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Uttarakhand

हल्द्वानी में वन्देमातरम समूह बना कई असहाय लोगों के लिए देवदूत

by Sanjay Swar 

आज जब पूरी दुनिया कोरोना वायरल कोविड-19 जैसी महामारी से पूरी ताकत से लड़ रही है और भारत में भी कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ने के साथ कोविड-19 से मौतों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये सोशियल डिस्टेनसिंग बनाये रखने के उद्देश्य से सरकार द्वारा लागू किये गए लॉकडाउन के चलते दैनिक मजदूर, रोज मजदूरी करके अपनी आजीविका चलाने वाले असहाय लोग अपनी आजीविका का साधन छिन जाने के कारण अपने परिवार का भरणपोषण करने में असमर्थ हैं।

इस मुश्किल घड़ी में इस तबके की सहायता के लिये सरकार के साथ कई सामाजिक संस्थायें आगे आई हैं। सरकारी सहायता में अपनों अपनों की बंदरबांट की शिकायतें आने लगी थीं तथा आरोप लग रहे थे कि पात्र लोगों तक सहायता पहुंच ही नहीं पा रही है ऐसे में सामाजिक संस्थायें बेहतर काम करती नज़र आ रही हैं और कई गणमान्य व्यक्ति इन संस्थाओं के माध्यम से असहाय लोगों तक अपनी सेवा पहुंचा रहे हैं। इन संस्थाओं में वन्देमातरम समूह ने ‘कोई भूखा न सोये’ को अपना मूलमंत्र बनाते हुवे निर्बल व असहाय लोगों तक हरसम्भव सहायता का लक्ष्य बनाया है। उत्तराखंड की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले हल्द्वानी में बाहर से आजीविका कमाने के लिये आया एक बड़ा तबका लॉकडाउन के चलते भुखमरी के कगार पर आ गया था। कोरोना वारियर्स ऑफ हल्द्वानी बना वन्देमातरम समूह के लोग उन गरीब व असहाय लोगों के लिए देवदूत बनकर आये हैं। इस वर्ग के लोगों के लिए राशन व खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के साथ वन्देमातरम समूह इसके इतर अन्य सामाजिक दायित्वों को भी बखूबी निभा रहा है।

विभिन्न क्षेत्रों में सैनिटाइजेशन के साथ निःशुल्क मास्क वितरण भी इस संस्था द्वारा किया जा रहा है। इस समूह की सक्रिय सदस्य भावना आर्य द्वारा स्वयं मास्क बना रही हैं। जब लॉकडाउन के समय सख्ती के चलते कई लोग चाहकर भी गरीब तबके को सहायता नहीं पहुँचा पा रहे हैं ऐसे में ऐसे इच्छुक लोग वन्देमातरम समूह के माध्यम से अपनी सेवा गरीबों को पहुँचा रहे हैं। इस कार्य में हल्द्वानी जेल के अधीक्षक मनोज आर्य, प्रमोद बिष्ट, कौशल आर्य, शरदपाल आर्य, गौरव अग्रवाल, नितिन बलूटिया, भास्कर बेलवाल सहित एक लंबी सूची है जिन्होंने वन्देमातरम समूह को अपनी सेवा का माध्यम चुना। वन्देमातरम समूह के शैलेन्द्र दानू, भावना आर्य, अक्षत पाठक, मनीष कुल्याल, धीरज नेगी इस कार्य में दिनरात जुटे है। गौरतलब है कि वन्देमातरम समूह के शैलेन्द्र दानू के पिछले वर्ष हल्द्वानी में डेंगू के महामारी का रूप लेने के दौरान डेंगू पीड़ितों को रक्तदान के माध्यम से रक्त उपलब्ध करवाकर कई लोगों की जान बचाई थी।

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