पुष्कर सिंह धामी जब पहली बार मुख्यमंत्री बने तो उन्हें महज 6 माह का ही समय मिल पाया था। इस संक्षिप्त काल में भी धामी ने कई मुद्दों पर अपने मास्टर स्ट्रोक से विपक्ष को चित्त करने का काम किया था। चुनाव को देखते हुए धामी ने सोच-समझकर कदम रखे। चुनाव हारने के बाद भी हाईकमान ने उन पर भरोसा जताया और दोबारा कमान सौंप दी। फिलहाल, सीएम एक्शन मोड में है। वे सभी विभागों की अपने स्तर से खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं। आरटीओ कार्यालय में औचक निरीक्षण से लेकर यात्रियों के साथ आम आदमी की तरह लाइन में लगकर धामी अपनी सरकार का फीडबैक भी ले रहे हैं। उनके सामने ऐसे कई मुद्दे हैं, जिन तक पहुंचकर वे जनता के दिल में अपने लिए जगह बना रहे हैं। सीएम धामी जनसमस्याओं का समाधान करने की ओर कदम उठाते दिख रहे हैं तो दूसरी तरफ नौकरशाही पर लगाम लगाने का संदेश भी दे रहे हैं
उत्तराखण्ड में जब विधानसभा चुनाव का प्रचार चल रहा था तब फरवरी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पुष्कर सिंह धामी के लिए एक भाषण में कहा था कि अपना पुष्कर फ्लावर भी है और फायर भी है। तब शायद ही किसी को अंदाजा रहा होगा कि पुष्कर सिंह धामी उत्तराखण्ड की सियासत के ‘फायर’ साबित होंगे। बहरहाल, एक्शन में नजर आ रहे सीएम धामी का यह संदेश जहां एक तरह काम करने वालों के लिए फ्लावर साबित होता दिख रहा है तो वहीं गड़बड़ करने वालों के लिए फायर। फिलहाल वह जनता की समस्याओं से खुद वाकिफ हो उनका समाधान खोजते नजर आ रहे हैं। सरकार संभालने के एक माह बाद ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक्शन में हैं। मुख्यमंत्री बखूबी समझ चुके हैं कि कामकाज में पारदशि्र्ाता लानी है तो ऊपरी स्तर से इसकी शुरुआत करनी होगी। इसके चलते सीएम धामी ताबड़तोड़ तरीके से बैटिंग कर रहे हैं। पिछले एक महीनों के दौरान सरकार की कारगुजारियों को देखे तो लग रहा है कि जहां एक तरफ सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी पर काम कर रही है तो वहीं दूसरी ओर जनता से किए वादों को भी पूरा करने की दिशा में काम किया जा रहा है।
विजन 100 दिन
चुनाव के दौरान किए गए वादों को पूरा करने के साथ ही पुष्कर सिंह धामी अपने विजन में फोकस करना शुरू कर चुके हैं। इसके लिए उन्होंने सरकार के 100 दिन के विजन पर भी काम करना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री ने सबसे पहले पहली कैबिनेट मीटिंग में यूनिफार्म सिविल कोड लाने के अपने वादे को पूरा करने का संकल्प दोहराया है। इसके साथ ही उन्होंने मंत्रियों को भी 100 दिन के विजन पर काम करने को कहा है। शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने भी सबसे पहले 100 दिन का लक्ष्य लेकर काम करने की बात की है। धन सिंह रावत के अलावा सभी मंत्री अपने विभागों की समीक्षा बैठक कर अपने विजन पर फोकस करने में जुट गए हैं। इसके लिए सभी मंत्रियों ने अपने 100 दिन का रोडमेप भी तैयार कर लिया है। सीएम धामी के लिए पहली परीक्षा पहला बजट सत्र होगा। यह सत्र आगामी 7 जून से गैरसैंण में आयोजित होगा। इसके लिए धामी अभी से तैयारियों में जुटे हुए हैं।
भ्रष्टाचार पर प्रहार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सख्ती के बाद वन विभाग में 2 आईएफएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया और एक को अटैच कर दिया गया है। इस कार्रवाई को सीएम धामी का अफसरशाही को सीधे संदेश के तौर पर देखा जा रहा है कि सरकार जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी पर चल रही है। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने तो साफ शब्दों में अधिकारियों को चेतावनी भी दे डाली है। उनियाल ने विभाग के लापरवाह और भ्रष्ट अधिकारियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। वन मंत्री उनियाल ने प्रदेश के अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन के साथ बैठक कर ऐसे अधिकारियों की लिस्ट तलब की जो कि विवादित हैं। मंत्री के संकेत से साफ हो गया कि विभाग के जिन अफसरों के खिलाफ जांच चल रही हैं या फिर जो अधिकारी आरोपों और विवादों में घिरे हैं, ऐसे अफसरों पर कार्रवाई तय है। इसके तहत ही कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध कटान और निर्माण संबंधित तमाम अनियमितताओं के मामले में धामी सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। वन विभाग के दो अधिकारियों को निलंबित करने के साथ ही एक अधिकारी को मुख्यालय में अटैच कर दिया गया है। इस कार्रवाई के बाद से अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। फिलहाल, वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी जे एस सुहाग और किशनचंद पर कार्रवाई की गई है। इस कार्रवाई के जरिए सरकार ने बड़ा संदेश दिया है कि उच्च स्तर से निचले स्तर तक किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
आरटीओ ऑफिस में छापा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून के राजपुर रोड स्थित आरटीओ कार्यालय पर अचानक छापा मारा। इस औचक निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने पाया कि आरटीओ कार्यालय में आम जनता अपने वाहनों से संबंधित कार्यों के लिए सुबह 9 बजे से मौजूद थी, लेकिन कार्यालय में कुछ कर्मचारियों को छोड़कर आरटीओ के मुख्य अधिकारी दिनेश चंद्र पिठोई और काफी कर्मचारी सुबह के साढ़े दस बज जाने के बावजूद मौजूद नहीं थे। कार्यालय के कर्मचारियों और अधिकारी की लापरवाही देखकर मुख्यमंत्री धामी ने आरटीओ दिनेश चन्द्र पठोई को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दे दिए हैं। मुख्यमंत्री धामी ने परिवहन सचिव अरविंद सिंह हयांकी को निर्देश देते हुए कहा कि जितने भी कर्मचारी समय होने के बावजूद उपस्थित नहीं है उन पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा आरटीओ कार्यालय में मारे गए छापे व एक बड़े अधिकारी आरटीओ के निलंबन की गूंज अन्य विभागों तक भी जा पहुंची।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के औचक निरीक्षण के बाद अब पूरे प्रदेश में छापेमारी का दौर शुरू हो गया है। हल्द्वानी आरटीओ कार्यालय में अपर सचिव परिवहन रणवीर सिंह चौहान ने छापा मारा। कार्यालयों में कर्मचारियों और अधिकारियों की उपस्थिति को लेकर छापेमारी के बाद हड़कंप मच गया है। इस दौरान कई कर्मचारी ऑफिस में नहीं मिले। जिनका वेतन रोकने के निर्देश जिलाधिकारी नैनीताल ने दे दिए हैं। हल्द्वानी के एसडीएम मनीष कुमार सिंह ने पांच सरकारी ऑफिसों में औचक निरीक्षण किया। इनमें जल संस्थान पीडब्ल्यूडीए जिला उद्योग केंद्र, पशुपालन विभाग प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड क्षेत्रीय कार्यालय रजिस्ट्रार कार्यालय शामिल रहे। इस दौरान कई कर्मचारी ऑफिस के वक्त नदारत दिखे जिन पर एक्शन लिया गया। उपजिलाधिकारी मनीष कुमार को जल संस्थान के 10 कर्मचारी नदारद मिले तो वहीं पीडब्ल्यूडी में 4 और पशु चिकित्सालय में 3 कर्मचारी कार्यालय में मौजूद नहीं थे। अनुपस्थित कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की करने के संबंध में रिपोर्ट जिलाधिकारी नैनीताल दी गई और फिर उनका वेतन रोकने का आदेश जारी किया गया है।
सीएम धामी ने आमजन की तरह लाइन में लगकर किया यात्रा यात्रियों से यात्रा का फीडबैक
इसके अलावा बेसिक शिक्षा विभाग में भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यालयों के औचक निरीक्षण का असर देखा जा रहा है। विभाग की निदेशक वंदना गर्ब्याल का 18 मई का ताजा आदेश तो यही कहानी बयां कर रहा है। इस आदेश में निदेशक ने साफ कहा है कि प्रायः देखा जा रहा है कि कार्मिक/अधिकारी विलंब से कार्यालय में आते हैं, जिससे जनसमस्याओं का त्वरित निस्तारण नहीं हो पाता है। साथ ही कार्मिकों की इस प्रवृत्ति से विभाग की छवि पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। नतीजतन, निदेशक वंदना गर्ब्याल ने विभागीय अधिकारियों व कार्मिकों को चेतावनी दे दी है। इस बाबत बकायदा पत्र लिखकर मध्याÐ भोजन के अलावा टाइमिंग को लेकर भी नए निर्देश दिए हैं।
आम और वीआईपी हुए एक समान
बाबा केदार के दर्शनों को इस बार श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है। इससे व्यवस्थाएं बनाने में प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं। अब तक लाखों श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर चुके हैं। अब से पहले बड़ी संख्या में श्रद्धालु वीआइपी द्वार से मंदिर में प्रवेश कर रहे थे, इससे दर्शनों के दौरान धक्का-मुक्की से भारी अव्यवस्था फैल रही थी। इसके मद्देनजर केदारनाथ मंदिर में वीआइपी द्वार से श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। यह नियम केदारनाथ सहित सभी चारों धाम पर लागू होगा। अब हेली सेवा से पहुंचने वाले श्रद्धालु भी लाइन में लगकर ही बाबा के दर्शन करेंगे। इसके लिए वीआइपी द्वार पर बैरिकेडिंग लगाई गई है। मंदिर परिसर में यात्रियों को नियंत्रित करने के लिए भी बैरिकेडिंग लगाई गई है। इसी के साथ ही यह भी तय किया गया है कि लाइन में खड़े श्रद्धालुओं को हर हाल में दो घंटे के भीतर दर्शन कराने होंगे। दरअसल, हेली सेवा से प्रतिदिन आने वाले लगभग दो हजार श्रद्धालु भी वीआइपी द्वार से दर्शनों को पहुंच रहे थे। इससे अव्यवस्था और बढ़ गई थी। वीआईपी दर्शनों की वजह से लाइन में लगे लोगों को और इंतजार करना पड़ता है। इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री ने वीआइपी दर्शनों पर रोक लगाने का निर्णय लिया। इसी के साथ प्रसिद्ध चारधाम यात्रा में पहली बार आईटीबीपी के जवानों की कंपनी को यात्रा व्यवस्थाओं को संभालने के लिए कमान सौंपी गई है।
लाइन में लगकर लिया यात्रा फीडबैक
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जौलीग्रांट एयरपोर्ट से हवाई जहाज में इकोनॉमी क्लास में बैठकर नई दिल्ली के लिए हवाई यात्रा की। मुख्यमंत्री की यह यात्रा हवाई जहाज में बैठे यात्रियों से चारधाम यात्रा का फीडबैक लेना बताया गया। मुख्यमंत्री जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे। इस दौरान उन्होंने देहरादून से दिल्ली के लिए उपलब्ध सामान्य फ्लाइट से यात्रा करना तय किया। वह सामान्य यात्रियों की तरह लाइन में खड़े हुए और जहाज में दाखिल हुए। इस दौरान वहां पहुंचे ज्यादातर यात्रियों ने उन्हें पहचान लिया। सीएम धामी को आम यात्रियों की तरह लाइन में खड़ा लगा देख यात्री भी चौंक गए। कतार में खड़े होने से लेकर जहाज में बैठने तक मुख्यमंत्री ने कई यात्रियों से बातचीत की। उन्होंने उनसे चार धाम यात्रा के अनुभव भी पूछे। इस दौरान यात्रियों ने उन्हें चार धाम यात्रा के संबंध में अव्यवस्थाएं बताई तथा सुझाव भी दिए।