देश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अब सड़क से लेकर संसद तक राजनीतिक माहौल गरमा जाता रहा है। हर राजनीतिक पार्टी के नुमाइंदे अपने-अपने हिसाब से महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुझाव दे रहे हैं। कठोर कानून भी बने हैं, लेकिन इसमें देखने वाली अहम बात यह है कि महिलाओं पर अत्याचार रुकने के बजाए दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे हैं। सोचने का गंभीर विषय है कि हैवानियत को अंजाम देने वालों में कठोर कानून का खौफ क्यों नहीं है। पौड़ी यमकेश्वर क्षेत्र के एक रिसॉर्ट में कार्यरत युवती के रहस्यमय परिस्थितियों में गायब होने और आरोपितों द्वारा पुलिस के सम्मुख उसे मारकर बैराज में फैंक दिए जाने की सूचना मिलते ही देशभर में उबाल आ गया। क्या महिलाएं युवा और बुजुर्ग काफी संख्या में पौड़ी जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर एकत्रित हुए और आरोपित को फांसी की सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं । लोगों ने चेतावनी दी कि यदि पौड़ी की युवती को जल्द न्याय नहीं मिला तो उन्हें बाजार बंद, धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। जानकारी के मुताबिक पौड़ी के नादलस्यूं पटटी के श्रीकोट गांव की अंकिता भंडारी यमकेश्वर क्षेत्र के गंगा भोगपुर स्थित वन्नतरा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिष्ट के रुप में कार्य करती रहती थी। बताया गया कि बीते अगस्त माह में ही उसने ज्वाइन किया। लेकिन वह बीते 18 सितंबर से रिसोर्ट से रहस्यमय परस्थितियों से लापता हो गई थी । इस बीच अंकिता भंडारी हत्याकांड में बड़ा खुलासा हुआ है।
दरअसल आरोपियों ने अंकिता को चिला नहर में फेंकने के बाद घटना का साक्ष्य मिटाने की पूरी कोशिश की थी। पुलिस की जांच में यह मामला सामने आया है। अंकिता मर्डर के आरोपियों का फुलप्रूफ प्लान था कि हत्या को गुमशुदगी के रूप में पेश किया जाए। लेकिन, अंकिता के पिता लगातार इस मामले को उठाते रहे। 18 सितंबर से लापता बेटी की खोजबीन के लिए दबाव बनाना शुरू किया। सोशल मीडिया पर मुद्दा गरमाया तो पुलिस ने इस मामले की गंभीरता से जांच शुरू की। अंकिता पुलकित आर्य के यमकेश्वर स्थित रिजॉर्ट में बतौर रिसेप्शनिष्ट कार्य करती थी।चिला पावर हाउस नहर से अंकिता भंडारी का शव बरामद किए जाने के बाद अब मामला और गंभीर हो गया है। आरोपियों की पूछताछ में जो भी मामले सामने आए, उसकी पुष्टि होती दिख रही है। आरोपियों ने पुलिस के सामने स्वीकार किया कि रिजॉर्ट से 18 सितंबर की रात चार लोग निकले थे। बाइक और स्कूटी से चारों चिला पावर हाउस तक गए थे। वहां शराब पीने के बाद पुलकित और अंकिता के बीच बहस होने लगी। पुलकित रिजॉर्ट के बारे में अंकिता पर बदनाम किए जाने का आरोप लगा रहा था। इसी पर दोनों के बीच झगड़ा बढ़ गया और अंकिता को उन्होंने नहर में धक्का दे दिया। पुलिस के सामने इन आरोपियों ने माना कि हमें गुस्सा आ गया था। नशे में हमें यह सूझा ही नहीं कि हम क्या कर रहे हैं। अंकिता हमारे साथ हाथापाई कर रही थी। इसमें हमने धक्का दिया तो वह नहर में गिर गई।
पानी से निकालने के लिए वह चिल्लाती रही और वे लोग वहां से भाग खड़े हुए।आरोपियों ने अंकिता के नहर में डूबने के बाद इससे बाहर निकलने की योजना पर काम शुरू किया। दरअसल, रिजॉर्ट में कर्मचारियों ने अंकिता भंडारी को आखिरी बार रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता के साथ रात आठ बजे ऋषिकेश के लिए निकलता देखा गया था। पुलिस की पूछताछ में भी तीनों आरोपियों ने माना कि उन्हें अभिनव और कुश ने साथ जाता देख लिया था। अब उसके सामने सबकुछ सामान्य दिखाने की कोशिश की गई। आरोपियों ने इसके लिए एक अलग ही कहानी बना ली। सबसे पहले अंकित ने रिजॉर्ट के शेफ मानवीर को फोन किया। चार लोगों का खाना तैयार करने को कहा। मानवीर ने अंकित से अंकिता भंडारी के बारे में पूछ लिया। इस दौरान अंकित घबरा गया था।अंकित ने कह दिया कि अंकिता हमारे साथ नहीं है। दरअसल, वे अन्य स्टॉफ को अंकिता के साथ जाने की बात से अनभिज्ञ रखना रखना चाहते थे। रात को तीनों रिजॉर्ट में पहुंचे। चुपके से रिजॉर्ट के किनारे वाले रास्ते से अंदर गए। अंकित ने शेफ से अंकिता का खाना लिया और उसके कमरे में जाकर रख दिया। इससे उसे लगा कि अंकिता रिजॉर्ट में ही है। कमरे में खाना रखकर वह वापस आ गया। सुबह पुलकित और अंकित गुप्ता हरिद्वार गए। नया मोबाइल खरीदा। अपने जियो सिम का डमी लिया। अंकिता से झड़प में उसका फोन नहर में गिर गया था।योजना के तहत पुलकित ने रिजॉर्ट में काम करने वाले सौरभ विष्ट को अंकित के कमरे में जाकर उसका फोन लाने को कहा। वे चाहते थे कि सौरभ उन्हें अंकिता के गायब होने की बात बताए। सबकुछ प्लान के तहत ही हुआ। किसी को शक न होने को लेकर पुलकित ने थाने में जाकर अंकिता की गुमशुदगी की प्राथमिकी दर्ज कराई। तीनों ने एक तरह का बयान देने का फैसला लिया था। हालांकि, सीसीटीवी फुटेज और पूछताछ के बाद जब मामला सामने आया। पुलिस ने आरोपियों पर आईपीसी की धारा 302, 201, 120-B के तहत केस दर्ज किया है। तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
मृतका के परिजनों ने शव की शिनाख्त
थाना लक्ष्मणझूला पुलिस शव को कब्जे में लेकर अग्रिम कार्यवाही में जुटी।
सीएम धामी ने कहा हमारा संकल्प है कि इस जघन्य अपराध के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
पुलिस उप महानिरीक्षक पी. रेणुका देवी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन करने के दिए निर्देश।
एसआईटी करेगी इस मामले की गहराई से जाँच।
आरोपियों के गैर कानूनी रूप से बने रिजॉर्ट पर बुलडोजर द्वारा कल देर रात की गई कार्यवाही