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  •        संतोष सिंह

चारों धामों के कपाट खुलने के साथ ही यात्रा शुरू हो चुकी है। देश-विदेश से लाखों तीर्थयात्री दर्शन के लिए यहां पहुंच रहे हैं। लेकिन जिस तरह से हाईवे कई जगह पर दरकने से श्रद्धालुओं को घंटों इंतजार कर परेशानी उठानी पड़ रही है। उससे शासन-प्रशासन के चारधाम यात्रा तैयारियों के सभी दावे खोखले साबित हो रहे हैं। 22 अप्रैल को गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के बाद 25 अप्रैल को ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग बाबा केदारनाथ और 27 अप्रैल को भू-बैकुंठ बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा शुरू हो गई है। देश-विदेश से लाखों तीर्थयात्री दर्शन के लिए देवभूमि उत्तराखण्ड पहुंच रहे हैं। चारधाम यात्रा के पहले सप्ताह में ही बारिश और बर्फबारी शुरू हो रही है। इससे केदारनाथ धाम में तीर्थयात्रियों को जाने से भी रोकना पड़ा है। वहीं बदरीनाथ धाम पर आने वाले तीर्थयात्रियों को भी मौसम की दुश्वारियों के चलते परेशानी उठानी पड़ी है। यात्रा में मौसम के खलल डालने से मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय को भी तीर्थयात्रियों को धाम आने से पहले सावधानी अपनाने के लिए अपील करनी पड़ी है। जिससे तीर्थयात्रियों को धामों में किसी तरह की परेशानी न हो। वहीं शासन- प्रशासन की तैयारियों की पोल तब खुल गई जब बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के पहले सप्ताह में ही चमोली के पास बाजपुर में हाईवे दरकने से श्रद्धालुओं को घंटों परेशानी का सामना करना पड़ा।

वहीं बदरीनाथ से पहले पिनोला में भी चट्टान टूटने से तीर्थयात्रियों को कई घंटे हाईवे खुलने का इंतजार करना पड़ा। हालांकि यहां पुलिस प्रशासन द्वारा तीर्थयात्रियों के लिए बिस्किट और पानी की व्यवस्था की गई। वहीं बदरीनाथ हाईवे अब भी कई जगह जानलेवा बना है। नेशनल हाईवे द्वारा चमोली-पीपलकोटी के बीच बिरही चाडा पर भी चट्टान का आधा-अधूरा कार्य कर छोड़ दिया गया है जहां पर यात्रा करना जोखिम भरा है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन के सदस्य

ओमप्रकाश डोभाल कहते हैं कि चारधाम यात्रा में देश-प्रदेश से लाखों तीर्थयात्री यात्रा पर पहुंच रहे हैं। शासन-प्रशासन को चाहिए कि बदरीनाथ हाईवे पर बाजपुर हो या फिर बिरही चाडा और लामबगड़ पिनोला में जहां चट्टाने दरक रही हैं उन जगहों पर सही से काम किया जाए जिससे जान-माल का नुकसान न हो और देश-दुनिया में देवभूमि उत्तराखण्ड का गलत संदेश न जाए।

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