हरिद्वार। उत्तर प्रदेश, हरियाणा सहित उत्तराखण्ड सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत 2020 में कांवड़ यात्रा स्थगित रखे जाने का निर्णय लिये जाने के बावजूद बोर्डर से कांवड़ियों का आना बदस्तूर जारी है। जिस कारण हरिद्वार शहर में आने वाले समय में समस्या बड़ी हो सकती है। यह हाल तब है कि जब राज्य सरकार सहित पुलिस मुख्यालय मे बैठे आला अधिकारी लगातार इन प्रयासों में लगंे हुए है कि कांवड़ियों का आगमन सख्ती से रोका जाये। पिछले दिनों पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार द्वारा बाकायदा वीडियो संदेश के माध्यम से निर्देश जारी किए गये थे। परन्तु अधिकारियों द्वारा किए गये तमाम दावों के बावजूद जनपद की सीमाओं पर दिल्ली, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के यात्रियों की एंट्री बदस्तूर जारी है। इसके बावजूद श्रद्धालुओं और पर्यटकों के वाहन लगातार जनपद में पहुंच रहे हैं। जिससे कांवड़ मेले के समय व्यवस्थाएं बनाना पुलिस के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं होगा।
जिले के अधिकारी छह जुलाई से अतिरिक्त पुलिस बल लगाकर सीमाएं सील करने का दावा कर रहे हैं, मगर फिलहाल सीमाओं से लगातार हो रही आवाजाही अधिकारियों के माथे पर बल डाल रही है। बाॅर्डर पर तैनात पुलिसकर्मी नाम-पते नोट कर यात्रियों को हरिद्वार भेज रहे हैं। उत्तराखंड सहित पड़ोसी राज्यों ने कांवड़ यात्रा स्थगित करने पर अपनी सहमति जताई है। इसके बावजूद बाॅर्डर दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आने वाले यात्रियों को पुलिस रोकने में नाकाम साबित हो रही है। फिलहाल की स्थिति यह है कि नारसन, भगवानपुर और खानपुर सहित लगभग सभी सीमाओं पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा के यात्री लगातार हरिद्वार में प्रवेश कर रहे हैं। हरिद्वार के पार्किंग स्थलों में खड़ी दूसरे राज्यों की सैकड़ों गाड़ियां इसकी गवाही दे रही हैं कि बाॅर्डर पर रोके जाने के आदेश जारी किए जाने के बावजूद आवाजाही बेरोकटोक जारी है। ऐसा नहीं है कि बाॅर्डर पर पुलिस तैनात नहीं है। पुलिस कुछ वाहनों की चेकिंग भी जरूर कर रही है।
मगर हरिद्वार शहर में गैर राज्यों की गाड़ियों में नजर आ रही यात्रियों की टोलियां कुछ और कहानी बयान कर रही हैं। शुक्रवार को हरिद्वार कोतवाली पुलिस ने हरियाणा से हरिद्वार पहंुचे 15 यात्रियों को गंगा स्नान करते समय पकड़कर क्वारेंटाइन किया था। हालांकि अधिकारी के दावा कर रहे हैं कि 6 तारीख से जनपद की सीमाएं पूरी तरह सील कर दी जाएंगी।