गैरसैंण में शीतकालीन सत्र ना कराए जाने के मामले को लेकर प्रदेश में गरमाई सियासत के बीच नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने दो टूक शब्दों में साफ कर दिया है कि सरकार पहले तो यह बताएं की स्थाई राजधानी कहां होगी ? और गैरसैण में कौन सी राजधानी होगी, कम से कम पहले यह तो स्पष्ट हो जाए कि किस राजधानी में कौन सा सत्र किया जाएगा, अगर बात गैरसैण की जाए तो वहां सरकार के पास इतनी सुविधाएं नहीं है की जनप्रतिनिधियों से लेकर मुख्यमंत्री तक और विधानसभा कर्मचारियों से लेकर सुरक्षा व्यवस्था संभालने वाले कर्मचारियों के लिए उचित व्यवस्था हो सके, लिहाजा इसी मामले को लेकर हरीश रावत एक दिन का उपवास गैरसैण में रखेंगे, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने हरीश रावत के एक दिन के उपवास पर कोई ज्यादा टिप्पणी तो नहीं की लेकिन इसी बहाने सरकार पर एक तंज जरूर कसा कि सरकार पहले यह तय कर ले की स्थाई और अस्थाई राजधानी कहां होगी। वही केबिनेट मंत्री अरविंद पाण्डे ने कहा कि हरीश रावत उनके वरिष्ठ है, साथ ही चुटकी लेते हुए कहा कि सरकार की ईमानदारी से काम करने को लेकर विपक्ष की बौखलाहट है जिसके चलते गैरसैण को राजनैतिक एजेंडा बनाकर डायवर्ड करने का काम कर रही है।
सरकार बताये आखिर स्थाई राजधानी कहां होगी…?
