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Uttarakhand

छात्रवृत्ति घोटाले में बैंक प्रबंधक सहित पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी गिरफ्तार

रानीखेत (अल्मोड़ा)। उत्तराखण्ड में दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले में पुलिस के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है। पुलिस ने मामले में इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) हापुड़ के तत्कालीन सहायक प्रबंधक (वर्तमान में लखनऊ में तैनात) और पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले में मई में पहली गिरफ्तारी हुई थी। मामले में रानीखेत क्षेत्र के विद्यालयों से भी कई छात्र-छात्राओं से छात्रवृत्ति के फर्जी आवेदन भरवाए गए थे।

एसएसआई बसंती आर्या ने बताया कि मामले में पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी हापुड़ राजेश कुमार सक्सेना पुत्र स्व प्रेम नारायण सक्सेना निवासी विकासनगर अलीगंज लखनऊ और आईओबी हापुड़ के सहायक प्रबंधक जैन अब्बास पुत्र कमर अब्बास निवासी फूलबाग कॉलोनी लखनऊ को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों को कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेज दिया गया है। एसएसआई ने बताया कि रानीखेत क्षेत्र के विद्यालयों के बच्चों को मिलाकर कुल 18 छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति का झांसा दिया गया था। उन्होंने बताया कि मामले की जांच चल रही है।

दशमोत्तर छात्रवृत्ति में हुईं अनियमितताओं की जांच के लिए एसआईटी ने अल्मोड़ा जिले से मोनार्ड यूनिवर्सिटी हापुड़ सहित अज्ञात बिचौलियों के खिलाफ धारा 409/420/467/468/471/120बी के तहत केस दर्ज किया था। उन पर जिला समाज कल्याण कार्यालय अल्मोड़ा से प्राप्त छात्रवृत्ति (14 लाख 23 हजार 90 रुपए) के फर्जी दस्तावेज तैयार कर आपराधिक षड्यंत्र करने का आरोप था। 21 मई को पुलिस ने हापुड़ से मोनार्ड यूनिवर्सिटी के कर्मचारी अनुज गुप्ता पुत्र स्व हरीश गुप्ता को गिरफ्तार किया था।

-ललित करगेती

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