नैनीताल जिले में पुलिस ने अपराट्टां पर अंकुश लगाने के लिए जनभागीदारी की मिसाल पेश की है। अपनी मुहिम के तहत पुलिस लोगों को जागरूक कर रही है। उन्हें बता रही है कि अपराध की आशंका होने पर वे कैसे त्वरित गति से पुलिस को सूचित कर सकते हैं। पर्यटकों की सुविधा के लिए हर होटल में हेल्पलाइन शुरू की गई है। कुमाऊं मंडल विकास निगम के सहयोग से फैसिलिटेशन केंद्र खोले गए हैं
यह जरूरी नहीं कि आप हमेशा आक्रामक ही रहें। ताबड़तोड़ फैसले लें, बल्कि इसके अलावा यह भी देखना होता है कि सूझबूझ और सोच-विचार कर कैसे उचित फैसले लिए जाएं। जिनसे विपरीत हालात पर नियंत्रण भी रहे और चुनौतियों से निपटने के नए विकल्प भी बन सकें। उत्तराखण्ड के युवा आईपीएस अधिकारी जन्मेजय खण्डूड़ी ने नैनीताल जिले में अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए कुछ ऐसे प्रयास किए हैं जो पुलिस को जनता के करीब लाते हैं। खण्डूड़ी नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हैं। पिछले कुछ माह में हल्द्वानी एवं उसके आस-पास के क्षेत्र में बढ़ती आपराधिक घटनाओं ने नैनीताल जिले की पुलिस की छवि पर खास प्रभाव डाला है। नैनीताल जिला किसी भी पुलिस कप्तान के लिए खासा चुनौतीपूर्ण जिला रहा है। पर्वतीय एवं मैदानी क्षेत्र की मिलीजुली भौगोलिक परिस्थितियों में प्राथमिकताएं अलग-अलग हो जाती हैं, विशेषकर जब पहाड़ी क्षेत्रों का एक बड़ा हिस्सा राजस्व पुलिस के अधीन आता हो। पिछले कुछ दिन नैनीताल प्रशासन एवं पुलिस के लिए विशेष चुनौतीपूर्ण रहे हैं जब आपराधिक वारदातों ने पुलिस महकमे के सामने चुनौतियां खड़ी कर दी। खासकर पर्यटक सीजन में पर्यटकों का बढ़ता दबाव उसके साथ यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने की चुनौती।
अपराध की बढ़ती वारदातों के बीच जनता के बीच से उठते सवालों ने पुलिस महकमे पर दबाव और बढ़ा दिया। पुलिस पर आपराधिक घटनाओं को रोकने, उनके खुलासे और इन घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसका खासा दबाव रहा है। कोचिंग संचालक भुवन भट्ट की पत्नी की हत्या एवं लूटपाट, अनिता रौतेला पर प्राणघातक हमला एवं चोरी की घटनाओं का खुलासा पुलिस ने किया भी। बढ़ती आपराधिक घटनाओं ने पुलिस को कई नए प्रयोग करने को भी प्रेरित किया। पहले जहां पुलिस स्कूल कॉलेजों एवं अन्य सामाजिक संस्थाओं के जरिए विभिन्न गोष्ठियों एवं जागरूकता अभियानों के माध्यम से युवाओं में नशे के खिलाफ विशेष कर ड्रग्स के खिलाफ माहौल बना रही थी, वहीं उसने अब बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए जनता को साथ लेने की मुहिम शुरू की है। इससे आमजन एवं पुलिस के मध्य दूरी कम हुई है। संवादहीनता की स्थिति भी कम हुई है।
उल्लेखनीय है कि नैनीताल जिले में ड्रग्स के खिलाफ पुलिस की मुहिम के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। जिसमें पुलिस ने खासी संख्या में ड्रग्स सप्लायर्स को पकड़ा है। इसके साथ ही ड्रग्स सेवन करने वालों पर शिकंजा कसा है। समाज सेवी संस्थाओं के माध्यम से पुलिस द्वारा ड्रग्स के खिलाफ मुहिम में स्कूली बच्चों को भी जोड़ा गया। स्कूलों में गोष्ठियों के माध्यम से ड्रग्स सेवन के नुकसानों के विषय में पुलिस के अधिकारी स्वयं जनता को जागरूक कर रहे हैं। सोशल मीडिया जैसे सशक्त माध्यम का उपयोग भी अब नैनीताल पुलिस की प्रथमिकताओं में है। सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाहें फैलाने वाले लोगों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। एक पुलिस अधिकारी का कहना है कई बार सोशल मीडिया के माध्यम से ऐसी घटनाओं की जानकारी प्रसारित कर दी जाती है जो घटी ही नहीं होती हैं। ऐसी झूठी अफवाहों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस महानिरीक्षक पूरन सिंह रावत ने ऐसे तत्वों पर कड़ी निगरानी एवं सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जन्मेजय खण्डूड़ी का कहना है जिस प्रकार ड्रग्स के खिलाफ हमारी मुहिम में सामाजिक संगठनों एवं जनता की भागीदारी बढ़ी है उसी प्रकार अपराधों को रोकने के लिए भी लोगों को पुलिस का साथ देने के लिए आगे आना चाहिए। पुलिस का हर क्षेत्र में पहुंचने का प्रयास रहता है लेकिन लोग निःसंकोच आगे आकर संदिग्धों की जानकारी पुलिस से साझा करें तो पुलिस का काम और आसान हो जाएगा। पुलिस पर जनता का विश्वास जमाने के लिए पुलिस अधिकारी रात्रि गश्तों में स्वयं निकल रहे हैं। साथ ही बड़े समूहों में जनता के मध्य जाकर जनता को अपराध एवं अपराधियों के खिलाफ जागरूक भी कर रहे हैं। उत्तराखण्ड राज्य बनने के बाद पुलिस में जो भर्तियां बढ़ी वे पर्याप्त नहीं हैं। पुलिस महकमे के सामने सिर्फ कानून व्यवस्था बनाए रखने की ही जिम्मेदारी नहीं है। यातायात व्यवस्था सुचारू रखने से लेकर पार्किंग तक की व्यवस्था की जिम्मेदारी भी पुलिस की ही है। कहीं अतिक्रमण हटाना हो तो उसमें भी पुलिस की भूमिका है। हालांकि पुलिस अधिकारी मानते हैं कि हमारी ड्यूटी हर क्षेत्र में है और ये हमारी सेवा का ही एक हिस्सा है।