अगले साल 2021 में हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन होने वाला है। लेकिन इस महाकुंभ पर भी कोरोना का असर अभी से देखने को मिल रहा है। कोरोना के कारण बदली हुई परिस्थितियों को भांपते हुए प्रदेश की त्रिवेंद्र रावत सरकार ने फैसला लिया है कि राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते अगले साल होने वाला महाकुंभ इस बार भव्य और विशाल नहीं हो पाएगा। सरकार ने कुंभ को सीमित करने का फैसला लिया है।
खास बात ये है कि राज्य सरकार अब तक कुंभ का स्वरूप कैसा होगा, इस सवाल को टालती रही है, लेकिन पहली बार इसके सीमित होने की बात मुख्यमंत्री ने खुद की है।
महाकुंभ 2021 की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं, लेकिन कोरोना महामारी के कारण तैयारियों ने उतना जोर नहीं पकड़ा है, जितना होना चाहिए था। कहा जा रहा है कि सरकार भी इस बात के लिए तैयार थी कि महाकुंभ 2021 इस बार सीमित रूप से ही किया जाए।
बता दें कि भारत सरकार ने महाकुंभ के लिए 300 करोड़ रुपए जारी किए थे, जबकि राज्य सरकार को इसके लिए 100 करोड़ रुपए जारी करने थे। हालांकि, केंद्र ने तो 300 करोड़ जारी कर दिए, लेकिन उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार ने अब तक 100 करोड़ रुपए जारी नहीं किए हैं। ऐसे में लगता है कि त्रिवेंद्र सरकार भी महाकुंभ के भव्य और विशाल आयोजन को लेकर असमंजस में थी। फ़िलहाल मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह साफ कर दिया है कि सरकार द्वारा महाकुंभ के लिए पास जारी किए जाएंगे।
महाकुंभ क्षेत्र में गंगा स्नान वही व्यक्ति कर पायेगा, जो सरकारी पास लेकर पहुंचेगा। इससे साफ है कि त्रिवेंद्र सरकार ने यह तय कर लिया है कि महाकुंभ 2021 का आयोजन सीमित रूप में ही किया जाना है। इसके लिए राज्य सरकार दूसरे राज्यों और साधु-संतों से भी चर्चा कर रही है।