- चीन सीमा पर स्थित नीति गांव में निर्माण कार्य की जानकारी ही नहीं पर्यटन विभाग व जिला चमोली प्रशासन को।
नीति गांव के पूर्व प्रधान बचनसिंह ने लगाया निर्माण एजेंसी पर घटिया निर्माण का आरोप और जांच की मांग की
देश की चीन सीमा पर स्थित नीति घाटी में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। भारत सरकार द्वारा चीन सीमा का अंतिम गांव नीति में पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए 2 गेस्ट हाउस व गांव में स्वागत गेट का निर्माण किया जा रहा है। जिसकी लागत 20 से 22 करोड के लगभग बताई जा रही है। निर्माण एजेंसी एडीबी द्वारा बिना जिला प्रशासन चमोली व पर्यटन विभाग चमोली को सूचित किए निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। साथ ही नीति गांव के लोगों को भी विश्वास में नहीं लिया गया और निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया। स्थानीय लोगों को पता ही नहीं कि यह निर्माण कार्य किसके द्वारा किया जा रहा है। नीति गांव के पूर्व प्रधान बचन सिंह राणा ने घटिया निर्माण की सूचना जिलाधिकारी चमोली के साथ ही पर्यटन विभाग को दी। बड़ी बात यह कि इसकी सूचना जिला प्रशासन तक नहीं है। मामला संज्ञान में आने पर अब जिला प्रशासन द्वारा मामले की जांच कर कार्यवाही की बात की जा रही है।
सीमांत चमोली जिले में पर्यटन-तीर्थाटन की अपार संभावनाएं हैं। इसमें विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी, नंदादेवी पर्वतारोहण, विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम, विश्व पर्यटन स्थल औली, विश्व प्रसिद्ध नंदादेवी, विश्व प्रसिद्ध रम्माण मेला, लार्ड कर्जन ट्रैक, रूद्रनाथ, रूपकुण्ड, हेमकुण्ड साहिब यात्रा के साथ दर्जनों पर्यटन व धर्मिक स्थल हैं। जहां हर वर्ष लाखों की संख्या में देश-विदेश की लोग पहुंचते हैं।
चीन-तिब्बत सीमा पर स्थित देश के अंतिम गांव नीति में पर्यटन विभाग द्वारा 20 करोड़ से अधिक की लागत से 2 गेस्ट हाउस व स्वागत गेट का निर्माण किया जा रहा है। एडीबी एशियन डेवलपमेंट बैंक द्वारा करोड़ों की लागत से निर्माणाधीन गेस्ट हाउस एवं स्वागत गेट का घटिया निर्माण किया जा रहा है। साथ ही एडीबी द्वारा ऊपरी लेबल से ही कार्य लेकर निर्माण किया जा रहा है। सीमांत बोर्डर क्षेत्र में हो रहे इस निर्माण कार्य की जानकारी न तो जिलाधिकारी को है और न ही जिला पर्यटन विभाग चमोली को। नीति गांव के लोगों को भी इसकी जानकारी नहीं है कि यह निर्माण किस विभाग या कंपनी द्वारा किया जा रहा है। एडीबी द्वारा स्थानीय नीति गांव के ग्रामीणों को भी बिना विश्वास में लिए ही निर्माण कार्य पिछले वर्ष से शुरू कर दिया। कंपनी द्वारा कछुवा चाल एवं घटिया निर्माण करने पर नीति गांव के लोगों में गुस्सा है। नीति गांव के पूर्व प्रधान बचन सिंह राणा ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी चमोली से की है। डीएम ने मामले की जानकारी न होने के साथ ही मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। वहीं जिला पर्यटन विभाग को भी पता नहीं है कि जिले में किसके द्वारा नीतिघाटी में गेस्ट हाउस का निर्माण किया जा रहा है। अब मामला संज्ञान में आने पर पर्यटन विभाग भी आनन-फानन में कार्यवाही की बात कर रहा है।
दरअसल, देश के अंतिम गांव नीति में एडीबी द्वारा पिछले वर्ष से करोड़ों की लागत से गेस्ट हाउस का निर्माण कार्य किया जा रहा है। एडीबी ने इसकी सूचना जिला प्रशासन व पर्यटन विभाग को देना जरूरी नहीं समझा। साथ ही नीति गांव के लोगों को भी विश्वास में उचित नहीं समझा और निर्माण कार्य शुरू कर दिया। तब स्थानीय लोगों ने सोचा कि सरकार द्वारा गांव में निर्माण कार्य किया जा रहा होगा। नीति घाटी में लोग छह माह निवास करते हैं और छह माह अपने निचले गांवों में आ जाते हैं। इस वर्ष जब लोग गांव पहुंचे तो पूर्व प्रधान ने निर्माण कार्य की जानकारी ली तो उन्हें कोई जानकारी नहीं मिल पाई। जिस पर पूर्व प्रधान बचन सिंह राणा ने कंपनी द्वारा निर्माण कार्य शुरू न करने के साथ घटिया निर्माण करने की शिकायत जिलाधिकारी चमोली से की। पूर्व प्रधान बचनसिंह राणा ने बताया कि जिलाधिकारी को भी मामले की जानकारी न होने पर अब जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग को भी इस निर्माण कार्य की जानकारी नहीं है। उनके द्वारा ही उक्त मामले को पर्यटन विभाग के संज्ञान में लाया गया। अब पर्यटन विभाग भी कार्यवाई की बात कह रहा है।
हमने पहले मौखिक रूप से शिकायत की है, लेकिन विभाग द्वारा हमें कोई जानकारी नहीं दी गई। निर्माण एजेंसी एडीबी द्वारा ग्रामीणों को भी विश्वास में नहीं लिया गया जिसके चलते अब ये दिक्कतें आ रही हैं। मामला संज्ञान में आया है जिसमें कार्यवाही की जा रही है।
बीजेंद्र पांडे, जिला पर्यटन अधिकारी चमोली