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Uttarakhand

डांडा कांडा कांड : फिर शर्मसार हुई देवभूमि

उत्तराण्खड देश का इकलौता ऐसा राज्य है, जहां सुदूर और दुर्गम क्षेत्रों में आज भी 161 साल पुराना अंग्रेजों के समय का कानून लागू है। उसी के आधार पर किसी भी आपराधिक मामले में एफआईआर दर्ज कर शुरुआती कार्रवाई की जाती है जो पटवारी प्रणाली कहलाई जाती है। अंकिता भंडारी हत्याकांड में इस प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लग चुके हैं। अंकिता भंडारी की रिपोर्ट दर्ज हो जाने के 4 दिन बाद तक भी कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। अभी यह प्रकरण पूरी तरह सुलझा भी नहीं है कि अब अल्मोड़ा जिले के डांडा कांडा में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें पटवारी पुलिस प्रणाली फिर से संदेह के घेरे में है। 4 माह बाद भी एक बालिका के साथ हुए यौन उत्पीड़न की रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। आरोपी दिल्ली सरकार में तैनात एक रसूखदार अधिकारी एवी प्रेमनाथ है, जिसके प्रभाव के आगे उत्तराखण्ड की पटवारी प्रणाली दम तोड़ती नजर आई है। अल्मोड़ा के कार्यवाहक जिलाधिकारी सीएस मर्तोलिया की त्वरित कार्रवाई से न केवल मुकदमा दर्ज हुआ, बल्कि आरोपी जेल जा चुका है। लेकिन सवाल यह है कि जिस तरह धामी सरकार ने अंकिता हत्याकांड में आरोपी पुलकित और भर्ती घोटाले में आरोपी हाकम सिंह के रिसॉर्ट पर बुल्डोजर चलवाया क्या यह बुल्डोजर एवी प्रेमनाथ के अवैध अतिक्रमण पर भी चलेगा

शिक्षा संस्थान चलाने के नाम पर किस कदर पहाड़ों पर अय्याशी के अड्डे बनाए जा रहे है इसका जीता-जागता उदाहरण है डांडा कांडा स्थित प्लीजेंट वैली फाउंडेशन। जहां दिल्ली का एक प्रशासनिक अधिकारी अपने रसूखों के बल पर पहले तो सरकारी जमीन पर कब्जा कर आलीशान भवन बना लेता है। तीन अधिकारियों की जांच रिपोर्ट में अवैध अतिक्रमण की संस्तुति होने के बावजूद भी वह कई सालों तक कार्यवाही नहीं होने देता है। इस दौरान जिसने भी उसके एनजीओ के खिलाफ आंख उठाने की जुर्रत की वह उनके खिलाफ ही षड्यंत्र करता रहा है। उसके षड्यंत्र का शिकार हुए लोगों में स्थानीय निवासी बिशन सिंह अधिकारी से लेकर एसपी विजलेंस अमित श्रीवास्तव तक लंबी फेहरिस्त है। ‘दि संडे पोस्ट’ अपनी खोजी खबरों के माध्यम से इनके कारनामे उजागर करता रहा है। जिनका खामियाजा संपादक और संवाददाता को फर्जी मुकदमों के जरिए भुगताना पड़ा है।

 

डांडा कांडा स्थित प्लीजेंट वैली फाउंडेशन में एवी प्रेमनाथ का घेराव करती स्थानीय जनता

ऐसे समय में जब प्रदेश में अंकिता भंडारी हत्या कांड के बाद महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं और देवभूमि को महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं समझा जा रहा है। रजनी यादव (काल्पनिक नाम) का यौन उत्पीड़न प्रकरण सुर्खियों में है। अंकिता भंडारी हत्याकांड की तरह ही इस मामले में राजस्व पुलिस की लापरवाही सामने आई है। चार माह तक राजस्व पुलिस जब इस मामले में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी तो पीड़िता लड़की और उसकी मां ने अल्मोड़ा जिलाधिकारी के दरबार में गुहार लगाई। अल्मोड़ा के कार्यवाहक जिलाधिकारी सीएस मर्तोलिया ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल एक्शन लिया। तब जाकर कहीं मामला दर्ज हो सका। हालांकि लापरवाही बरतने पर क्षेत्रीय राजस्व उपनिरीक्षक हेमंत कुमार को अग्रिम आदेशों तक तत्काल प्रभाव से गोविंदपुर से हटाकर तहसील कार्यालय सोमेश्वर में संबद्ध कर दिया है। साथ ही उन पर लगे आरोपों की जांच के भी आदेश कर दिए गए हैं। इसके लिए तहसीलदार सोमेश्वर को जांच अधिकारी नामित किया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए इसको राजस्व पुलिस से सिविल पुलिस को सौंपा गया। उस समय एवी प्रेमनाथ डांडा कांडा स्थित प्लीजेंट वैली फाउंडेशन में ही था जिसकी खबर लगते ही स्थानीय जनता आक्रोशित हो गई और गेट पर ही धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। अल्मोड़ा पुलिस की निष्क्रियता का फायदा उठाकर एवी प्रेमनाथ 5 अक्टूबर को चोरी छुपे डांडा कांडा से भागकर हल्द्वानी जा पहुंचा। अगर समय रहते हल्द्वानी पुलिस सक्रिय नहीं होती तो एवी प्रेमनाथ वोल्वो बस में बैठकर दिल्ली के लिए भाग चुका होता। हल्द्वानी पुलिस की बस अड्डे के चारों तरफ की गई नाकेबंदी और गहन जांच की बदौलत ही वह पुलिस के हाथ आ सका।

 

कोतवाली रानीखेत में गिरफ्तारी को लेकर पुलिस से नोक-झोंक

इस प्रकरण में एक बात साफ तौर पर यह सामने आ रही है कि उत्तराखण्ड की जनता अब एवी प्रेमनाथ जैसे शातिर आरोपियों के खिलाफ तनकर खड़ी होने लगी है। अंकिता नामक युवती ने तो बकायदा प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार से इस बाबत फोन पर रोष प्रकट करते हुए आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। स्थानीय लोगों ने जिस तरह प्लीजेंट वैली फाउंडेशन के गेट पर धरना प्रदर्शन किया और रानीखेत कोतवाली में एवी प्रेमनाथ की गाड़ी को घेर कर नारेबाजी की। इससे यही सिद्ध होता है कि जनता में ऐसे लोगों के खिलाफ भारी आक्रोश है। यहां तक कि कोतवाली में उसके कुर्सी पर बैठने को लेकर भी स्थानीय जनता गुस्से में दिखी। पिछले डेढ़ दशक से स्थानीय जनता को अपने पद का रौब दिखाकर डराता आया यह शातिर अब खुद दहशत में है। उसे शायद कोरोनाकाल में पीड़िता लड़की के साथ किए गए दुराचार के समय यह एहसास नहीं था कि एक दिन उसे अपने इन कुक्रमों के चलते जेल की सलाखों के पीछे भी जाना पड़ेगा। जिस पीड़िता की मां को एवी प्रेमनाथ ने अपने जाल में फंसाकर जेल भिजवाया उसकी नाबालिग बेटी को पता नहीं था कि वह भी उसके रचाए भ्रमजाल में फंस जाएगी। अपनी मां की जमानत कराने की उम्मीद में पीड़िता जब प्रेमनाथ के साथ डांडा कांडा स्थित प्लीजेंट वैली फाउंडेशन में पहुंची तो उसके साथ आरोपी ने यौन उत्पीड़न की घटना को अंजाम दे डाला।

पीड़िता ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार में तैनात अधिकारी एवी प्रेमनाथ ने अपने कार्यालय में नौकरी कर रही उसकी मां को टाडा-कांडा, मजखाली, जिला अल्मोड़ा स्थित अपनी पत्नी के एनजीओ प्लीजेंट वैली फाउंडेशन में चलने का दबाव बनाया और कोरोना महामारी के दिनों में लॉकडाउन के दौरान इस लड़की और उसकी मां के पास बनवा अपनी गाड़ी में डांडा कांडा गांव स्थित एनजीओ में लेकर गया। 18 अगस्त 2022 को इस एनजीओ में कोविडकाल में भी गणेश उत्सव की तैयारी चल रही थी। यहां पहली बार प्रेमनाथ ने दुष्कर्म करने का प्रयास किया। लड़की ने अपने शिकायती पत्र में कहा है कि एक पूरी तरह झूठे मामले में मेरी मां को उक्त प्रेमनाथ ने इस कदर फंसाया कि उन्हें उत्तराखण्ड पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इसके बाद से ही वह लगातार इस नाबालिग लड़की पर दबाव बनाने लगा कि यदि अपनी मां की जमानत करानी है तो जो मैं कहता हूं वैसा कर। जमानत कराने के नाम पर उक्त प्रेमनाथ ने 23 फरवरी 2021 को उसे अपने दिल्ली सचिवालय की दसवीं मंजिल पर स्थित सरकारी कक्ष संख्या 1001 में अपनी गाड़ी भेजकर बुलवाया और उसके साथ नापाक हरकतें की। शिकायत पत्र में लड़की ने लिखा है कि ‘एवी प्रेमनाथ शुरू से ही मुझ पर गलत नजर रखता था। और मुझे बार-बार अकेले घुमाने ले चलने के लिए बोलता था। लेकिन मेरी माता जी लगातार मेरे साथ थीं इसलिए एवी प्रेमनाथ उस वक्त अपने इरादे में सफल नहीं हो पाया। और हम तीन-चार दिन बाद वापस दिल्ली आ गए थे। एवी प्रेमनाथ ने उसके बाद दिल्ली में लगातार मुझे अपने पास बुलाने की बहुत बार कोशिश की लेकिन हर बार मेरी माता जी किसी न किसी तरह मुझे बचा लेती थीं।’
22 मार्च 2022 को इस लड़की पर उसकी मां की जमानत कराने का दबाव बना एवी प्रेमनाथ उसे अपने संग लेकर प्लीजेंट वैली पहुंच गया। भयभीत लड़की इस पूरे यात्रा के दौरान अपनी लोकेशन अपने चचेरे भाई को भेजती रही। प्लीजेंट वैली पहुंच कर प्रेमनाथ अपनी अश्लील हरकतों में उतर आया। लड़की ने अपनी शिकायती पत्र में लिखा है कि प्रेमनाथ ने मुझे अपने सामने अपने कमरे में पूरे दिन बैठाकर रखा और मुझे यह समझाया कि ‘‘देख तेरी मम्मी जेल में हैं और मेरे अलावा उसको कोई नहीं छुड़वाएगा इसलिए जो-जो मैं कहता हूं वैसा कर और मेरे अल्मोड़ा वाले प्लीजेंट वैली हाउस में आराम से रह।’’

‘प्रेमनाथ ने मुझसे यह भी कहा कि तेरी मम्मी अल्मोड़ा जेल में है और प्लीजेंट वैली से तू आराम से अपनी मम्मी से भी मिल सकती है। वहां पर एवी प्रेमनाथ ने मुझे अपने आवास जो ऑफिस के ऊपर बना हुआ है उसी में रूकने के लिए कहा और उसी बीच वहां काम करने वाले गोपाल नाम के अंकल को कैमरे ऑफ करने के लिए कहा। मैं उस बीच अंदर कमरे में थी और यह सब सुन रही थी जब मैं रूम में बाथरूम में नहाने के लिए गई तो तभी प्रेमनाथ मेरे पीछे से आ गया और मुझे पकड़ कर बाथरूम में बंद करने की कोशिश करने लगा और लगातार गलत तरीके से छूता रहा। मुझे डर के कारण कुछ उपाय नहीं सूझ रहा था। मैं चीखने-चिल्लाने लगी तभी मेरी आवाज सुनकर सुख भईया जो वहीं पास के कमरे में मौजूद थे। दौड़कर वहां आ गए और भईया ने मुझे छुड़वाया और सुख भईया मुझे अपने पास के रूम में ले गए। जहां थोड़ी देर बाद जब मैं रो रही थी और सुख भईया नीचे गए हुए थे तो प्रेमनाथ वहां आ गया और मुझे यह समझाने लगा कि तुझे मेरी मम्मी को छुड़वाना है या नहीं और कल अपनी मम्मी से मिलने चलना जो तुझे यह बता देगी कि उसे और कोई नहीं छुड़वा सकता।’

आगे इस पत्र में आरोप लगाया गया है कि 2 मई 2022 को एक शाम प्रेमनाथ इस लड़की के दिल्ली स्थित घर आ गया और जबरदस्ती अंदर घुसने का प्रयास करने लगा। शिकायती पत्र में लिखा है कि ‘अचानक 2 मई 2022 की शाम को लगभग 4 बजे जब मेरी मम्मी घर पर नहीं थी तो एवी प्रेमनाथ मेरे घर पर आ गया और जबरदस्ती घर में घुसने की कोशिश करने लगा। प्रेमनाथ के साथ दो और भी लोग थे। लेकिन मैंने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और तब तक दरवाजा नहीं खोला जब तक मेरी मम्मी नहीं आई। और लगभग 6ः15 शाम को मेरी मम्मी घर आई और उन्होंने प्रेमनाथ से कहा कि जब मैं तुम्हारे ऑफिस में ही थी तो तुम पीछे से मेरे घर क्यों आए? काफी हंगामा होने के बाद प्रेमनाथ वहां से चला गया। मैं बहुत सहमी हुई थी और जब मैं कई दिनों तक गुमसुम रहने लगी तो मैंने मम्मी के बहुत पूछने पर सारी बात आखिरकार बता दी कि उनके पीछे प्रेमनाथ ने मेरा कैसा शोषण किया है। मेरी बातें सुनकर मेरी मम्मी को प्रेमनाथ की असलियत पता चल गई और मेरी मम्मी अपने भतीजे अरिक्षित राणा भईया को लेकर 17 जून को प्रेमनाथ की शिकायत दर्ज कराने डांडा कांडा प्लीजेंट वैली फाउंडेशन गई जहां उन्हें पता चला कि यहां थाना नहीं है। और यहां पुलिस का काम पटवारी देखते हैं। जब मम्मी वहां के पटवारी से मिली तो उन्होंने शिकायत ले ली और बाद में आने को कहा और कुछ दिनों बाद जब मम्मी ने दुबारा पता करवाया तो उन्हें वहां के गोपाल अंकल से पता चला कि पटवारी तो खुद प्रेमनाथ से मिला हुआ है और प्रेमनाथ से पैसे लेकर उसके गलत काम करता है।’

पीड़िता ने डीएम अल्मोड़ा और एसएसपी अल्मोड़ा से गुहार लगाई है कि ‘मैं एवी प्रेमनाथ से बहुत डरी हुई हूं जो कभी भी मुझे और मेरी मम्मी के साथ कोई भी वारदात कर सकता है और मैं डर के साये में जी रही हूं। गंदे मैसेज के बारे में शिकायत देने पर भी प्रेमनाथ पर कोई कार्रवाई नहीं हुई और यह बहुत पावरफुल आदमी है जो मेरे साथ इतनी गलत हरकतें करने के बाद भी हमें लगातार धमकियां दे रहा है। और कभी भी मेरे साथ कोई अनहोनी हो सकती है। महोदय यदि इस प्रेमनाथ पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं होती है तो मेरी और मेरी मम्मी का जीवन खतरे में बना रहेगा, क्योंकि यह मुझे अपनी शिकायत के डर से मरवा भी सकता है। महोदय, कृपया एवी प्रेमनाथ के खिलाफ कार्यवाही कर इसे सजा दिलाने की कृपा करें।’

गत् 3 अक्टूबर 2022 को कार्यवाहक जिलाधिकारी सीएस मर्तोलिया के आदेश पर राजस्व क्षेत्र गोविंदपुर में मुकदमा दर्ज कराया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए आईटी एक्त के तहत मुकदमा दर्ज होने के कारण मर्तोलिया के आदेश पर राजस्व पुलिस से रेगुलर पुलिस को स्थानांतरित किया गया। विवेचना अधिकारी रानीखेत के कोतवाली प्रभारी नासिर हुसैन को बनाया गया है। पीड़िता और उसकी मां के बयान, साक्ष्यों के आधार पर यह मामला गंभीर पाया गया है जिसके चलते मुकदमे में धारा 376, 511, 506 की बढ़ोतरी की गई है। जबकि राजस्व पुलिस द्वारा पूर्व में ही धारा 354 एवं 66 आईटी एक्ट तथा 7/8 पोक्सो अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज हुई थी। फिलहाल जांच जारी है।

गौरतलब है कि प्लीजेंट वैली फाउंडेशन की डांडा कांडा गांव में स्थित स्कूल परिसर में बड़ी मात्रा में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण एवं अवैध निर्माण का मुद्दा पहले से ही प्रशासन की जानकारी में है। संस्था के खिलाफ सरकारी जमीन पर कच्ची सड़क, भवन एवं पानी की टंकी के निर्माण की पुष्टि जिला प्रशासन कर चुका है। प्रशासन की रिपोर्ट में .0911 हेक्टेयर भूमि में अवैध अतिक्रमण कर एक विशाल भवन बनाने की बात पुष्टि हो चुकी है। जुलाई 2020 में एसडीएम गोपाल सिंह चौहान द्वारा इस एनजीओ को नोटिस जारी कर कार्यवाही की बात कही गई थी लेकिन प्रेमनाथ के रसूख चलते अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
उक्त एवी प्रेमनाथ की पत्नी और एनजीओ की संचालक आशा प्रेमनाथ पर पहले से ही फर्जीवाड़ा कर जिला अल्मोड़ा में सौ नाली जमीन खरीदने संबंधित आपराधिक मुकदमा दर्ज है। इस मुकदमे की सुनवाई कर रहे अल्मोड़ा के सिविल जज अभिषेक श्रीवास्तव के खिलाफ फर्जी शिकायतें हाईकोर्ट नैनीताल को भेजे जाने की जांच विजिलेंस सेल हाईकोर्ट के पुलिस अधीक्षक अमित कुमार द्वारा कराई गई थी जिसके बाद हाईकोर्ट के निर्देश पर एवी प्रेमनाथ, आशा प्रेमनाथ व अन्य पर आपराधिक मुकदमा दर्ज किया गया। वर्तमान में प्रेमनाथ व उसकी पत्नी को गिरफ्तारी से हाईकोर्ट का स्टे मिला हुआ है।

प्रेमनाथ के कारनामे

  • ए.वी प्रेमनाथ पर प्लीजेंट वैली फाउंडेशन के नाम पर डांडा कांडा में सरकारी जमीन कब्जाने और उस पर अतिक्रमण कर आलीशान भवन बनाने, पेड़ काटने और वन भूमि पर अवैध रास्ता बनाने से संबंधित रिपोर्ट दर्ज है। अब तक हो चुकी तीन जाचों में कार्यवाही करने के दिए जा चुके है निर्देश।
  •   ए.वी. प्रेमनाथ की पत्नी आशा प्रेमनाथ उर्फ आशा यादव ने फर्जी खसरा-खतौनी बनाकर मैणी गांव में सौ नाली जमीन खरीदी। जिस पर 2012 में अल्मोड़ा कोतवाली में मामला दर्ज किया जा चुका है। जांच के बाद 100 नाली जमीन सरकार में हो चुकी है निहित।
  •   डांडा कांडा के निवासी बिशन सिंह अधिकारी पर
    ए.वी. प्रेमनाथ द्वारा अपने एक कर्मचारी बचीराम के जरिए एससीएसटी एक्ट में कराया था फर्जी मामला दर्ज।
  •   उत्तराखण्ड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी पर ए.वी. प्रेमनाथ ने अपने वकील के माध्यम से फर्जी मुकदमा कराने की कोशिश की थी। जिसमें वह नाकाम रहे। फर्जी समाचार पत्रों की खबरों को बनाया गया था माध्यम।
  •   अगस्त 2021 में एक व्यक्ति मोहन सिंह की सामान्य मौत को दुर्घटना में हत्या करार देकर एसपी बिजिलेंस अमित श्रीवास्तव के खिलाफ फर्जी मामला बनाकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका। याचिकाकर्ता निशांत रोहिल को बनाया गया माध्यम। निशांत रोहिल और ए.वी. प्रेमनाथ का संबंध हो चुका है उजागर।
  •   ए.वी. प्रेमनाथ के ऑफिस में कार्यरत तत्कालीन कर्मचारी कुसुम यादव तब जेल में थी तब ए.वी. प्रेमनाथ द्वारा अपने कार्यालय दस्तावेजों में छुट्टी पर होना दर्शाया गया। सरकारी दस्तावेजो में फर्जीवाड़े करने पर भी प्रेमनाथ पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।

मेहनत नैनीताल पुलिस की श्रेय अल्मोड़ा को

हल्द्वानी से गिरफ्तार कर अल्मोड़ा ले जाती पुलिस

इस मामले में अल्मोड़ा की राजस्व पुलिस से लेकर रेगुलर पुलिस तक हीला-हवाली करती रही। यहां तक कि एक तरफ जब स्थानीय लोग धरना प्रदर्शन कर रहे थे और प्रदेश के पुलिस मुखिया से आरोपी की गिरफ्तारी की मांग करते रहे लेकिन अल्मोड़ा पुलिस डांडा कांडा स्थित उस प्लीजेंट वैली फाउंडेशन तक नहीं पहुंच सकी जहां आरोपी एवी प्रेमनाथ मौजूद था। मजबूरन स्थानीय लोग गेट पर ही पहरा देकर बैठ गए। अल्मोड़ा पुलिस की निष्क्रियता का फायदा उठाकर आरोपी जंगल के रास्ते सड़क पर आ गया। जहां से वह एक टैक्सी पकड़कर हल्द्वानी पहुंच गया। इस दौरान नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट सक्रिय हो चुके थे। उन्हें जैसे ही यह पता चला कि आरोपी अल्मोड़ा से भागकर हल्द्वानी आ पहुंचा है और वॉल्वो बस के जरिए दिल्ली जाने की तैयारी कर रहा है तो उन्होंने हल्द्वानी के कोतवानी प्रभारी हरेंद्र चौधरी को सख्ती से चेकिंग करने के निर्देश दिए। चौधरी ने अपनी टीम के साथ बस अड्डे और उसके आस-पास सघन चेकिंग अभियान चलाया। लेकिन इस दौरान पुलिस को आरोपी को पहचानने में परेशानी हुई। इसी दौरान हल्द्वानी पुलिस को पता चला कि आरोपी दोनों हाथों से हैंडीकैप है और वह नकली हाथ लगाए हुए है। इसी पहचान के आधार पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि गिरफ्तारी में पूरी मेहनत नैनीताल जिले की पुलिस की रही लेकिन श्रेय अल्मोड़ा पुलिस ले गई। अल्मोडा पुलिस ने प्रेमनाथ की गिरफ्तारी की वाहवाही लूटते हुए ट्वीट किया कि आरोपी को महज 4 घंटे में ही अरेस्ट कर लिया गया।

 

बात अपनी-अपनी

आरोपी एक उच्च पद पर बैठा ताकतवर अधिकारी है। पहाड़ की सैकड़ों नाली जमीन पर कब्जा करने वाला वह व्यक्ति अपने बचाव के लिए न्यायपालिका व प्रशासनिक शक्तियों का दुरुपयोग करने से बाज नहीं आया। इस अधिकारी के अवैध निर्माण को पूर्व में तोड़ने के आदेश हुए है लेकिन उसकी पहुंच के कारण अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।
शपाल आर्य, नेता प्रतिपक्ष

ऐसा पर्यटन हमें नहीं चाहिए। दिल्ली का एक अधिकारी रानीखेत पहुंचकर नाबालिग के साथ यौन शोषण करता है।
आरोपी को पुलिस कस्टडी में जिस तरह वीआईपी टीटमेंट दिया गया वह दर्शाता है कि पुलिस उसके कितने प्रभाव में है। ऐसे में हम निष्पक्ष जांच की उम्मीद कैसे कर सकते हैं।
गरिमा मेहरा दसौनी, मुख्य प्रवक्ता प्रदेश कांग्रेस

हमने इस मामले की पूरी जानकारी ले ली है। आप सही कह रहे हैं कि एवी प्रेमनाथ के प्लीजेंट वैली फाउंडेशन में अवैध अतिक्रमण है। पूर्व में तीन जांच हो चुकी है जिनमें इसकी पुष्टि भी हो चुकी है। हम जनता की भावनाओं को बखूबी समझ रहे हैं कि अंकिता भंडारी हत्याकांड की तरह जैसे पुलकित आर्य के रिजॉर्ट और हाकिम सिंह के रिजॉर्ट को तोड़ा गया वैसे ही इनके अवैध अतिक्रमण पर भी बुल्डोजर चलना चाहिए। लेकिन मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण विधिसवंत हम बिल्डोजर चलाने की अनुमति नहीं दे सकते है।
सीएस मर्तोंलिया, जिला अधिकारी अल्मोड़ा

एवी प्रेमनाथ की गिरफ्तारी अल्मोड़ा पुलिस ने की है। उन्हीं से बात कीजिए।
पंकज भट्ट, एसएसपी नैनीताल

अल्मोड़ा पुलिस ने ही आरोपी को अरेस्ट किया है, इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं कह पाउंगा।
हरेंद्र चौधरी, कोतवाली प्रभारी हल्द्वानी

 

कोतवाली रानीखेत में गिरफ्तारी को लेकर पुलिस से नोक-झोंक

 

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