को राजस्व गांव बनाऊंगा। उनका विधायकी का कार्यकाल अब पूरा होने जा रहा है लेकिन बिंदुखत्ता अभी तक राजस्व गांव नहीं बन पाया है। विधानसभा लालकुआं के गौलापरा क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में विगत पांच वर्षों से कोई भी गतिविधि नहीं हुई है। इसी के बगल में आईएसबीटी रिंग रोड, चिड़ियाघर की कांग्रेस कार्यकाल में नींव रखी गई थी। उसे भी भाजपा सरकार ने निरस्त कर दिया है। आंकड़े बताते हैं कि इसमें दो करोड़ रुपए खर्च हो चुके हुए हैं।

वहीं चोरगलिया में कांग्रेस कार्यकाल के दौरान एक आईटीआई का निर्माण हुआ था। पांच वर्ष पूरा होने जा रहा है लेकिन अभी तक आईटीआई की कक्षाएं शुरू नहीं हो पाई है। इससे लोगों में विधायक नवीन दुमका के प्रति काफी नाराजगी है। ऐसा ही एक मामला हल्दूचौड़ का है। यहां कांग्रेस कार्यकाल में तीस बेड का एक अस्पताल बनना शुरू हुआ था जो अभी तक पूरा नहीं हो सका है। बिंदुखत्ता में कांग्रेस सरकार के दौरान ही शहीद मोहन गोस्वामी के नाम से एक मिनी स्टेडियम की नींव रखी गई थी। यहां अभी तक एक भी ईट नहीं लगी है। इतना ही नहीं यदि कोई व्यक्ति अपने घर पर बिजली मीटर लगाना चाहे तो ग्यारह हजार रुपए जमा कराने पड़ते हैं। वह भी अस्थायी मीटर। जबकि पहले केवल छह सौ रुपए में मीटर लगाए जाते थे। शिलान्यास हो चुके कार्य पांच साल में पूरे नहीं हुए हैं। इससे वर्तमान विधायक के प्रति लोगों में नाराजगी है।

भाजपा ने पूर्व में गोविंद सिंह बिष्ट और नवीन दुमका को दो बार टिकट दिया। वर्तमान विधायक होने के कारण नवीन दुमका टिकट के प्रबल दावेदार हैं। इनके अलावा आधा दर्जन के करीब अन्य नेता भी टिकट को लेकर भागदौड़ कर रहे हैं। इनमें प्रदीप बिष्ट, कुंदन चुफाल, हेमंत द्विवेदी, पवन चौहान प्रमुख हैं। विधायक नवीन दुमका पूर्व मुख्यमंत्री एवं महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के करीबी नेता हैं। प्रदीप बिष्ट केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्यमंत्री अजय भट्ट के खास बताये जाते हैं। वहीं हेमंत द्विवेदी पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ करीबी हैं। पवन चौहान और कुंदन चुफाल अभी किसी एक खेमे में नहीं हैं। ये अपन बल बूते टिकट के जुगाड़ में लगे हैं।

भाजपा में इतने सारे दावेदारों पर विधायक दुमका कहते हैं, ‘जो बाहरी विधानसभा सीट के दावेदार यहां आने की सोच रहे हैं, उनकी भी अपनी जन्मभूमि और कर्मभूमि होगी। उन्हें अपने ही क्षेत्र में भाग्य आजमाना चाहिए। न कि दूसरे की विधानसभा सीट में। नहीं तो उन्हें भी नवजोत सिंह सिद्धू की तरह हिट विकेट होना पड़ेगा।’ अपने विकास कार्यों पर बात करते हुए वे कहते हैं कि ‘बीते साढ़े 4 साल से जनता के बीच जी जान से विकास कार्य करने में जुटा हूं। मेरा क्षेत्र सड़क, बिजली और पानी की समस्या से मुक्त हो चुका है। इस बार मैं अपने विकास कार्य के बदौलत चुनाव में उतरूंगा। प्रदेश में फिर से भाजपा की सरकार बनेगी।’

टिकट के दावेदारों की कांग्रेस में भी कमी नहीं है। पूर्व विधायक हरीश चंद्र दुर्गापाल को कांग्रेस ने अभी तक तीन बार टिकट दिया है। लेकिन वे एक बार ही चुनाव जीत पाए। वे कांग्रेस के टिकट पर दो बार चुनाव हार चुके हैं। हरीश चंद्र दुर्गापाल एक बार निर्दलीय विधायक भी रहे हैं। पार्टी ने एक बार हरेंद्र सिंह बोरा को टिकट दिया था। आगामी चुनाव में कांग्रेस से हरीश चंद्र दुर्गापाल, हरेंद्र सिंह बोरा, संध्या डालाकोेटी, विमला जोशी प्रबल दावेदार हैं। हरीश चंद्र दुर्गापाल की पकड़ बुजुुर्गों में बताई जाती है। हरेंद्र बोरा की पकड़ युवाओं में मजबूत मानी जाती है। हरीश चंद्र दुर्गापाल की दावेदारी में उम्र भी आड़े आ सकती है। कांग्रेस से अन्य दावेदारों में शामिल संध्या डालाकोटी पूर्व ब्लॉक प्रमुख रही हैं। विमला जोशी कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता हैं।
साथ में भोला दत्त कफलटिया

मैं निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लडूंगा। मेरी किसी भी पार्टी से कोई संबंध नहीं है। यदि मैं चुनाव जीत गया तो बिंदुखत्ता को राजस्व गांव घोषित कराउंगा।
कुंदन मेहता, पूर्व सैनिक

 

 

कांग्रेस पार्टी जो आदेश देगी मैं उसी का पालन करूंगा। पार्टी अगर मुझे लालकुआं विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाती है तो मैं पार्टी की अपेक्षाओं पर खरा उतरूंगा।
हरेन्द्र सिंह बोरा, कांग्रेस नेता एवं दावेदार

 

 

मैं हल्दूचौड़ क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य रहा हूं। वर्तमान में स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक का निदेशक एवं मीडिया प्रभारी हूं। मुझे पार्टी टिकट देती है तो मैं जीत कर दिखाऊंगा।
उमेश शर्मा, मीडिया प्रभारी भाजपा

 

 

मैंने जिला पंचायत चुनाव में उत्तराखण्ड के सबसे ज्यादा मतों से जीतकर रिकॉर्ड बनाया है। अब विधानसभा में भी जनता मुझे भारी मतों से विजय बनाएगी। मैं निर्दलीय चुनाव लडूंगा। जनता मेरे लिए सर्वोपरी है।
डॉ. मोहन बिष्ट, सदस्य जिला पंचायत हल्दूचौड़

 

 

मैं भाजपा का लंबे समय से कार्यकर्ता रहा हूं। भाजपा से इस बार मैं प्रमुख दावेदार हूं। मुझे पार्टी पर पूरा भरोसा है। मुझे टिकट मिलेगा और मैं जीत कर दिखाऊंगा।
पवन चौहान, पूर्व चेयरमैन नगर पंचायत लालकुआं

 

 

मैं पार्टी का जिलाध्यक्ष हूं। मेरी सक्रियता पूरे जिले में रहती है। पार्टी जो भी आदेश करेगी मैं उसका पालन करुंगा।
प्रदीप बिष्ट, जिलाध्यक्ष भाजपा

 

 

लालकुआं विधानसभा की जनता जानती है कि कौन उनके हितों की रक्षा कर सकता है। सिद्धू कहां से कहां जाकर हिट विकेट हो गए, सबने देख लिया है। यदि कोई इसी तरह हिट विकेट होना चाहता है तो मैं क्या कर सकता हूं। रही बात विकास कि तो मेरे द्वारा किए गए वादे लगभग पूरे होने जा रहे हैं।
नवीन चंद्र दुमका, विधायक लालकुआं

 

 

मेरे लोग मुझे चुनाव लड़ने के लिए कह रहे हैं। मैं तैयार हूं। रही बात विकास की तो भाजपा सरकार ने विगत पांच वर्ष में कोई भी कार्य नहीं किये हैं। जो सड़कें कांग्रेस सरकार द्वारा बनाई गई थी उन्हें ही ठीक नहीं कर पा रही है। पांच वर्ष पूर्व शहीद मोहन नाथ के नाम से बिंदुखत्ता में स्टेडियम की नींव रखी गयी थी लेकिन अभी तक कोई कार्य नहीं हुआ है।
हरीश चंद्र दुर्गापाल, वरिष्ठ कांग्रेस नेता

 

 

मैं विगत 31 वर्षों से पार्टी का कार्यकर्ता हूं। इससे पूर्व संघ का विस्तारक (पूर्णकालिक) था। पार्टी ने जो भी मुझे जिम्मेदारी दी, मैंने ईमानदारी से उसे निभाया है। मेरी वरिष्ठता को देखते हुए पार्टी को मुझे भी विधानसभा के लिए एक बार मौका देना चाहिए।
कुंदन सिंह चुफाल, वरिष्ट भाजपा नेता

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