राज्य की पांचवीं निर्वाचित विधानसभा के लिए चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। अब 21 साल की वयस्क उम्र हासिल कर चुके प्रदेश का आगामी चुनाव सियासी रूप से कई मायने में अलग होगा।राजनेताओं की एक पूरी पीढ़ी अब परिदृश्य से बाहर हो रही है, तो नए चेहरे अब सतह पर आने लगे हैं।
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ऐसे में टिकट वितरण को लेकर राज्य की दोनों प्रमुख पार्टियों में इस बार बगावत के सुर तेज़ हो गए हैं। रानीखेत विधानसभा में भाजपा द्वारा प्रमोद नैनवाल को प्रत्याशी घोषित करने के बाद कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश नजर आने लगा है। नैनवाल को प्रत्याशी घोषित करने के बाद पार्टी के भीतर एक तरफ भिकियासैंण मंडल इकाई के अध्यक्ष व महामंत्री सहित डेढ़ सौ से अधिक पदाधिकारी भाजपा को छोड़ चुके हैं । वहीं दूसरी ओर सौला द्वितीय से जिला पंचायत सदस्य देवेंद्र सिंह रावत ने करीब दो सौ समर्थकों के साथ भाजपा छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। इन सभी ने कांग्रेस प्रत्याशी करन माहरा की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की है।
सूत्रों की मानें तो यह सिलसिला यहीं रुकने वाला नहीं है। नैनवाल को टिकट मिलने से नाराज कई और कार्यकर्ता पार्टी छोड़ सकते हैं। जो पार्टी के लिए रानीखेत विधानसभा में घातक साबित हो सकता है।