सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का सपना ‘नशा मुक्त उत्तराखण्ड’ है जिसको साकार करने के लिए उत्तराखण्ड पुलिस भले ही पिछले एक वर्ष से अभियान चला रही हो लेकिन देवभूमि में बढ़ते नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने में वह अभी तक असफल ही नजर आ रही है। संगठित अपराध के खिलाफ कार्यवाही के लिए जाने जाने वाले हरिद्वार के पुलिस कप्तान अजय सिंह ने पद भार संभालते ही ड्रग्स फ्री देवभूमि मिशन 2025 अभियान को धरातल पर उतार दिया है। उन्होंने अपने अंदाज में नशा तस्करों के खिलाफ कार्यवाही के साथ-साथ जनपद भर के थाना क्षेत्रों में नशेड़ियों की काउंसलिंग के माध्यम से एक नई पहल शुरू की है। जिसके लिए हरिद्वार पुलिस द्वारा एक स्लोगन भी जारी किया गया है-
हरिद्वार पुलिस का मिला जब साथ प्यारा’
नशा मुक्त हो गया गांव/मोहल्ला हमारा
हरिद्वार पुलिस जाएगी अब जनता के द्वार
गांव/मोहल्ले में लगेगी, हर शनिवार चौपाल।
इस अभियान के अंतर्गत जनपद में नशा तस्करों पर कड़ा प्रहार करते हुए गुंडा एक्ट एवं गैंगेस्टर जैसी बड़ी कार्यवाही अमल में लाई गई है तो वहीं, दो सप्ताह के भीतर ही नशे के सौदागरों को सलाखों के पीछे भेज लाखों रुपए की अवैध स्मैक बरामद की जा चुकी है। अब पुलिस कप्तान द्वारा चलाई गई अनोखी पहल नशा मुक्त गांव और मोहल्ला अभियान के जरिए जनता को जागरूक किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत हरिद्वार पुलिस जनपद में अवैध नशे का कारोबार करने वालों पर नकेल कस रही है यही नहीं बल्कि नशे की गिरफ्त में आए व्यक्तियों की काउंसलिंग भी कारवाई जा रही है। इस नई मुहिम के तहत जनपद हरिद्वार के प्रत्येक थाना पुलिस द्वारा अपने थाना क्षेत्र का एक गांव/ मोहल्ला ऐसा गोद लिया जाएगा जहां नशे की ज्यादा शिकायत है। जनता की रायशुमारी हेतु पुलिस प्रत्येक शनिवार शाम 4ः00 से 7ः00 बजे तक चिÐत गांव या शहर के मोहल्ले में किसी सार्वजनिक स्थल पर चौपाल भी लगाएगी।
कार्यक्रम की शुरुआत जनपद की कोतवाली ज्वालापुर अंतर्गत ग्राम सराय से प्रारंभ की है। जिसको ग्रामीणों ने हाथो-हाथ लिया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए ज्वालापुर कोतवाल आरके सकलानी ने लोगों को नशे के खिलाफ जागरूक करने का काम किया। उन्होंने इसके दुष्परिणाम बताते हुए कहा कि यह एक बहुत बड़ी बुराई है और इससे घर के घर तबाह हो जाते हैं। आपके मोहल्ले-पड़ोस में कई लोग ऐसे हैं जो नशा करते हैं और गांव में तो एक-दूसरे की शर्म लिहाज करते हैं। लेकिन शहरों में यह नहीं होता। ज्यादातर लोग किसी को टोकते नहीं हैं। लेकिन गांव में एक-दूसरे का सबको पता होता है और एक-दूसरे की लिहाज भी करते हैं। इसलिए गांव में ‘नशा मुक्त अभियान’ जल्द ही सफल होगा।
अभियान में शामिल हुए एसएसपी अजय सिंह ने कहा जो नशे की प्रवृत्ति युवाओं में आ गई है या नशे में लिप्त हैं उनको बचाना है। गांव -मोहल्लों में चल रही नशे की इस प्रवृति से उनको बाहर निकालना है। साथ ही इस मुहिम को सभी थाने के हर गांव तक पहुंचाना है। एक तरह से कहा जाए तो सभी थानों के प्रभारी और लोगों को नशा मुक्त अभियान से जोड़ा जाएगा।
एसएसपी के अनुसार नशा मुक्त अभियान में कोतवाली ज्वालापुर अंतर्गत ग्राम सराय को 15 दिन के लिए चयनित किया गया है। एसएसपी ने साफ किया कि नशे का कारोबार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी इस मुहिम में हिस्सा लेने वालों का सुरक्षा का खास ध्यान रखा जाएगा। सूचना देने वालों के लिए एक निजी गोपनीय नंबर जारी किया जाएगा जो हमारे खास पर्सनल स्टाफ के पास रहेगा। जिस प्रकार नशे के खिलाफ एसएसपी ने ताबड़-तोड़ कार्यवाही करते हुए नशा माफिया के खिलाफ बड़े पैमाने पर गैंगेस्टर और गुंडा एक्ट की कार्यवाही की है उससे नशा तस्करों में हड़कंप मच गया है वहीं, दूसरी ओर नशे के शिकार युवाओं के लिए थाना स्तर से प्रारंभ किए गए काउंसलिंग कार्यक्रम की सभी जगह सराहना हो रही है।