प्रदेश मे कल एक ही दिन मे 3 केस कोरोना संक्रमण सेम्पल पॉजिटिव आये हैं और आज देहरादून और मसूरी मे नये कोरोना संक्रमण रिपोर्ट पॉजिटिव आने से प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ है।कल अल्मोड़ा जिले के ब्लॉक सल्ट निवासी 27 वर्षीय युवक गुरुग्राम से घर आ रहा था।
मोहान पर थर्मल स्क्रिनिग टेस्ट होने पर उसके शरीर का तापमान असामान्य होने के कारण रानीखेत हॉस्पिटल में आइसोलेट के लिये रखा गया था।13 मई को हल्द्वानी के एस टी एच मे सेंपल पॉजिटिव आया।देहरादून की महिला दिल्ली अपना इलाज कराके वापस देहरादून आने पर कोरोना सेंपल पॉजिटिव आया है।
नैनीताल जिले मे महाराष्ट्र से आये जमाती का हल्द्वानी आने पर सेम्पल पॉजिटिव आया है।एक ही दिन मे तीन केस आने को लेकर जनता मे भय का माहौल बन रहा है।प्रदेश सरकार द्वारा लगातार उत्तराखंड में प्रवासीयो को वापसी की अनुमति प्रदान करना कही उत्तराखंड को इसकी बड़ी सजा भुगतनी भी पड़ सकती है। सिर्फ सरकार के पास थर्मल स्क्रिनिग टेस्ट है बुखार नही आने पर घर मे ही होम क्वारंटाइन के लिये भेज दिया जा रहा। पहाड़ो मे होम क्वारंटाइन हो ही नही सकता।क्योंकि किसी के पास 4 कमरे के अलावा एक बाथरूम ही होंगे।सरकार का प्रवासियों को बिना ब्लड सेम्पलिंग के बाद कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने तक घर भेजना उत्तराखंड के लोगो के साथ अन्याय है।जब कोई कोरोना महामारी संक्रमित रिपोर्ट आ रही है तो प्रशासन इलाके की घेराबंदी कर देना ही अपनी ड्यूटी समझ रहा है।प्रसाशन द्वारा आज मंसूरी की एक महिला का सेंपल पॉजिटिव आने के बाद बूचड़खाने इलाके की घेराबंदी की है।
कजो भी उनके सम्पर्क में आये हैं उनको चिन्हित किया जा रहा है।ये बात समझ से परे है कि बिना सेंपल लिये प्रवासियों को घर भेजा ही क्यों गया और लगातार सेकंडों प्रवासियों को उत्तराखंड आने की अनुमति भी मिल रही है।जब प्रदेश के पास उनको 14 दिन घर भेजने के बजाय कही रखने की पूर्ण सुविधा नही है।लेकिन प्रशासन लगातार दावे कर रहा है उन्होंने आइसोलेट सेंटर बनाये हैं तो फिर घर भेजकर जनता को भय और रिस्क मे क्यो जीवन यापन के लिये बेवश किया जा रहा है।प्रवासियों को सीधे घर भेजने के कारण बाहरी राज्यो से आये प्रवासी खुले आम घूम रहे हैं।गावँ के प्रधानों व आशा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गयी है।कहना नही मानने पर विवाद होने के संभावना दिख रही है।एक ही दिन मे प्रदेश मे सैकङो प्रवासी उत्तराखंड के अनेक जनपदों में आ रहे है।जबकि सरकार जानती है।उनके पास दो ही जगह टेस्ट करने की सुविधा है
तो सरकार इतना गैरजिम्मेदाराना कदम क्यो उठा रही है।3केस कल कोरोना पॉजिटिव आये हैं सब बाहरी राज्यो से आये प्रवासियों के कारण आये हैं।सरकार के लिये प्रवासियों को उत्तराखंड में लाना है तो पहले पूरी तैयारी करें वरना सरकार के लापरवाही का भुगतान उत्तराखंड की जनता कोरोना महामारी संक्रमित होकर भुगतने पडेंगे। उत्तराखंड के जनपद बागेश्वर मे अभी तक कोई पॉजिटिव केस नही है।लेकिन जिस तरीके से रोज बाहरी राज्यो से लोग आ रहे हैं प्रवासियों को होम क्वारंटाइन के लिए भेजा जा रहा है। थर्मल स्क्रिनिग से बुखार माप कर डाटा तैयार कर घर भेजना पूरी तरह राम भरोसे चल रहा है।अनेक जगह से बाहर से आये प्रवासियों द्वारा प्रधानों का कहना नही मानना होम क्वारंटाइन के नियमो के अनुरूप नही चलने की खबरे आयी हैं जिसके बाद जिलाधिकारी रंजना राजगुरु ने कड़ी कार्यवाही की बात कही है।यही हाल पूरे प्रदेश मे है।उत्तरकाशी के प्रधान संघटन ने प्रशासन से प्रवासियों को सीधे घर ना भेजकर सरकार द्वारा 14 दिन क्वारंटाइन सेंटर मे रखने की अपील की है।