स्कंद पुराण में वर्णित विश्व विख्यात तीर्थनगरी ऋषिकेश अपना धार्मिक स्वरूप खोती जा रही है। आज ऋषिकेश की पहचान तीर्थनगरी से बदल कर पर्यटन नगरी के तौर पर बन चुकी है, जिसके चलते मादक पदार्थ और शराब इस नगर की एक बड़ी पहचान बन चुके हैं। सबसे गम्भीर बात यह है कि ऋषिकेश में सुप्रीम कोर्ट के आदेश चलते शराब की बिक्री पर प्रतिबंध होने के बावजूद नगर और इसके आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में शराब का अवैध कारोबार फल-फूल चुका है। पुलिस-प्रशासन और आबकारी विभाग की नाकामी के चलते अवैध शराब के करोबारियों के हौसले इस कदर बढ़ चुके हैंं कि जो पत्रकार इस अवैध धंधे का पर्दाफाश करने का प्रयास करता है उसके साथ न सिर्फ मारपीट की जाती है बल्कि उसी केे खिलाफ मुकदमा तक दर्ज करवा दिया जाता है। ऐसा ही एक मामला ऋषिकेश में कुछ दिनों पूर्व सामने आया है जिसमें यूट्यूब चैनल ‘आंवला न्यूज’ पोर्टल के संपादक योगेश डिमरी पर कई लोगों द्वारा उनपर प्राण घात हमला किया गया। डिमरी पर हुए इस हमले ने प्रदेश की राजनीति को गर्मा दिया है और मुख्यमंत्री धामी की सरकार बैकफुट पर आ गई है
शराब और खनन माफिया ने उत्तराखण्ड को पूरी तरह अपनी चपेट में ले लिया है। हालात इस कदर विकट हो चले हैं कि देवभूमि की मित्र पुलिस खनन और शराब माफिया के आगे पूरी तरह परास्त नजर आने लगी है। गत् दिनों ऋषिकेश में एक पत्रकार पर हुए प्राणघात हमले ने ‘भयमुक्त प्रदेश’ के सरकारी दावा का सच सामने लाने का काम कर दिखाया है। हमला एक यूट्यूब चैनल ‘आंवला न्यूज’ के सम्पादक योगेश डिमरी पर किया गया। घायल पत्रकार डिमरी को उनके साथियों द्वारा नगर के संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती किया गया लेकिन उनकी गम्भीर हालत को देखते हुए एम्स ऋषिकेश में भर्ती करवाना पड़ा। डिमरी को इस कदर मारा-पीटा कि उनके जबड़े और पैर की हड्डी टूट गई है और सिर पर गम्भीर चोट आई है। फिलहाल योगेश डिमरी का एम्स ऋषिकेश में उपचार चल रहा है। पुलिस द्वारा आरोपी सुनील गंजा को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है और उसके साथियों की तलाश जारी है।
इस पूरे प्रकरण में एक बात साफ तौर पर सामने आई है कि ऋषिकेश नगर में जिस तेजी से अवैध शराब के कारोबार बढ़ा है उसी तेजी से अपराधियों के हौसले भी बुलंद हो रहे हैं। आज नगर और इसके आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर अवैध शराब का कारोबार इस कदर बढ़ चुका है कि चाय और फलों की ठेलियांे में भी अब शराब आसानी से मिलने लगी है। बाहरी राज्यों से तस्करी करके सस्ती शराब के साथ-साथ सरकारी शराब के ठेकों से लाई गई शराब को बड़े पैमाने पर अवैध तरीके से नगर में खपाने का काम भी बहुत तेजी से फैल चुका है। स्वयं ऋषिकेश पुलिस और आबकारी विभाग के आंकड़े बताते हैं कि नगर में किस तरह से अवैध शराब खपाई जा रही है।
‘आंवला न्यूज’ पोटर्ल के सम्पादक और पत्रकार योगेश डिमरी विगत कई माह से नगर में अवैध शराब की बिक्री होने के खुलासे करते रहे हैं। करीब आठ मामलों के वे वीडियो अपने समाचार पोटर्ल में चला चुके हैं जिसमें आसानी से नगर में अवैध शराब उतारने और चाय की टपरियों, होटलों और ढाबों के साथ-साथ फलों की ठेलियों में खुलेआम शराब की बिक्री किए जाने के खुलासे किए गए हैं।
1 सितम्बर को योगेश डिमरी के सूत्रों द्वारा जानकारी मिली कि ऋषिकेश के इंद्रानगर क्षेत्र में अवैध शराब के पुराने कारोबारी सुनील कुमार के आवास पर अवैध शराब उतरने वाली है। इस पर योगेश डिमरी अपने तीन साथियों के साथ उक्त आवास पर गए जहां उनको घेर कर इस तरह से मारा-पीटा गया जिससे वे बुरी तरह से घायल हो गए। उनके तीन साथी किसी तरह से अपनी जान बचाकर भागने मंे सफल रहे।
कुछ ही देर में पत्रकार डिमरी के साथ हुई मारपीट की खबर सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हुई तो नगर निवासियों का गुस्सा फूट पड़ा और आरोपी के आवास पर सैकड़ों की तादात में नागरिक पहुंचने लगे। स्थानीय जनता में इतनी नाराजगी थी कि आरोपी के आवास पर पथराव भी किया। पुलिस पर अवैध शराब के कारोबारियों को सरंक्षण देने के आरोप लगाकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की गई। इसके बाद घटनास्थल पर पहुंची पुलिस के साथ नागरिकों द्वारा धक्का-मुक्की भी की गई।
योगोश डिमारी के मित्र संदीप भंडारी द्वारा ऋषिकेश थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई जिस पर सुनील गंजा के नाम से एफआईआर संख्या 0456 के तहत मुकदमा अपराध संख्या 556/24धारा 109(1)/352 भारतीय न्याय संहिता के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया। आरोपी सुनील गंजा के परिवार द्वारा पत्रकार योगेश डिमरी, सुरेंद्र नेगी, अरविंद हटवाल, विरेंद्र बिष्ट और अज्ञात के खिलाफ भी कई धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया गया है।
जिस पत्रकार को मारपीट कर बुरी तरह से घायल कर दिया गया हो और वह पुलिस के सामने ही बदहवास सड़क पर पड़ा हो उसके खिलाफ आरोपी द्वारा मुकदमा दर्ज करने से मामला और भी गंभीर हो गया है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि सुनील गंजा को पुलिस का संरक्षण मिलता रहा है जिसके चलते घायल पत्रकार को भी पुलिस द्वारा आरोपी बनाकर मुकदमा दर्ज किया गया है।
गौर करने वाली बात यह रही कि योगेश डिमरी के साथ मारपीट करने के बाद उनको गंदी-गंदी गालियां और तमंचा लगाकर मारने की भी धमकियां दी जाती रही जिनके कई वीडियो सामने आ चुके हैं। साथ ही जब घायल और बदहवास होकर डिमरी सड़क पर पड़े थे तब आरोपियों द्वारा उनको जान से मारने और गाली-गलौच किए जाने के समय ऋषिकेश पुलिस के दो सिपाही भी खड़े थे लेकिन उन्होंने किसी को न तो रोका और न ही योगेश डिमरी को अरोपियों से बचाने का प्रयास किया। इससे यह साफ हो जाता हेै कि सुनील गंजा के साथ पुलिस के कर्मचारियों के किस कदर मधुर सम्बंध रहे होंगे।
अब इस मामले को लेकर कांग्रेस के अलावा क्षेत्रीय दल भी सड़कों पर उतर गए हैं। नगर की धार्मिक स्वरूप को नशे की गर्त में डुबोने के धामी सरकार पर आरोप लग रहे हैं। कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने भी अपनी सोशल मीडिया एक्स पर घायल योगेश डिमरी की फोटो को साझा करते हुए पोस्ट लिखकर धामी सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने लिखा है कि ‘उत्तराखण्ड में चारों तरफ शराब माफिया, खनन माफिया, भू-माफिया फल-फूल रहे हैं। सत्ता में बैठी भाजपा लगाम लगाने की जगह इनको संरक्षण दे रही है। इससे त्रस्त प्रदेश की जनता पूछ रही है कि भाजपा सरकार माफिया के चंगुल से बाहर कब निकलेगी।’
इस प्रकरण में एक बात यह भी सामने निकल कर आई हेै कि योगेश डिमरी के साथ मारपीट की घटना के बाद जिला प्रशासन का पूरा प्रयास मामले को दबाने का रहा। एम्स प्रशासन भी योगेश डिमरी को एम्स से डिस्चार्ज करने की जल्दबाजी करता रहा। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने एम्स पहुंच प्रशासन को जमकर खरी-खोटी सुनाई तब जाकर एम्स प्रशासन ने योगेश डिमरी को डिस्चार्ज नहीं करने पर सहमत हुआ। हालांकि इसके तुरंत बाद ही नगर विधायक और वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल भी एम्स पहुंचे और डिमरी का पूरा उपचार एम्स में किए जाने की बात कहने लगे। पूर्व मुख्यमंत्री निंशक और त्रिवेंद्र रावत भी डिमरी का हाल- चाल जानने एम्स पहुंचे।
कांग्रेस इस मामले को प्रदेश की बिगड़ती हुई कानून व्यवस्था का बड़ा प्रमाण बताते हुए सरकार पर हमलावर हो चुकी है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ-साथ प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा भी प्रदेश में कानून व्यवस्था की बदहाली को लेकर सरकार पर गम्भीर आरोप लगा रहे हैं।
चार बार से निरंतर चुनाव जीत कर विधानसभा अध्यक्ष और वर्तमान में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल पर भी शराब माफियाओं को संरक्षण देने के आरोप लग रहे हैं। उनकी ही विधानसभा क्षेत्र में अवैध शराब के कारोबार चलते डिमरी पर जानलेवा हमला किए जाने को लेकर अग्रवाल के खिलाफ कांग्रेस के साथ-साथ उक्रांद और राष्ट्रवादी रिजनल पार्टी भी हमलावर है। डिमरी के साथ मारपीट करने वाले अन्य लोगों की गिरफ्तारी जल्द से जल्द न होने पर बड़ा आंदोलन करने की बात कही जा रही है।
भारी जनदबाव चलते देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह द्वारा ग्रामीण स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी देहात) को भंग करते हुए ऋषिकेश कोतवाली और थाना रायवाला के 40 से भी अधिक पुलिस कर्मचारियों का स्थानांतरण कर दिया गया। इसमें दो दर्जन ऋषिकेश कोतवाली में तैनात पुलिस कर्मचारी और अधिकारी हैं। अवैध शराब के कारोबार को रोक पाने में असमर्थ पुलिस कर्मचारियों पर अभी तक की यह सबसे बड़ी कार्यवाही बताई जा रही है।
ऋषिकेश नगर कई वर्षों से अवैध शराब के कारोबार से जूझता रहा है। वर्षों पूर्व अवैध टिंचरी के कारोबार से एक दर्जन लोग मर गए थे। कुछ वर्ष पूर्व के चर्चित मनीषा हत्याकांड मामले मंे भी यह सामने आया था कि पुलिस को अवैध शराब की तस्करी की सूचना मिली जिसमें गफलत के चलते रूड़की के एक कारोबारी की पत्नी की हत्या पुलिस द्वारा की गई थी। ऋषिकेश थाने के तीन वर्ष के रिकॉर्ड को देखंे तो जनवरी 2022 से दिसबर तक कुल आबकारी के 313 मामले, 2023 में 106 और जनवरी 2024 से अगस्त 2024 में अभी तक 121 मामले थानों में दर्ज हो चुके हैं। नारकोटिक्स यानी एनडीपीएस में 2022 में 25, 2023 में 24 और अगस्त 2024 तक 30 मामले दर्ज हैं।
आबकारी विभाग के आंकड़ों अनुसार जनवरी 2022 से लेकर जुलाई 2024 तक 302 मामले देशी शराब के पकड़े गए हैं जिसमंे 3356-75 लीटर देशी शराब और 2226-47 लीटर अंग्रेजी शराब बरामद की गई है।
अवैध शराब का कारोबार करने वाले और डिमरी पर जनलेवा हमला करने के आरोपी सुनील कुमार उर्फ सुनील गंजा का अपराधिक इतिहास रहा है। सुनील गंजा के खिलाफ ऋषिकेश थाने में 1981 में पहला मुकदमा दर्ज हुआ। तब से लेकर 2024 तक उसके खिलाफ 26 आपराधिक मुकदमे दर्ज हुए हैं। गुंडा एक्ट भी सुनील गंजा पर लगाया जा चुका है। दिलचस्प बात यह है कि सभी मामलांे में सुनील गंजा न्यायालयों से दोषमुक्त हो चुका है। कई वर्ष पूर्व ऋषिकेश में टिंचरी कांड हुआ था जिसमें अवैध टिंचरी जिसे मृत संजीवनी सुरा के नाम से बेचा जाता रहा है। इस जहरीली टिंचरी पीने से एक दर्जन लोग मारे गए और कई गम्भीर बीमार हुए। इस मामले में भी सुनील का ही नाम सामने आया था।
बात अपनी-अपनी
किसी भी पत्रकार की सुरक्षा हमारी सरकार की प्राथमिकता है। ऋषिकेश प्रकरण में सरकार ने त्वरित कठोर कार्यवाही की है और 40 पुलिसकर्मियों का तुरंत ट्रांसफर कर दिया है। आगे भी इसी प्रकार से कार्यवाही होती रहेगी। अपराधी और असामाजिक तत्वों के खिलाफ हमारी सरकार हर कदम उठा रही है।
महेंद्र प्रसाद भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी, उत्तराखण्ड
भाजपा राज में कोई सुरक्षित नहीं है। न ही महिलाएं सुरक्ष्ति हैं और न ही पत्रकार सुरक्षित हैं। धर्मनगरी ऋषिकेश में ‘आंवला न्यूज’ के संपादक योगेश डिमरी नगर में अवैध शराब के कारोबार की रिपोर्टिंग करत रहे हैं और इसी रिपोर्टिं के दौरान उनके ऊपर शराब माफियाओं द्वारा जानलेवा हमला किया गया है। डिमरी पर हमला करने वालों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। अवैध शराब के कारोबार को कठोर कार्यवाही करके समाप्त किया जाए जिससे भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति न हो।
गरिमा दासैनी, मुख्य प्रवक्ता, उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी
वादी संदीप भंडारी द्वारा योगेश डिमरी के ऊपर किए गए हमले के सम्बंध में पंजीकृत अभियोग में नामजद अभियुक्त सुनील गंजा को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। अभियुक्त सुनील गंजा कोतवाली ऋषिकेश का हिस्ट्रीशीटर है, जिसके विरुद्ध वर्ष 2012 के बाद कोई अभियोग पंजीकृत नहीं है तथा पूर्व में पंजीकृत अभियोगों में भी अभियुक्त को माननीय न्यायालय द्वारा दोषमुक्त किया गया था। किन परिस्थितियों में अभियुक्त को दोषमुक्त किया गया था इसका परीक्षण कराया जाएगा।
अजय सिंह, एसएसपी, देहरादून