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Uttarakhand

सेना की भर्ती पर भी पड़ी कोरोना की मार

कोरोना वायरस ने न सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर डालाए बलिक उत्तराखण्ड के पर्वतीय जिलों में इसकी मार सेना की भर्ती पर भी पड़ी है। इसके चलते सेना में भविष्य तलाशने वाले या पहाड़ की परंपरा के अनुसार सेना में भर्ती का जज्बा रखने वाले युवाओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ा है।

गौरतलब है कि पहाड़ी क्षेत्रों के अधिकांश युवाओं की पहली पसन्द सेना में भर्ती 20 दिसंबर से 2 जनवरी तक कोटद्वार के गब्बर सिंह कैंप में गढ़वाल क्षेत्र के पौड़ीए टिहरीए चमोलीए रुद्रप्रयागए उत्तरकाशीए हरिद्वार और देहरादून जनपद के युवाओं को बारी.बारी से भर्ती के लिए कोटद्वार पहुंचना हैए लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के लिए युवाओं को यहां पहुंचने पर कोविड.19 नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगीएलेकिन जिस तरह की स्वास्थ्य व्यवस्थायें उत्तराखण्ड के पहाड़ी जनपदों में हैं कि अगर जनपद मुख्यालय में भी कोई कोविड.19 टेस्ट कराना चाहे तो उसे सरकारी अस्पताल में तमाम दिक्कतों का सामना सामना करना पड़ता है।

ऐसे में जो युवा पहाड़ के दूरदराज गांव में रहते हैंएउनके लिए कोविड.19 नेगेटिव सर्टिफिकेट हासिल करना बेहद परेशानी भरा हैएउसे नहीं पता कि वह किस जगह जायेए जहां पर उसे कोविड.19 सर्टिफिकेट मिल सकेघ् क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में और ब्लाॅक स्तर पर भी अस्पतालों में डाॅक्टरों का नितान्त अभाव हैए उत्तराखण्ड सरकार के अनुसार कोई भी एमबीबीएस डाॅक्टर यह सर्टिफिकेट दे सकता है लेकिन इसके लिए युवाओं को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है क्योंकि कोई भी डाॅक्टर जल्दी से कोविड.19 सर्टिफिकेट नहीं देता और इसका परीक्षण करने से भी इनकार कर देता हैए आम आदमी पार्टी उत्तराखण्ड के गढ़वाल क्षेत्र के सातों जनपदों के युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए सरकार से निवेदन करती है कि हर जिले के ब्लाॅक और तहसील स्तर पर गढ़वाल राइफल की भर्ती में शामिल होने वाले युवाओं के लिए डेस्क बनाई जायेएजहां पर उन्हें जल्दी से जल्दी उनका परीक्षण कर उनको कोविड.19 रिपोर्ट दी जाएएजिससे वह 20 दिसंबर से 2 जनवरी तक कोटद्वार में गब्बर सिंह भर्ती कैम्प में अपनी उपस्थिति दर्ज कर सेना में भर्ती के लिए अपना भाग्य आजमा सकें।

आपको बता दें कि इस बार लगभग 46ए000 युवाओं ने रोजगार के लिए सेना में भर्ती के लिए अपना भाग्य आजमाया है और गढ़वाल राइफल की सेना भर्तीए हमेशा से ही पहाड़ के बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिलाने वाली रही है और जिस तरह से कोविड.19 के दौर में स्थानीय के अलावा अपना रोजगार गंवा पहाड़ लौटे युवाओं के लिये रोजगार के लिए बेहद गंभीर समस्या पैदा हो गयी हैए ऐसी स्थिति में अगर सेना में भर्ती होने के लिए भी युवाओं को कोविड.19 निगेटिव रिपोर्ट न दिखा पाने के कारण भर्ती प्रक्रिया में गुजरने से रोका जाएए तो यह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण होगा! आम आदमी पार्टी उत्तराखण्ड के प्रवक्ता आशुतोष नेगी ने मुख्यमंत्रीए गढ़वाल सांसदए गढ़वाल क्षेत्र की विधानसभाओं के समस्त विधायकों से आग्रह किया है कि वह अपने स्तर से जल्दी से जल्दी इस प्रक्रिया को सुगम बनायें जिससे कि युवाओं को कम.से.कम सेना में तो पारम्परिक रोजगार मिल सकेएक्योंकि सरकारी स्तर पर रोजगार और स्वरोजगार के लिए लोगों के प्रयासएसरकारी मदद के अभाव में विफल होते जा रहे हैंएजिससे युवाओं में लगातार तनाव और आक्रोश पनप रहा है।

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