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  •   नावेद अख्तर

हरिद्वार की तहसील भ्रष्टाचार का केंद्र बन गई है। जहां बिना रिश्वत के कोई भी काम कराना संभव नहीं है। यह उस समय सामने आया जब रजिस्ट्रार कानूनगो राजेश मारवाह को विजिलेंस टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया

रिश्वत और भ्रष्टाचारी का अड्डा बन चुके तहसील परिसर के कारनामे किसी से छुपे नहीं हैं। तहसील में काम कराने के लिए लोगों को छोटे-से-छोटे काम के लिए चक्कर काटने पड़ते हैं। काम कराने के एवज में
सुविधा शुल्क का चलन इतना बढ़ चुका है कि बिना सुविधा शुल्क दिए कोई काम संभव नहीं है। आलम तो यह है कि तहसील में काम करने वाले अधिकारियों, पटवारियों ने अपने-अपने कार्य क्षेत्र में एजेंट बना रखे हैं। किसी भी काम को कराने के लिए लोगों को निजी स्तर पर स्थापित किए गए इन एजेंट से मिलना होता है। उन्हें काम कराने के एवज में सुविधा शुल्क थमा दिया जाता है।

सुविधा शुल्क न दे पाने वाले गरीब लोगों को तहसील में दर-दर भटकने पर विवश होना पड़ रहा है। अक्सर ऐसे लोगों को भटकते हुए देखा जा सकता है। सूबे के मुखिया पुष्कर सिंह धामी द्वारा जीरो टॉलरेंस का दावा हवाई साबित हो रहा है। हरिद्वार तहसील में दाखिल खारिज कराने के नाम पर रजिस्ट्रार कानूनगो द्वारा रिश्वत लेने का मामला सामने आया है। जिसको विजिलेंस ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। बीते 18 अक्टूबर को हरिद्वार निवासी संजय सिंह ने विजिलेंस मुख्यालय देहरादून में शिकायत दर्ज कराई थी। संजय सिंह ने बताया कि उसने अपनी पत्नी के नाम एक भूखंड खरीदने के बाद दाखिल खारिज कराने के लिए हरिद्वार तहसील में आवेदन किया था। लेकिन दाखिल खारिज कराने के एवज में रजिस्ट्रार कानूनगो राजेश मारवाह रिश्वत की मांग कर रहा था। जिससे परेशान होकर संजय मारवाह ने विजिलेंस में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के बाद विजिलेंस के अधिकारियों ने अपने स्तर पर जांच- पड़ताल की तो मामला सही पाया।

एसपी विजिलेंस रेणु लोहानी के निर्देश पर सीओ सुरेंद्र सिंह सामंत की अगुवाई में टीम का गठन कर तहसील में रजिस्ट्रार कानूनगो कार्यालय में छापा मारा गया। जहां रजिस्ट्रार कानूनगो राजेश कुमार मारवाह को 2800 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया गया। विजिलेंस इंस्पेक्टर विभा वर्मा के नेतृत्व में टीम ने पूछताछ करने के साथ ही तमाम दस्तावेजों को खंगाला। उनके आवास एवं निजी दफ्तर पर भी छापेमारी कर जांच की गई। रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़े गए रजिस्ट्रार कानूनगो राजेश मारवाह शुरू से ही चर्चित रहा है। कहा जाता है कि जमीनों के मामले में वह अपने एजेंटों द्वारा काम कराता था। उसके द्वारा कई मामलों में दूसरे लोगों से शिकायतें और आपत्ति करवाने से लेकर हर काम में रकम वसूलने की बात भी सामने आई है। विजिलेंस टीम को उसके दफ्तर एवं आवास से काफी अहम सुराग मिले हैं। फिलहाल उसकी पूरी कुंडली खंगाली जा रही है।

ज्वालापुर अंबेडकर निवासी रजिस्ट्रार कानूनगो राजेश मारवाह को करीब डेढ़ महीने पहले ही रुड़की से हरिद्वार तहसील में तैनाती मिली थी। चर्चा है कि वह रुड़की तहसील में भी हर काम के एवज में लोगों से रकम लेकर काम किया करता था। लेकिन हरिद्वार में तैनाती मिलते ही भूखंड का दाखिल खारिज करने के एवज में वह रिश्वत लेते हुए विजिलेंस की टीम द्वारा रंगे हाथों पकड़ लिया गया। बहरहाल, विजिलेंस टीम ने अपनी कार्रवाई पूरी कर आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है।

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