अगर आप बेरोजगार हैं, रोजगार चाहते हैं या फिर आप एक उद्यमी के रूप में अपनी पहचान बनाना चाहते हैं। अपने साथ ही अन्य लोगों को भी रोजगार देने में सक्षम बनना चाहते हैं तो इसमें प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग द्वारा जनपद पिथौरागढ़ के जिला मुख्यालय स्थित विकास भवन सभागार में आयोजित जागरूकता शिविर के दौरान विषय विशेषज्ञों के कथनों का कुछ ऐसा ही विषय सार था।
जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वासकार्यालय द्वारा प्रायोजित इस कार्यक्रम में प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम यानी पीएमईजीपी के तहत सफल रहे कई उद्यमियों की सफलताओं व उनकी उद्यमिता की कहानियों को भी साझा किया गया ताकि उपस्थित प्रतिभागी यह जान सकें कि इन सफल लोगों ने अपने ज्ञान व कौशल का इस्तेमाल उद्यमिता के क्षेत्र में कैसे किया और इसमें पीएमईजीपी का क्या योगदान रहा। इस दौरान विशेषज्ञ वक्ताओं ने कहा कि आज के दौर में युवाओं में रोजगार के कौशल के साथ ही उद्यमिता की भावना का होना बेहद आवश्यक है। लेकिन उद्यम स्थापित करने के लिए व्यक्ति को वित्तीय आवश्यकता होती है। इसी को देखते हुए प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत वित्तीय सहायता प्रदान कर रोजगार पैदा करने की एक नई पहल की गई है। इसमें उपस्थित प्रतिभागियों को खादी ग्रामोद्योग के तकनीकी पक्षों की जानकारी दी गई ताकि लोग उद्यमिता विकास की ओर प्रेरित हो सकें।
इस शिविर में खादी ग्रामोद्योग विभाग से आए वक्ताओं ने स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने के लिए विभाग द्वारा चलाई जा रही वित्तीय योजनाओं, ऋण सुविधा और केंद्र सरकार के माध्यम से दिए जाने वाले अनुदानों के बारे में बताया। इसके अलावा ग्रामोद्योग के क्षेत्र में उपलब्ध संभावनाओं व स्वरोजगार पर भी प्रकाश डाला गया। इस दौरान प्रतिभागियों ने जाना कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम पूर्णतया भारत सरकार द्वारा प्रायोजित एक महत्वपूर्ण स्वरोजगार योजना है। 18 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति इसका लाभ ले सकता है। इस कार्यक्रम के तहत नई इकाइयों की स्थापना के लिए सहायता दी जाती है। इस कार्यक्रम का लाभ बेरोजगार, भूतपूर्व सैनिक, युवा, गृहणी आदि ले सकते हैं। पहले इस कार्यक्रम के तहत सेवा क्षेत्र में 10 लाख एवं विनिर्माण क्षेत्र में 25 लाख तक की परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती थी। जिसे बढ़ाकर अब सेवा क्षेत्र में 20 लाख व विनिर्माण क्षेत्र में 50 लाख कर दिया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में परियोजना लागत का 25 प्रतिशत व शहरी क्षेत्रों में 15 प्रतिशत की सब्सिडी प्रदान की जाती है।
इस कार्यक्रम में हिस्सेदारी कर रहे कई युवाओं एवं महिलाओं का कहना था कि इसमें बैंकों द्वारा धनराशि स्वीकृत करने में तेजी लाई जानी जरूरी है, जिससे अधिक से अधिक लोग इस कार्यक्रम का लाभ उठा सकें। यहां उपस्थित प्रतिभागियों का यह कहना भी था कि परियोजनाओं के क्रियान्वयन और रोजगार सृजन के लिए समय पर पूंजी का वितरण बहुत महत्वपूर्ण होता है। वित्तीय सहायता के साथ ही सरकार उद्यमियों को सही बाजार और सही उत्पादों पर ध्यान केंद्रित करने में सहायता प्रदान करने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रमों का अधिक से अधिक आयोजन करें। इधर दूसरी तरह सरकार ने प्रदेश में नए नवाचार व उद्यमिता का माहौल बनाने के लिए स्टार्टअप को गति प्रदान करने के लिए 30 इंक्यूबेशन सेंटर बनाने को मंजूरी प्रदान की है। अब सरकार 30 नए इंक्यूबेशन खोलने जा रही है ताकि युवाओं को अधिक से अधिक स्टार्टअप खोलने में सहायता मिल सके। वहीं सरकार मान्यता प्राप्त स्टार्टअप को 10 लाख रुपए की एकमुश्त सीड फंडिग दे रही है। कुल मिलाकर प्रदेश में उद्यमिता विकास का माहौल बनाने की तैयारी तो हो रही है लेकिन असली चुनौती इन्हें धरातल पर उतारने की होगी।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम भी एक ऐसी ही लाभकारी योजना है। जिसके तहत उद्यमिता की तरफ कैरियर बनाने का मौका मिलता है। दूरस्थ क्षेत्रों तक इसकी जानकारी पहुंचे और उद्यमिता के क्षेत्र में लोग आगे आएं, इसी उद्देश्य के साथ इस शिविर का आयोजन किया गया था। खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की यह पहल काफी सराहनीय है। जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास कार्यालय को इसका सहभागी बनने पर खुशी है। पीएमईजीपी अपनाओ, रोजगार पाओ नारा काफी अहम है।
कर्नल चन्द्र बहादुर पुन, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी