कोरोना महामारी की दूसरी लहर से पूरे देश में तांडव मचा हुआ है। इसका प्रकोप इतना घातक है कि लोग बेमौत मर रहे हैं। हर दिन लाखों लोग इससे संक्रमित हो रहे हैं, जबकि हजारों लोगों की जान जा रही है। ऐसे हालत में सरकार भी फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। इसी बीच उत्तराखण्ड सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस साल की चारधाम यात्रा अब रद्द को कर दी है। यह जानकारी उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने दी प्रेस वार्ता कर घोषणा की है।
उन्होंने कहा कि इन चार मंदिरों में केवल उस मंदिर के पुजारी ही पूजा और अन्य धार्मिक अनुष्ठान करेंगे। किसी और के पास इन मंदिरों तक पहुंचने की अनुमति नहीं होगी। इस संबंध में एक बैठक आयोजित कर यह निर्णय लिया गया है। उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में यह बैठक हुई।
बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के चार मंदिरों के केवल पुजारी स्थानीय अनुष्ठान और अन्य धार्मिक अनुष्ठान करेंगे। यात्रा अगले महीने की 14 तारीख से शुरू होनी थी। फिलहाल कोरोना रोगियों की बढ़ती संख्या के कारण यात्रा को रद्द कर दिया गया है।
चारधाम यात्रा प्रदेश के नागरिकों को रोजगार के अवसर प्रदान करती है। लेकिन यात्रा रद्द होने से कारोबारी परेशान हैं। इससे पहले कुंभ मेले की अनुमति देने वाली उत्तराखण्ड सरकार की न केवल देश भर से, बल्कि पूरे विश्व में आलोचना हुई थी। इसलिए राज्य सरकार ने कोरोना को रोकने के लिए चारधाम यात्रा को रद्द करने का निर्णय लिया है।