पिछले दो दशक से भी अधिक समय से ‘दि संडे पोस्ट’ शोषितों, वंचितों और पीड़ितों की आवाज उठाता रहा है। इसी क्रम में पिछले दिनों कुमाऊं के एकमात्र दिव्यांग स्कूल यूएसआर इंदु समिति में बच्चों के साथ हो रहे शोषण और अमानवीय कुकृत्यों को पाठकों के समक्ष प्रस्तुत किया था। साथ ही इस स्कूल में रहस्यमय परिस्थितियों में गायब हुए सुभाष का प्रकरण भी सामने लाया गया था। उक्त खुलासे के बाद अब एक और युवक अम्बुज कुमार द्वारा इस स्कूल में अपने साथ हुए शोषण की शिकायत 9 माह बाद दर्ज कराई गई है। जिसमें उन्होंने स्पष्ट कहा है कि ‘दि संडे पोस्ट’ में स्कूल के कारनामों की पोल खुलने के बाद ही उनमें भी अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने का हौसला पैदा हुआ
रामनगर के बसई स्थित कुमाऊं के एकमात्र मानसिक दिव्यांग विद्यालय यूएसआर इंदु समिति में शोषण और क्रूरता का शिकार न सिर्फ वहां पढ़ने और रहने वाले दिव्यांग, अनाथ बच्चे हुए, बल्कि हाउसकीपर के पद पर तैनात अम्बुज कुमार भी हुआ है। 18 अक्टूबर 2023 को अम्बुज कुमार के साथ यू. एस.आर. इंदु समिति के प्रबंधन संदीप रावत और उसके मातहत कार्य करने वाले कुछ कर्मचारियों पर आरोप है कि उनके द्वारा उसे भी शोषण का शिकार बनाया है।
महज 18 वर्ष का अम्बुज कुमार 12 अप्रैल 2023 को यूएसआर इंदु इंदु समिति के बालक आवास में उत्तराखण्ड सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित मिशन वात्सल्य परियोजना के तहत हाउसकीपर के पद पर नियुक्त हुआ था। जिसे समिति के तत्कालीन अधीछक मोहम्मद रजब ने समिति के कार्यों के लिए नियुक्त किया। लेकिन यह रोजगार उसके शोषण का कारण बनेगा, यह शायद अम्बुज कुमार ने सपने में भी नहीं सोचा होगा। 18 अक्टूबर 2023 को यूएसआर इंदु इंदु समिति परिसर में अम्बुज कुमार के साथ जो घटना घटित हुई, उसकी उम्मीद किसी शैक्षिक और आकादमिक परिसर में नहीं की जा सकती है।
बच्चों के लिए खाना बनाने पर हुआ विवाद
अम्बुज कुमार के साथ हुआ पूरा विवाद समिति में बच्चों के लिए खाना बनाने को लेकर हुआ था। बताया जा रहा है कि 15 और 16 अक्टूबर को रात में कुछ बच्चे भूखे थे, जिस पर उन्होंने रात्रिकालीन ड्यूूटी में काम कर रहे अम्बुज कुमार से खाना बनाने के लिए कहा, अम्बुज कुमार ने तत्कालीन अधीछक रोहित जोशी को फोन कर बताया कि कुछ बच्चे भूखे हैं और खाना बनाने की बात कह रहे हैं। जिस पर अधीछक रोहित जोशी ने अम्बुज को कहा कि बच्चों के लिए खाना बनाने का काम करे, कोई भी बच्चा भूखा नहीं सोए। अम्बुज कुमार ने रात में ही बच्चों के लिए खाना बना दिया। जिसकी भनक जब समिति के प्रबंधन संदीप रावत को लगी तो वह अम्बुज कुमार के इस कदम से नाराज हो गए। आरोप है कि उन्होंने इस पूरे मामले को तूल देकर अम्बुज कुमार के साथ अभद्रता करते हुए मारपीट तक कर दी।
18 अक्टूबर 2023 को अम्बुज कुमार अपनी रात्रिकालीन ड्यूूटी पूरी कर सुबह घर जाने की तैयारी करने में लगा था। तभी सुबह लगभग 07.30 बजे के आस-पास समिति के प्रबंधक संदीप रावत ने आकर अम्बुज कुमार से पूछा कि क्या उसने रात में बच्चों के लिए खाना बनाया था। इस पर अम्बुज कुमार ने बताया कि एक-दो दिन पहले बच्चों के लिए खाना कम पड़ गया था, तो उसने खाना बना दिया। बताया जा रहा है कि अम्बुज की इस बात पर प्रबंधक संदीप रावत क्रोधित हो गए उन्होंने कहा कि समिति उसकी है, रोहित जोशी कौन है, बिना मुझसे पूछे कोई भी कार्य समिति में नहीं होना चाहिए, बच्चे भूखे हैं, तो भूखे रहने दें। जिसके बाद उनकी अम्बुज कुमार से कहा-सुनी हो गई। आरोप है कि संदीप रावत ने गुस्से में आकर अम्बुज कुमार को जाति-सूचक शब्द तक कहे। जिसके बाद वहां मौजूद स्टॉफ के सामने अम्बुज कुमार असहाय होकर घर जाने लगा। बताया जा रहा है कि अम्बुज कुमार के गेट से बाहर जाने तक संदीप रावत उसके साथ बदसलूकी करता रहा।
घटना यही समाप्त नहीं हुई बल्कि संदीप रावत को बिना पूछे काम करने की आदत इतनी नागवार गुजरी कि उन्होंने शाम को अम्बुज कुमार को फोन कर परिसर में आने को कहा। जिसमें उसने अधीछक रोहित जोशी के सामने मीटिंग करने की बात कही। मीटिंग के नाम पर रावत ने पहले दोनों को फटकार लगाई। उसके बाद वह रोहित जोशी के जाने के बाद फिर से अम्बुज कुमार पर हावी हो गए। आरोप है कि रावत ने अम्बुज कुमार के प्रति फिर से जाति-सूचक शब्दों का प्रयोग किया। इसके बाद भी जब उनका मन नहीं भरा तो उन्होंने अम्बुज कुमार के साथ मारपीट कर दी। जिसमें उसका साथ समिति में मौजूद सुरक्षाकर्मी आशाराम बर्थवाल, सोनू सैनी, सूर्यभान चौधरी ने भी भरपूर दिया। आरोप है कि इन लोगों ने अम्बुज कुमार को अधमरा कर दिया। बकौल अम्बुज कुमार यदि अधीछक रोहित जोशी उसे उस दिन मारपीट से नहीं बचाते, तो कोई भी अप्रिय घटना अम्बुज के साथ घट सकती थी। यह पूरी घटना संस्था में लगे सीसीटीवी कैमरे में में दर्ज हो गई।
घटना से भयभीत हुआ अम्बुज कुमार
18 अक्टूबर 2023 की इस पूरी घटना से अम्बुज कुमार बेहद भयभीत हो गया। वह घटना की शिकायत तक किसी से नहीं कर सका। बताया जाता है कि समिति ने उसका वेतन तक रोक दिया। परिजनों और मित्रों के कहने पर उसने मेडिकल तो बना लिया, लेकिन संदीप रावत की ऊंची पहुंच और रसूख के चलते अम्बुज कुमार और उसके परिजन पुलिस में शिकायत करने से डरते रहे।
‘दि संडे पोस्ट’ में प्रकाशित समाचार के बाद बढ़ा हौसला
जून 2024 के अंतिम सप्ताह में क्रूरता के शिकार होते दिव्यांग और जुलाई 2024 के प्रथम सप्ताह में अनाथ बालक की रहस्यमयी गुमशुदगी शीर्षक के समाचार ‘दि संडे पोस्ट’ में प्रकाशित हुए। जिसमें यूएसआर इंदु समिति के कारनामों की खबर पढ़ने के बाद अम्बुज कुमार में भी अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ खड़े होने का हौसला पैदा हुआ। जिसका जिक्र उसने 09 जुलाई 2024 को पुलिस को दर्ज कराई गई अपनी एफआईआर में भी किया है। इसके बाद पुलिस ने उसकी रिपोर्ट दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दी है।
विभागीय अधिकारियों ने शिकायत बाद भी नहीं की कार्रवाई
अम्बुज कुमार के साथ हुई मानवीय हिंसा और क्रूरता की शिकायत समिति में कार्यरत रहे प्रोबेशन अधिकारी मयंक मैनाली, कांउसलर तनुजा पांडेय और अधीछक रोहित जोशी ने निदेशक महिला कल्याण और बाल विकास विभाग, जिला प्रोबेशन अधिकारी और जिला बाल कल्याण समिति नैनीताल को पत्र भेजकर की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि अम्बुज कुमार के साथ हुई क्रूरता और बर्बरता 18 अक्टूबर 2023 को संस्था के सीसीटीवी में कैद है, जिसकी जांच की जाए। लेकिन विभागीय अधिकारियों ने इस विषय पर कोई जांच नहीं की। इसके साथ ही उन पत्रों का कोई संज्ञान भी नहीं लिया। विभागीय अधिकारियों द्वारा मौखिक और लिखित शिकायत के बाद भी कार्यवाही नहीं करना, कई सवाल खड़े करता है।
हाईकोर्ट की शरण में संदीप
अम्बुज कुमार द्वारा मुकदमा दर्ज करवाने के बाद संदीप रावत ने अंतरिम जमानत के लिए उच्च न्यायालय नैनीताल का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने बीते 25 जुलाई को मामले की सुनवाई करने उपरांत जमानत मंजूर करते हुए 05 सितंबर की तिथि अगली सुनवाई के लिए तय की है। फिलहाल पीड़ित पक्ष के अनुसार पुलिस की जांच रिपोर्ट कुछ बाधाओं के चलते पूरी नहीं हो सकी है। सूचना के अनुसार प्रकरण संवेदनशील होने के कारण मामले की जांच सीओ रामनगर को सौंपी गई थी लेकिन कांवड़ यात्रा में ड्यूटी के चलते मामले में पुलिस छेत्राधिकारी हल्द्वानी नितिन लोहनी को जांच अधिकारी बनाया गया है। जिन्होंने अपने स्तर से प्रारंभिक जांच भी की। वहीं अब बताया गया है कि सीओ रामनगर भूपेंद्र सिंह भंडारी वापस आने के बाद मामले की जांच पूरी करेंगे। बहरहाल 9 जुलाई को मुकदमा दर्ज होने के बाद भी मामले की स्थिति पुलिस की विवेचना स्तर में ही है। विवेचना पूर्ण होने के बाद ही मामला न्यायालय के समक्ष जाएगा।
बात अपनी-अपनी
स्कूल के आपसी मामलों को स्कूल प्रबंधन देखेगा। हमारी इसमें कोई जिम्मेदारी नहीं है।
आर.के. पंत, अध्यक्ष जिला बाल कल्याण समिति, नैनीताल
सीओ रामनगर कावड़ यात्रा की ड्यूटी में चले गए तो इस दौरान मुझे जांच दी गई। मैंने इस मामले की जांच की है। जब सीओ रामनगर कांवड़ ड्यूटी से वापस आएंगे तो मैं उन्हें जांच सौंप दूंगा। आगे की जांच वही करेंगे।
नितिन लोहनी, सीओ, जांच अधिकारी, हल्द्वानी
मैं इस मामले में कुछ नहीं कहूंगा।
संदीप रावत, प्रबंधक, यूएसआर इंदु समिति, रामनगर नैनीताल
इस पूरे प्रकरण की सूचना हमने विभागीय अधिकारियो को भी पत्र भेजकर दी थी। लेकिन विभागीय अधिकारियो को सूचित करने के बाद भी कोई संज्ञान इनके स्तर पर नहीं लिया गया। एक संवेदनशील संस्था में मारपीट और बर्बरता करने वाले दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। समिति प्रबंट्टाक ने इसके बाद इस पूरे प्रकरण में तत्कालीन अधिच्छिक रोहित जोशी को जबरन दोषी ठहराते हुए संस्था से निष्कासित करवा दिया। अपने सभी कर्मचारियों से दवाब में पत्र लिखवाए। जिसका कारण है कि अधिचिछक रोहित जोशी ने अम्बुज कुमार को उस दिन मारपीट से बचाया था, यदि रोहित जोशी अम्बुज को नहीं बचाते तो शायद अम्बुज कुमार आज जीवित भी नहीं होता। सीडब्ल्यूसी, जिला प्रोबेशन अधिकारी आदि संस्थाएं निरीक्षण के नाम पर महज खानापूर्ति करते हैं। इनको निरीक्षण में सीसीटीवी देखने चाहिए थे। मेरे द्वारा अम्बुज कुमार के विषय में भेजे गए पत्र में दिनांक समय सभी लिखने के बाद भी कोई जांच नहीं हुई।
मयंक मैनाली, पूर्व प्रोबेशन अधिकारी, यूएसआर इंदु समिति, रामनगर
18 अक्टूबर को सुबह जब हम कार्य स्थल पर पहुंचे तो अम्बुज कुमार हाउसकीपर और प्रबंट्टाक संदीप रावत के बीच विवाद हो रहा था। जिसके स्पष्ट प्रमाण हैं। फिर शाम को मार-पीट की घटना हुई है। मारपीट की घटना वो भी एक कर्मचारी के साथ होना एक ऐसी संस्था में जो कि बेहद संवेदनशील है, खुद में कई सवाल खड़े करता है। उम्मीद है कि मामले में निष्पक्ष जांच होगी और अम्बुज को न्याय मिलेगा।
तनुजा पांडेय, पूर्व कांउसलर, यूएसआर इंदु समिति, रामनगर