उत्तराखंड के जनपद चंपावत की लोहाघाट विधानसभा के विधायक पूरन फर्त्याल इस समय चर्चाओं में है। पूरन फर्त्याल सत्तासीन पार्टी भाजपा के विधायक है और अपनी ही पार्टी के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। उन्होंने ना केवल अपनी ही सरकार की “जीरो टॉलरेंस” पर सवाल खड़े कर दिए हैं बल्कि एक सडक निर्माण में हुए भ्रष्टाचार के एक मामले को लेकर वह मुखर हो गए हैं।
जौलजीबी – टनकपुर मार्ग निर्माण का अनुबंध पुराने ठेकेदार से करने पर विधायक पूरन फर्त्याल अपनी ही सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाने के बाद चर्चाओं में आए हैं । विधायक ने यहां तक कह दिया है कि मैं कोई दब्बू विधायक नहीं हूं । भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई तब तक जारी रहेगी , जब तक भ्रष्टाचार के आरोपी ठेकेदार से उनकी सरकार काम वापस नहीं ले लेती है।
यही नहीं बल्कि भाजपा विधायक ने अपनी सरकार के खिलाफ विधानसभा में नियम 58 के तहत प्रश्न उठाने तक का ऐलान कर दिया है। उत्तराखंड की भाजपा ने विधायक के इस कार्य से नाखुश होकर उन्हें न केवल अनुशासन कार्रवाई करने की चेतावनी दी है, बल्कि 24 अगस्त को देहरादून स्थित पार्टी मुख्यालय में तलब कर लिया है। जबकि दूसरी तरफ भाजपा विधायक पूर्व फर्त्याल इस संबंध में नाराजगी व्यक्त करते हुए कहते हैं कि उन्हें इस बाबत कोई संदेशा नहीं मिला।
बहरहाल, लोहाघाट विधायक पूरन फर्त्याल ने जीरो टाॅलरेंस की नीति पर सवाल उठाते हुए अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। इसकी वजह टनकपुर जौलजीवी सड़क निर्माण से जुड़ा ठेका बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि जिस ठेकेदार को काम मिला है वह कांग्रेस से जुडा है। विधायक ने दिलीप सिंह अधिकारी नामक इस ठेकेदार की शिकायत की थी। मामले में कार्यवाही भी हुई। लेकिन अब ठेकेदार आर्बिटेशन से मुकदमा जीत गया है।
बताया जा रहा है कि लोहाघाट विधायक पूरन फर्त्याल अपनी सरकार से इस वजह से नाराज हैं कि सरकार ने फिर से उसी ठेकेदार को काम दे दिया है। सामरिक महत्व के लिए अति महत्वपूर्ण मानें जानें वाली इस सड़क को लेकर गृह मंत्रालय भी गंभीर बताया जा रहा है। इसको लेकर सरकार अब इसमें विलंब नहीं करना चाह रही है।
वहीं, विधायक पूरन फर्तयाल हैं कि अपनी बात पर अड़े हुए हैं और उन्होंने सरकार पर ही गंभीर आरोप लगा दिए हैं। उन्होंने मामले को विधानसभा में उठाने तक की चेतावनी दे दी है। जिससे सरकार ऊहापोह की स्थिति में है। माना जा रहा है कि पार्टी विधायक के इस रवैये से बेहद खफा है। पार्टी चाहती हैं कि विधायक अपनी जिद छोडकर गलती मान ले। इसके बावजूद भी यदि विधायक जिद पर अड़े रहते हैं तो उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी हो सकती है। इसके चलते ही विधायक को कल देहरादून स्थित पार्टी मुख्यालय में तलब किया गया है।
बहरहाल, लोहाघाट के विधायक पूरन फर्तयाल ने उल्टा अपनी ही सरकार से सवाल किया है कि जिस ठेकेदार की वजह से सामरिक महत्व की सड़क 3 साल से नहीं बन पाई, अब उसके प्रति सरकार की नरमी क्यों ? यही नहीं बल्कि उन्होंने कहा कि जाली दस्तावेजों के जरिए पंजीकरण कराने वाले ठेकेदार पर कार्रवाई करने की बजाय सरकार उसे इनाम क्यों दे रही है? फिलहाल नाराज विधायक को मनाना भाजपा के लिए टेढी खीर समझा जा रहा है।