हरिद्वार जनपद के खानपुर से पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन और वर्तमान विधायक उमेश कुमार के बीच वर्षों से चले आ रहे विवाद ने गम्भीर मोड़ और वीभत्स घटना का रूप ले लिया है। सोशल मीडिया से शुरू हुई यह जंग अब हिंसक हो चली है। कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन की तरफ से की गई ताबड़-तोड़ फायरिंग वाली वीडियो वायरल होने के बाद यह मामला सियासी संग्राम में तब्दील हो चुका है। चैम्पियन फिलहाल जेल में हैं जबकि उमेश कुमार गिरफ्तारी के बाद कोर्ट से जमानत पर बाहर हैं। बहरहाल दोनों के समर्थकों का आमने-सामने आकर टकराने का खतरा अभी टला नहीं है
‘प्रणव सिंह बिना खेले मेले से मेडल खरीदकर बने चैम्पियन। अहंकार तो इस दुनिया में कभी किसी का नहीं रहा। क्या कह रहा था लोकसभा चुनाव में कि तूने मुझे खानपुर विधानसभा में 300 प्रतिशत वोट से हराया? देख अपनी हालत मुझे तरस आ रहा है तुझ पर, लंढौरा की गली-गली में उठक-बैठक लगाकर भीख मांगने के बाद भी तुझे किसी ने वोट नहीं दिया। तेरा प्रत्याशी जिसके लिए तूने ये तक कहा कि ये प्रत्याशी का नहीं तेरा चुनाव है उसके बावजूद चौथे नम्बर पर रहा। एक कस्बे में तेरी हालत दो कौड़ी की हो गई बात करता है विधानसभा की। मैंने उस दिन भी कहा था कि लोकसभा चुनाव मोदी जी और राहुल गांधी जी का चुनाव था और ऐसे चुनाव में मुझे एक लाख वोट मिले। अब सुन, तुझे बहुत गलतफहमी है न अपने बारे में? 2027 का चुनाव निर्दलीय लड़ना और मैं भी निर्दलीय लडूंगा कौन कितने पानी में है हैसियत पता चल जाएगा और आखिरी बात ये जो फेसबुक पर बार-बार लिखता है न कि अपनी मर्सिडीज की छत पर खड़े होकर हमने ये किया वो किया, एक कहावत है- ‘कौवा चला हंस की चाल अपनी भी भूल गया’, वही हाल तेरा है। मेरी रीस करने के चक्कर में 2013 मॉडल की कार ले आया जो दिल्ली में डिरेजिस्टर यानी दिल्ली आरटीओ से डीजल वाहन होने के कारण हटा दी गई है और अब स्क्रैप होनी है। अगर किसी अन्य राज्य में बेचेंगे भी तो 5-7 लाख से ऊपर नहीं मिलेंगे। अब देख ले जो कार कबाड़ी को जानी है वो तू लेकर घूम रहा है और हां, इंश्योरेंस भी एक्सपायर्ड है इसका। जमीन पर रहना सीख, अहंकार छोड़ गरीबों की मदद कर और सरल बनना सीख, बाकी मेरी होड़ तेरे बसकी बात नहीं, जितने का तेरे पास सारा तामझाम है इतने का इंश्योरेंस भरता हूं अपनी सारी गाड़ियों का हर साल। आखरी बात, इस बार बरसात के बाद हवेली की पुताई करा लेना। और कुछ सीख भी लेना मुझसे, प्रणव सिंह निकाय चुनाव स्थानीय प्रतिनिधियों के चुनाव होते हैं इनमें विधायकों को बहुत मुंह नहीं मारना चाहिए। मैं पूरे चुनाव में एक भी दिन लंढौरा नहीं गया।’
25 जनवरी को हरिद्वार जनपद की खानपुर विधानसभा के विधायक उमेश कुमार ने सोशल मीडिया फेसबुक पर उक्त पोस्ट लिखकर पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन को जवाब दिया। चैम्पियन ने इससे पहले सोशल मीडिया पर ही एक पोस्ट लिखी थी। जिसमें उन्होंने उमेश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा था कि ‘लोकसभा चुनाव में तुम्हें खानपुर विधानसभा से तीन गुणा यानी 300 प्रतिशत वोटों से हराया था। इसी के साथ ही चैम्पियन ने उमेश कुमार को चैलेंज करते हुए कहा कि फेसबुक पर बकचोदी न कर जगह तय कर लें और आमने-सामने आ और ले आ अपनी हिजड़ों की फौज को।’ चैम्पियन ने इसके बाद बेहद अभद्र भाषा में कई फेसबुक पोस्ट डाली।
इसके बाद खानपुर विधायक उमेश कुमार रात में अपने समर्थकों के साथ लंढौरा रंग महल पर पहुंच गए। वहां उन्होंने इसको सोशल मीडिया पर वीडियो के जरिए लाइव दिखाया। साथ ही अपने फेसबुक एकाउंट पर लिखा कि ‘प्रणव सिंह तूने मेरी मां को गाली दी उसे नाजायज औरत बताया मैं, रुड़की गया था तेरे घर अकेला और अब लंढौरा तेरी हवेली पर खड़ा हूं मर्द है न तो आ जा आज तुझे अगर तेरी औकात नहीं दिखाई तो अपने बाप से नहीं।’
इसके बाद सोशल मीडिया पर कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन ने अपनी भड़ास निकाली और कहा कि ‘तुझे राजा लंढौरा ने खुला चैलेंज देकर कल बुलाया था। लेकिन तू रात के अंधेरे में आया फिर गार्ड को धमकाया। क्योंकि जानता था कि शेर अपनी मांद में नहीं है। इसलिए खाली घर में ड्रामा करके भाग गया। अब भी फर्जी वीडियो वायरल कर रहा है। दम है तो कल सामने आकर दिखा।’
26 जनवरी का दिन था जब पूरा देश 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा था। उस समय एक बार तो ऐसा लगा जैसे कोई बदमाशों के बीच ‘गैंगवार’ चल रही थी। इस दिन खानपुर विधायक उमेश कुमार और पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन के बीच चल रहा सोशल मीडिया का विवाद सड़कों पर आ गया। जिस तरह किसी फिल्म में क्राइम का दृश्य चल रहा होता है ठीक उसी तरह पिस्टल, रायफल, फायरिंग और गाली-गलौज देखने को मिली।
पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन ने फिल्मी स्टाइल में हथियार बंद लोगों के साथ पूरा लाव-लश्कर लेकर खानपुर विधायक उमेश कुमार के कैम्प कार्यालय पर धावा बोल दिया। चैम्पियन ने रायफल और पिस्टल से उमेश कुमार के कार्यालय पर अंधाधुंध कई राउंड फायरिंग की और जमकर उमेश कुमार को गालियां दीं। साथ ही कुंवर प्रणव चैम्पियन, उमेश कुमार को धमकी भी देते नजर आए। इसी दौरान उमेश कुमार के कार्यालय पर एक व्यक्ति ने चैम्पियन की इस कार्रवाई का विरोध किया और हाथ में डंडा उठा लिया। इस पर उसे लाठी-डंडों से पीटा गया। बाद में उस व्यक्ति को घायल हालत में अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। उमेश कुमार के कार्यालय पर ताबड़-तोड़ चली गोलियों से गनीमत यह रही कि कोई जनहानि नहीं हुई। इस कार्यालय पर खानपुर क्षेत्र के लोग विधायक के समक्ष अपनी समस्याएं लेकर आते हैं। बताया जाता है कि उस दौरान भी क्षेत्र के काफी लोग कार्यालय में मौजूद थे जिन्होंने अंदर घुसकर अपनी जान बचाई। इस मामले में एक वीडियो और भी वायरल हो रहा है जिसमें विधायक उमेश कुमार के कार्यालय के ऊपर कई लोग छुपे बैठे थे जिन्होंने कुंवर प्रणव चैम्पियन और उनके समर्थकों पर पथराव किया। मामले में पुलिस ने कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन के खिलाफ कई गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। जहां न्यायालय ने चैम्पियन को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
इस घटना के बाद खानपुर विधायक उमेश कुमार अपने कार्यालय पर पहुंचे उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह अपने हाथ में पिस्टल लेकर भागते नजर आ रहे हैं साथ ही चैम्पियन को गाली-गलौज भी कर रहे हैं। इस वीडियो में यह भी दिखाया गया है कि कई पुलिसकर्मी उमेश कुमार को रोक रहे हैं। पुलिस ने समय रहते स्थिति को सम्भाल लिया। उधर दूसरी तरफ उमेश कुमार पर कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन की पत्नी रानी देवयानी द्वारा मामला दर्ज कराया गया था जिसमें कहा गया कि उन्होंने रात में उनके महल पर हमला किया और वहां मौजूद गार्डों के साथ मारपीट की। साथ ही उन्होंने चैम्पियन को भी गंदी गाली और उन्हें जान से मारने की धमकी दी। उमेश कुमार को इस मामले में उसी दिन जमानत भी मिल चुकी है। यह मामला उत्तराखण्ड की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा कर सकता है। फिलहाल दोनों नेताओं के समर्थकों के बीच तनाव बढ़ने की आशंका भी बनी हुई है। कुंवर चैम्पियन के समर्थकों ने 29 जनवरी को खानपुर में महापंचायत करने की घोषणा की थी तो दूसरी तरफ विधायक उमेश कुमार ने भी इसके जवाब में 30 जनवरी को सर्व समाज और ब्राह्माणों की सभा करने का ऐलान कर दिया था। लेकिन प्रदेश में हो रहे नेशनल गेम्स के मद्देनजर दोनों के द्वारा सभाएं निरस्त कर दी गई।
- विवादों के चैम्पियन
साल 2006 में चैम्पियन ने कई मगरमच्छों पर गोलियां दागी थीं।
वर्ष 2006 में ही चैम्पियन ने बहादरबाद में अपनी गाड़ी को साइड न देने पर रोडवेज बस के ड्राइवर पर फायरिंग की थी।
2010 में चैम्पियन ने मंगलौर में एक कार्यक्रम के दौरान आवेश में आकर फायर कर दिया था। हालांकि इससे कोई नुकसान नहीं हुआ था।
साल 2013 में चैम्पियन ने तत्कालीन कैबिनेट मंत्री हरक सिंह के आवास पर डिनर पार्टी में डांस करते हुए गोली चला दी थी जिसमें राज्य आंदोलनकारी विवेकानंद खंडूरी जख्मी हो गए थे।
2015 में चैम्पियन ने हरिद्वार के पथरी में खनन को लेकर स्थानीय ग्रामीणों पर गोली चला दी थी।
साल 2017 में भाजपा में विधायक रहते उनका एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह दिल्ली के उत्तराखण्ड सदन में दोनों हाथों और मुंह में पिस्टल दबाकर डांस कर रहे थे। इस वीडियो के वायरल होने के बाद चैम्पियन को भाजपा ने पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था।
2018 में चैम्पियन ने अपनी ही पार्टी के विधायक देशराज कर्णवाल से विवाद को लेकर भी जमकर सुर्खियां बंटोरी थीं।
2019 में चैम्पियन ने उत्तराखण्ड सदन में टीवी चैनल के एक पत्रकार को थप्पड़ मार दिया था, जिससे काफी विवाद हो गया था।
उमेश कुमार के कारनामे
उमेश कुमार साल 2016 में उस समय चर्चा में आए जब उत्तराखण्ड के तत्कालीन सीएम हरीश रावत का स्टिंग कर उनकी सरकार को गिराने में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई थी। उसके बाद कांग्रेस के कई नेता टूटकर भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा में जाने वाले विधायकों में सुबोध उनियाल, सतपाल महाराज, रेखा आर्या, कुंवर प्रणव चैम्पियन, हरक सिंह रावत, विजय बहुगुणा आदि शामिल थे। इतना ही नहीं उमेश कुमार ने भाजपा सरकार में तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र रावत का भी स्टिंग किया था। हालांकि त्रिवेंद्र रावत सरकार ने उमेश कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के समय का एक मामला भी सुर्खियों में रहा। विधायक उमेश कुमार के यहां ईडी की छापेमारी हुई। इसमें कई सम्पत्तियों के कागजात एवं विदेशी मुद्रा बरामद हुई थी। मामले में राजपुर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। साथ ही मनी लॉन्ड्रिंग के तहत ईडी ने भी जांच की थी। इस बाबत प्रधानमंत्री कार्यालय को साक्ष्य के साथ पत्र भी भेजा गया था। लेकिन बताया जाता है कि जांच और कार्रवाई को दबा दिया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ के कार्यकाल में भी उमेश कुमार चर्चाओं के केंद्र में रहे हैं। निशंक ने उमेश के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज कराए थे। जिन्हें बाद में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में वापस ले लिया गया। इसके अलावा उमेश कुमार पर दिल्ली में एक युवती पर रेप करने के भी आरोप लगे थे। बताया गया कि इस मामले में मुकदमा भी दर्ज कराया गया था।
हाईकोर्ट ने कहा ‘घटना शर्मनाक और अक्षम्य’
सरेआम हुई ताबड़-तोड़ गोलीबारी, गाली-गलौच के वीडियो राष्ट्रीय न्यूज चैनलों व समाचार पत्रों की सुर्खियां बनने से उत्तराखण्ड की छवि खराब होने से चिंतित हाईकोर्ट के न्यायधीश न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की पीठ ने घटना का स्वतः संज्ञान लिया है। हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा ‘अश्विनी कुमार उपाध्याय बनाम यूनियन ऑफ इंडिया’ में पारित आदेशों का पालन न होने पर चिंता व्यक्त की। इस आदेश में राजनीति का अपराधीकरण रोकने को लेकर दिशा निर्देश जारी हैं। साथ ही घटना को शर्मनाक और अक्षम्य बताया। मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी हरिद्वार और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश होने व इस मामले में की गई कार्यवाही की जानकारी देने को कहा। जिलाधिकारी और एसएसपी हरिद्वार कोर्ट में पेश हुए और उन्होंने बताया कि वर्तमान विधायक उमेश कुमार व पूर्व विधायक प्रणव चैम्पियन गिरफ्तार हो चुके हैं। जिसमें प्रणव सिंह जेल में है और उमेश कुमार जमानत पर हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि दोनों के शस्त्र लाइसेंस रद्द कर दिए हैं और उनको दी गई सुरक्षा को हटाने के लिए सरकार समीक्षा कर रही है। यह भी बताया कि दोनों के खिलाफ विभिन्न न्यायालयों में 19-19 मुकदमे लंबित हैं।
हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की अगली तिथि 12 फरवरी निर्धारित करते हुए जिलाधिकारी हरिद्वार और एसएसपी हरिद्वार को आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने दोनों के खिलाफ चल रहे मुकदमों, आपराधिक रिकॉर्ड, 25-26 जनवरी को हुई घटनाओं वीडियो क्लिप, आरोपियों के खिलाफ की गई कार्यवाही रिपोर्ट आदि शपथ पत्र के साथ कोर्ट में पेश करने को कहा है।