तराई की नानकमत्ता विधानसभा सीट से भाजपा विधायक डॉ. प्रेम सिंह राणा का टिकट कटना लगभग तय है। पार्टी उनके स्थान पर संघ के सह प्रांत प्रचारक रहे श्रीपाल राणा को मैदान में उतारने का मन बना चुकी है। इस सीट पर कांग्रेस की हाल-फिलहाल बढ़त नजर आती जरूर है लेकिन आम आदमी पार्टी का जबर्दस्त डोर-टू-डोर कैंपेन यहां के चुनावी समीकरणों को खासा प्रभावित कर सकता है
3 अक्टूबर 2019
उत्तराखण्ड में पंचायत चुनाव चल रहे थे। तब बनबसा के बमनपुरी स्थित स्ट्रांग फार्म में एक जिला पंचायत प्रत्याशी की सभा हो रहीं थी। जिला पंचायत प्रत्याशी भाजपा के थे। प्रत्याशी का यह क्षेत्र थारू बाहुल्य था। इसके चलते पड़ोसी विधानसभा क्षेत्र नानकमत्ता के विधायक डॉ. प्रेम सिंह राणा को बुलाया गया। चुनावी जनसभा चल रही थी। स्थानीय लोगों ने नानकमत्ता विधायक डॉ. प्रेम सिंह राणा से जमीन के पट्टे देने की मांग कर डाली। विधायक राणा ने कहा कि उनकी सरकार ने यहां कुछ समय पहले ही 221 पट्टे बांटे हैं। विधायक ने उल्टे स्थानीय जनता से ही सवाल कर दिया कि उन्हें पट्टे क्यों नहीं मिले? विधायक डॉ. प्रेम सिंह राणा यहीं नहीं रुके बल्कि वह कहने लगे कि आपको शायद पट्टे इसलिए नहीं मिले कि आप नेपाली मूल के तो नहीं हैं? नेपाली शब्द सुनते ही जनता में आक्रोश बढ़ गया। जनता ने नानकमत्ता के विधायक डॉ. प्रेम सिंह राणा को घेर लिया। घंटों तक विधायक की घेराबंदी जारी रही। विधायक बार-बार बाहर निकलने की गुहार लगाते रहे। लेकिन जनता टस से मस नहीं हुई। यहां तक कि चंपावत-बनबसा के विधायक कैलाश गहतौड़ी भी जनता से उन्हें छोड़ने की गुजारिश करते रहे। वह कहते रहें कि विधायक राणा को जाने दे। इसके बाद भी जब जनता नहीं मानी तो पुलिस बल को बुलाया गया। पुलिस एस्कॉर्ट के बीच विधायक को जनता से बाहर निकाला गया।
5 सितंबर 2021
नानक सागर जलाशय में साहसिक खेल वाटर स्पोर्ट्स शुरू किया गया। इस अवसर पर स्थानीय विधायक डॉ. प्रेम सिंह राणा ने बड़ा जलसा किया। तभी वहां सैकड़ों नाविक आ गए और विधायक का कार्यक्रम स्थल पर ही घेराव शुरू कर दिया। नानक सागर जलाशय में यह नाविक पिछले तीन पीढ़ियों से नाव चलाकर अपने परिवार का जीवन-यापन कर रहे थे। उन्होंने इस जलाशय में मोटर बोट का विरोध किया और कहा कि उनकी रोजी-रोटी यहां नाव चलाकर चलती है। इस पर विधायक ने कह दिया कि वह नाव चलाना बंद करें और कोई रोजगार करें। इस पर नाविक भड़क गए। नाविकों का कहना था कि यूपी सरकार से उन्हें बकायदा नाव चलाने का लाइसेंस मिला हुआ है। इस लाइसेंस की एवज में वह 500 रुपए प्रति वर्ष यूपी सरकार को देते हैं। इसके बाद भी विधायक राणा नहीं पिघले। बाद में नाविकों ने विधायक के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया।
5 अक्टूबर 2021
विधायक डॉ. प्रेम सिंह राणा जनसंपर्क के लिए बिस्टी गांव में पहुंचे। जहां किसानों ने उनका घेराव कर दिया। किसान उनसे सवाल करते रहे थे कि सबसे ज्यादा इस क्षेत्र में वह रहते हैं। उनके लिए उन्होंने क्या किया? किसानों ने भाजपा और विधायक प्रेम सिंह राणा के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए। इसका वीडियो वायरल हुआ। जिसमें विधायक किसानों के साथ गहमागहमी करते नजर आए।
इसके साथ ही एक वीडियो और भी वायरल हुआ। जिसमें प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत नानकमत्ता में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। तब मंच पर विधायक द्वारा जबरन चढ़ने का प्रयास किया गया। विधायक को इस कार्यक्रम में बुलाया नहीं गया था। विधायक जब मंच पर जबरदस्ती चढ़ने लगे तो सुरक्षा गार्डों ने उन्हें नीचे उतार दिया। इसके बाद विधायक डॉ. प्रेम सिंह राणा भड़क उठे। कुछ अर्सा पहले डॉक्टर प्रेम सिंह राणा का एक पत्र वायरल हो गया। इस पत्र में विधायक द्वारा कुछ पुलिसकर्मियों का स्थानांतरण कराने को लिखा था। उत्तराखण्ड में किसी विधायक द्वारा पुलिसकर्मियों को अपने लेटर हेड से स्थानांतरण कराने का यह पहला मामला था। इसके चलते भाजपा विधायक डॉ. प्रेम सिंह राणा की काफी किरकिरी हुई थी।
मामले एक नहीं अनेक है, जिनके चलते नानकमत्ता के विधायक डॉ. प्रेम सिंह राणा अपनी विवादास्पद शैली के जरिए चर्चाओं में रहते आए हैं। नानकमत्ता विधानसभा क्षेत्र में कहा भी जाता है कि वहां विधायक का विकास कार्य इतना चर्चाओं में नहीं रहा जितना उनका विवादास्पद रवैया। उनके बारे में क्षेत्र की जनता की राय है कि वह जहां भी जाते हैं लोगों से भिड़ जाते हैं। लोग उनसे 10 साल का जवाब मांगते हैं। लेकिन विधायक अपने पिछले 10 साल के कार्यकाल का उल्लेख नहीं कर पाते हैं।
शायद यही वजह है कि इस बार नानकमत्ता विधानसभा क्षेत्र में भाजपा अपना प्रत्याशी बदलने का मन बना रही है। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि भाजपा ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह प्रांत कार्यवाहक श्रीपाल राणा को क्षेत्र में भेज दिया है। श्रीपाल राणा 1978 से आरएसएस में सक्रिय रहे हैं। 19 अगस्त 2021 को आरएसएस से मुक्त करने की घोषणा कर दी गई है। इस दिन से ही श्रीपाल राणा नानकमत्ता विधानसभा क्षेत्र में जनता के बीच जा रहे हैं। वह अपने आप को भाजपा का कैंडिडेट बता रहे हैं।
दूसरी तरफ स्थानीय जनता पशोपेश में है कि भाजपा इस बार सीटिंग विधायक डॉ. प्रेम सिंह राणा को टिकट देगी या आरएसएस से डेब्यूटेशन पर भाजपा में आए श्रीपाल राणा को। जब से श्रीपाल राणा नानकमत्ता क्षेत्र में जनता के बीच जाने लगे हैं तब से स्थानीय विधायक डॉ. प्रेम सिंह राणा उखड़े-उखड़े नजर आने लगे हैं। चर्चा यह भी है कि अगर भाजपा आरएसएस से आए श्रीपाल राणा को टिकट देती है तो ऐसे में डॉ. प्रेम सिंह राणा भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे। इन चर्चाओं के चलते यहां के वरिष्ठ कांग्रेस नेता गोपाल सिंह राणा भारी टेंशन में बताए जा रहे हैं।
दो बार खटीमा के विधायक रहने के बाद जब 2012 में सितारगंज और खटीमा के करीब 10 गांवों को तोड़ कर नानकमत्ता विधानसभा बनाई गई तो तब से कांग्रेस के पूर्व विधायक गोपाल सिंह राणा नानकमत्ता का विधायक बनने का ख्वाब सजोए हुए हैं। लेकिन 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में वह भाजपा के प्रत्याशी डॉ ़प्रेम सिंह राणा के हाथों हार चुके हैं। चर्चा यह भी है कि अगर कांग्रेस एक बार फिर गोपाल सिंह राणा पर दांव लगाने से कतराती है तो ऐसे में पूर्व विधायक गोपाल सिंह राणा अपनी पुत्री सोनी राणा को आगे कर सकते हैं। उनकी पुत्री खटीमा नगर पालिका की चेयरमैन हैं।
खटीमा का अधिकतर एरिया नानकमत्ता विधानसभा में आता है। खटीमा नगर पालिका के गीत 20 वार्डों में से 11 वार्ड नानकमत्ता विधानसभा में आते हैं। जबकि 9 वार्ड खटीमा विधानसभा क्षेत्र के हैं। शहर की आधी से ज्यादा आबादी नानकमत्ता विधानसभा के हिस्से में है। खटीमा का मुस्लिम बाहुल्य इलाका इस्लामनगर भी नानकमत्ता में ही जुड़ा हुआ है। नानकमत्ता विधानसभा में अल्पसंख्यक मतदाताओं की संख्या 15,000 हैं। थारू जनजाति के मतदाता यहां 40,000 हैं। दूसरे नंबर पर पर्वतीय समाज के मतदाता है। जिनकी संख्या 20,000 हैं। तीसरे नंबर पर सिख समुदाय के मतदाता है। वह 15,000 हैं। जबकि मुस्लिम चौथे नंबर पर हैं।
आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी सुनीता राणा पिछले 5 सालों से विधानसभा क्षेत्र में जनता के बीच जा रही हैं। सुनीता राणा 2017 में भी आम आदमी पार्टी के टिकट पर नानकमत्ता से विधानसभा चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी कर चुकी थीं। लेकिन उस समय आम आदमी पार्टी उत्तराखण्ड के विधानसभा चुनाव में नहीं उतरी थीं। इसके चलते सुनीता राणा आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी नहीं बन पाई थीं। लेकिन इस बार उनका आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने का सपना पूरा हो गया है।
नानकमत्ता क्षेत्र की जनता अपने विधायक डॉ ़प्रेम सिंह राणा से नाखुश नजर आती है। जनता की नजरों में विधायक विकास कराने के मामले में फिसड्डी साबित हुए हैं। ग्राम सभा बरखेड़ा के अंतर्गत आमखेड़ा गांव के लोगों ने तो विधायक राणा के खिलाफ बदहाल सड़कों की दशा न सुधरने पर मोर्चा खोल दिया। लोगों का कहना है कि राज्य बनने के बाद भी सड़कों की मरम्मत नहीं की गई। पता ही नहीं चलता कि सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क। चुनाव में राजनीतिक दल वादे करते हैं, मगर बाद में भूल जाते हैं। इस कदर उपेक्षा से त्रस्त ग्रामीणों ने अब ‘रोड नहीं तो वोट भी नहीं’ का नारा बुलंद कर विधानसभा चुनाव में मतदान के बहिष्कार का निर्णय ले लिया है।
ग्राम सभा बरखेड़ा के पूर्व प्रधान सरदार महताब सिंह के अनुसार 32 साल से पक्की सड़क नहीं बनी है। बलखेड़ा से यूपी बॉर्डर नवीनगर आमखेड़ा तक लगभग डेढ़ किलोमीटर,
नवीनगर से आमखेड़ा से दीननगर मार्ग आमखेड़ा से सुंदरपुर खमरिया मार्ग दो किलोमीटर कच्चे मार्गों पर डामर नहीं हो पाया है। इन मार्गों से नानकमत्ता का दक्षिण क्षेत्र और यूपी के हरदासपुर, कुलारा आदि ग्राम लगते हैं। इन कच्ची सड़कों से रोज लगभग सात से आठ हजार लोग निकलते हैैं। जब गोपाल सिंह राणा विधायक थे तो कई बार सड़कें बनवाने की मांग की गई थी। विधायक प्रेम सिंह राणा से भी लगातार संपर्क किया, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मार्गों को पक्का करने की घोषणा की थी, लेकिन वह भी हवा हवाई साबित हो रही है। यही नहीं बल्कि 2019 में लोक निर्माण विभाग के द्वारा सर्वे कर आश्वासन दिया मगर हुआ कुछ नहीं। नानकमत्ता विधानसभा क्षेत्र विकास की दृष्टि से बहुत पिछड़ा हुआ है। नानकमत्ता क्षेत्र में हैली सेवा शुरू किया जाना बहुत महत्वपूर्ण है ताकि जो श्रद्धालु नानकमत्ता साहिब आना चाहते हैं उन्हें सहूलियत हो सके। इसके लिए श्रद्धालुओं हेतु विश्राम गृह बनाने की भी घोषणा की गई । लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। स्टेट राज्यमार्ग-70 जिसका प्रथम चरण पास हो चुका हैं, लेकिन काम अभी तक शुरू नही हुआ है।
मेरी पूरी जिंदगी कांग्रेस में कटी है। मैं पुराना कार्यकर्ता हूं। मैं अपनी पार्टी से एक चांस और मांग रहा हूं। 2022 का विधानसभा चुनाव मेरा आखिरी चुनाव होगा। मेरा पार्टी से टिकट तय है। 2012 में मेरी हार का कारण फुलैया कांड रहा था। जिसमें जमीनी विवाद को लेकर दो मर्डर हुए थे। इसमें मुझ पर आरोप लगे और कहा गया कि यह दोनों मर्डर मेरे द्वारा कराए गए। लेकिन मेरा इसमें कोई इंवाल्वमेंट नहीं था। इसके अलावा मेरी हार का एक और कारण अनुसूया बेगम का चुनाव लड़ना रहा। अनुसूया बेगम एक थारू महिला हैं, जिन्होंने एक मुस्लिम नूर मोहम्मद से शादी कर ली थी। वह चुनाव में खड़ी हो गई थी। समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़कर उन्होंने साढ़े चार हजार वोट पाए थे। यह वोट मुस्लिमों के थे। मुस्लिम वोट कांग्रेस के होते हैं। इन वोटों के अनसूया बेगम की तरफ जाने की वजह से मेरी हार हुई थी। 2017 में मेरी हार का कारण मोदी लहर रही। इस लहर में हमारे तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत तक बह गए थे। लेकिन इस बार क्षेत्र में जिस तरह भाजपा के विधायक का विरोध है उससे कांग्रेस का यहां से जीतना तय है।
गोपाल सिंह राणा, पूर्व विधायक खटीमा
मैंने पूरी जिंदगी आरएसएस की सेवा की। दो महीने पहले ही मुझे आरएसएस के सह प्रांत कार्यवाहक पद से मुक्त कर नानकमत्ता विधानसभा क्षेत्र में भेज दिया गया है। मैं अब क्षेत्र में घूम रहा हूं। लोगों के बीच में जाकर उनकी समस्याएं सुन रहा हूं। मैं कह रहा हूं कि बीजेपी को वोट देना है और मैं बीजेपी का प्रत्याशी हूं। हमारी पार्टी जिसको भी टिकट देगी हम उसके साथ रहेंगे। जनता ने हमारी पार्टी के विधायक का पिछले साढ़े नौ साल का कार्यकाल भी देखा है। जनता कह रही है कि क्षेत्र में विकास नहीं हुए। जो दस वर्ष पहले की रोड़े बनी थी वही बनी हुई है। बाद में सड़कें जैसी थी वैसी ही है। अधिकांश काम नहीं हुए। मूलभूत सुविधाएं आज भी क्षेत्र में लोगों को नहीं मिल पा रही है। सड़कों के अलावा बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा का अभाव दिख रहा है। हो सकता है किसी के व्यक्तिगत काम हुए हो, लेकिन जनता के काम दिखाई नहीं दे रहे हैं। यह विधायक की असफलता है। मैं पिछले दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट करके आया हूं। उन्होंने कहा है कि क्षेत्र में जाकर काम कीजिए। मैं उनके आदेश पर क्षेत्र में काम कर रहा हूं। अगला आदेश क्या होगा इसका इंतजार कर रहा हूं।
श्रीपाल राणा, पूर्व आरएसएस सह प्रांत कार्यवाहक, उत्तराखण्ड
मेरे पति शुरू से बीजेपी के नेता रहे। वह 1989 में सितारगंज के भाजपा के नगर अध्यक्ष रहे हैं। उनके साथ ही मैं भी भाजपा की ही कार्यकर्ता थी। वर्ष 2003 से लेकर 2008 तक मैं सितारगंज में भाजपा की सभासद रह चुकी हूं। जब देश में अन्ना आंदोलन चल रहा था तब मैं और मेरे पति अरविंद केजरीवाल जी के संपर्क में आए। उसके बाद हम आम आदमी पार्टी का हिस्सा हो गए। 2016 से ही हमने नानकमत्ता विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर दी थी। तब हमें पूरा यकीन था कि 2017 में आम आदमी पार्टी उत्तराखण्ड में विधानसभा चुनाव में उतरेगी। इसके मद्देनजर ही हमने 2017 में विधानसभा का नानकमत्ता से टिकट भर दिया था। लेकिन ऐन वक्त पर आम आदमी पार्टी ने उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव में न उतरने की घोषणा की। जिसके चलते हम सिर्फ टिकट भरकर ही रह गए। इस बार हमारी झाड़ू जमकर चलेगी। हम जनता के बीच जहां जहां जा रहे हैं। जनता कह रही है कि आप की झाड़ू सभी नेताओं पर भारी पड़ेगी। हम दिल्ली मॉडल पर उत्तराखण्ड और नानकमत्ता का विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। जहां पहले बिजली गारंटी का घर-घर कार्ड हमने भरवाए थे। जबकि अब रोजगार गारंटी के कार्ड बांट रहे हैं। हमें क्षेत्र में जनता का जबरदस्त रिस्पॉन्स मिल रहा है।
सुनीता राणा, प्रत्याशी आम आदमी पार्टी नानकमत्ता
नानकमत्ता से हम ही चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा हमारी पार्टी का कोई नेता वहां दावेदारी नहीं करेगा। जिन श्री पाल राणा की आप बात कर रहे हैं उनको हाईकमान ने मना कर दिया है। श्रीपाल राणा से कहा है कि वह नानकमत्ता में अपनी दावेदारी ना करें। इससे पार्टी में विरोधाभास की स्थिति पैदा हो रही थी। हाईकमान ने श्री पाल राणा से कहा है कि उन्हें वह कहीं और एडजेस्ट कर देंगे। वैसे भी पार्टी द्वारा कराई गई सर्वे में वे काफी पीछे हैं। हमारा रिपोर्ट कार्ड बहुत अच्छा है। हम पिछले 15 साल से समाज के बीच है। 10 साल से विधायकी कर रहे हैं। हमने नानकमत्ता में काफी विकास कार्य किए हैं। नानकमत्ता को नगर पंचायत बनाया है। यहां पूर्व में बने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनवाया है। इसके अलावा डिग्री कॉलेज की स्थापना की है। मिनी खेल स्टेडियम की स्थापना भी कराएंगे। उसके लिए धन आवंटित होने वाला है। नानक सागर में हमने बोटिंग शुरू करा दी है। उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग ने हमें नानक सागर में बोटिंग कराने की मौखिक अनुमति दी है। जल्द ही यह अनुमति लिखित में मिल जाएगी। विधानसभा के कई टूटे हुए सड़कों का काम शुरू करा दिया गया है। जल्द ही कार्य पूर्ण हो जाएगा।
डॉ. प्रेम सिंह राणा, विधायक नानकमत्ता