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Uttarakhand

मित्र पुलिस पर एकतरफा कार्यवाही के लगे आरोप

हिंदू धर्मनगरी हरिद्वार में अल्पसंख्यक समाज के मध्य गहरा भय इन दिनों पसर चुका है। दो समुदायों के बीच टकराव के बाद जिस तरह से हरिद्वार पुलिस एक ही पक्ष पर कार्यवाही करती नजर आ रही है उससे न केवल पुलिस प्रशासन बल्कि पुष्कर सिंह धामी सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठने लगे हैं

अजान के समय मस्जिदों के सामने लाउड स्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाने का मामला महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश एवं दिल्ली के बाद अब उत्तराखण्ड में भी पहुंच चुका है। विश्वभर में शिक्षा नगरी के नाम से प्रसिद्ध रुड़की शहर से सटे भगवानपुर थाना क्षेत्र स्थित ग्राम डाडा जलालपुर की घटना की गूंज जिले में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में गूंजी उठी है। उस पर पुलिस द्वारा एकपक्षीय कार्रवाई किए जाने के चलते मामला तूल पकड़ता जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के नेतृत्व में क्षेत्रीय विधायक ममता राकेश सहित अन्य कांग्रेसी विधायकों ने बाकायदा राज्यपाल से मिलकर एकपक्षीय कार्रवाई किए जाने पर असंतोष जाहिर करते हुए निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है।

भगवानपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जलालपुर में हनुमान जन्मोत्सव शोभायात्रा के दौरान साम्प्रदायिक टकराव के बाद प्रदेश भर मे हाई अलर्ट भले ही घोषित कर दिया गया हो परंतु नफरत की भेंट चढ़े जलालपुर में दंगाइयों द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखने वाले लोगों की दुकानों और वाहनों में की गई आगजनी और तोड़फोड़ आज भी उस भयावह स्थिति की कहानी बयान करने के लिए काफी है। जिस प्रकार से डाडा जलालपुर में भाइचारे के बीच नफरत की गहरी खाई खोदने का काम किया गया है वह भविष्य के लिए भी शुभ संकेत नहीं है। वही, जिस प्रकार पुलिस-प्रशासन द्वारा हिंदू संगठनों के दबाव में एकपक्षीय कार्रवाई की जा रही है और दूसरे पक्ष की तरफ से अब तक मामला दर्ज नहीं किया गया वह भी सरकार एवं पुलिस-प्रशासन पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है।

बीते 16 अप्रैल को भगवानपुर थाना क्षेत्र के डाडा जलालपुर गांव में हिंदू संगठनों द्वारा हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर शोभायात्रा निकाली गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इसी दौरान आयोजकों ने शोभायात्रा को मस्जिद के आगे रोक दिया गया और हिंदू संघटन के कुछ लोगों ने मस्जिद के आगे पहुंच कर आपत्तिजनक नारे लगाने शुरू कर दिए। साथ ही मुस्लिम समुदाय के धर्मगुरुओं को ‘भारत में रहना होगा तो जय श्री राम कहना होगा’ नारे लगाने के लिए लाउड स्पीकर पर कहा जाने लगा। जिसके बाद दोनों समुदायों में मामूली-सा विवाद हो गया। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों द्वारा मामले को निपटाने का प्रयास किया गया। लेकिन मामला तूल पकड़ते ही एकाएक दोनों ओर से पत्थरबाजी तक कि नौबत आ गई। जिसके बाद विवाद की सूचना मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों द्वारा आला अधिकारियों को दी गई। सूचना मिलने के बाद आलाधिकारियों द्वारा मौके पर पहुंच पूरे गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया। साथ ही आस-पास के गांव से लोग न आ सके। इसके लिए गांव के बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इसी दौरान विश्व हिंदू परिषद् एवं बजरंग दल के क्षेत्रीय पदाधिकारियों के नेतृत्व में हिंदू संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ता भारी तादाद में इकट्ठा होकर फिर से उसी जगह पहुचे जहां पर विवाद शुरू हुआ था और फिर पुलिस-प्रशासन के सामने नारेबाजी करने लगे।

पुलिस द्वारा भी उनको नारेबाजी करने से नहीं रोका गया। कई घंटों तक काफी तादाद में भगवा रंग के वस्त्र पहने एवं हाथ में लाठी-डंडे लिए युवा पुलिस की मौजूदगी में नारेबाजी करते दिखे। विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल के पदाधिकारियों द्वारा मुस्लिम समुदाय के लोगों के घरों में घुस तोड़- फोड़कर उनके वाहनों में भी आगजनी कर दी गई। घटना के बाद पुलिस द्वारा विवाद में मौजूद केवल एक ही समुदाय के लोगों पर लगातार कार्रवाई कर निशाना बनाए जाने के आरोप लगने लगे हैं। पुलिस द्वारा एक ही समुदाय के 13 लोगों को धारा 147, 148, 149, 323, 336, 153(ए), 295(एं) एवं धारा 7 आपराधिक कानून (संसोधन) अधिनियम 1932 के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जा चुका है। वही, 40 लोगों के खिलाफ अज्ञात में मुकदमा दर्ज कर दर्जन भर युवकों को हिरासत में लिया गया है। कुछ युवकों को फरार बताकर उनके घर कुर्की करने की तैयारी भी पुलिस द्वारा तेजी से की जा रहीं हैं। पुलिस की एकपक्षीय कार्रवाई को लेकर राजनीतिक संगठनों व सौहार्द पसंद नागरिको में भी रोष व्याप्त है। उनका कहना है कि पुलिस द्वारा दूसरे पक्ष की तरफ से भी मामला दर्ज कर निष्पक्ष जांच करनी चाहिए। इसको लेकर उनके द्वारा लगातार पुलिस-प्रशासन से मांग की जा रहीं है। लेकिन पुलिस-प्रशासन द्वारा उनको केवल आश्वासन ही दिया जा रहा है।

18 अप्रैल को एकपक्षीय कार्रवाई से नाराज कांग्रेस के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन कूच किया। जिसमें प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, भगवानपुर विधायक ममता राकेश के संयुक्त नेतृत्व में कांग्रेसियों ने राज्यपाल से मुलाकात कर चिंता प्रकट करते हुए उन्हें ज्ञापन सौंपा। वहीं भीम आर्मी प्रदेश अध्यक्ष महक सिंह द्वारा एसएसपी हरिद्वार से दूसरे पक्ष की तहरीर पर मुकदमा दर्ज करने एवं निष्पक्ष जांच कराने की अपील की। इस प्रकार की घटना गठित होने के बाद से ग्राम डाडा जलालपुर ही नहीं आस-पास के गांवों में भी सन्नाटा पसरा हुआ है। एसडीम भगवानपुर बृजेश कुमार तिवारी एवं मुख्य शिक्षा अधिकारी शिव प्रसाद सेमवाल के निर्देश पर दो दिन गांव के स्कूल भी बंद कर दिए गए थे। सड़कों पर पुलिस का पहरा रहा। लोग घरों से निकलने में भी कतरा रहे हैं। इस तरह के साम्प्रदायिक बवाल भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं है। हिंदू संगठनों द्वारा जिस प्रकार से शोभायात्रा निकाल ग्राम डाडा जलालपुर में बरसों से चली आ रहीं गंगा जमुनी तहजीब को कुचलने का काम किया गया है वह केवल शिक्षा नगरी के लिए ही नहीं पूरे प्रदेश भर के लिए चिंता का विषय बना है।

बात अपनी-अपनी
डाडा जलालपुर में जो घटना गठित हुई है वह निंदनीय है। कार्रवाई दोनों तरफ से होनी चाहिए। पुलिस की मौजूदगी में तीन घंटे जिस प्रकार लोगों के घरों में आगजनी एवं तोड़फोड़ की गई है उसकी न्यायिक एवं निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। दूसरे समुदाय के लोगों के फोन बंद आ रहे हैं। उनकी तरफ से कोई कार्रवाई अभी तक नहीं की गई है। वह मेरे पास आए मैं उनको कार्रवाई का भरोसा दिलाती हूं। उनकी आवाज को भी उठाया जाएगा।
ममता राकेश, विधायक भगवानपुर

निष्पक्ष जांच कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एसएसपी हरिद्वार को निर्देश दिए गए हैं। तोड़-फोड़ एवं आगजनी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। भले ही फिर वह किसी भी धर्म-जाति के हो। माहौल खराब करने एवं सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भी एसएसपी हरिद्वार को निर्देश दिए गए हैं।
करन सिंह नगन्याल, डीआईजी गढ़वाल परिक्षेत्र
डाडा जलालपुर में हुए बवाल के मामले में आप पुलिस से बात करें। मेरे द्वारा जो परमिशन दी गई थी उसका समय मेरे ध्यान नहीं है। घर में तोड़-फोड़ एवं आगजनी की जानकारी मुझे नहीं है।
बृजेश कुमार तिवारी, एसडीएम भगवानपुर

पूर्व में भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
■ वर्ष 2013 में दो समुदाय के बीच सिविल लाइन कोतवाली में विवाद के बाद जमकर पथराव हुआ था। जिसमें पुलिस कर्मी समेत कई लोग घायल हो गए थे।
■ अगस्त 2015 को रुड़की के रामपुर गांव में कांवड़ ले जा रहे लोगों पर पथराव हो गया था। जिसे लेकर जमकर बवाल हुआ था और कई वाहनों में आग लगा दी थी। जिसमें सीओ,
इंस्पेक्टर समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे।
■ 2020 में भगवानपुर के पुहाना में पुरानी रंजिश को लेकर दो समुदायों के बीच मारपीट हो गई थी। दोनों पक्षों के लोगों ने एक-दूसरे पर पथराव किया था। इसमें सात लोग घायल हुए थे।
■ जून 2016 में लंढौरा में अल्पसंख्यक समुदाय के व्यक्ति से दुकान खाली कराने के मामले में खानपुर विधायक के आवास और पुलिस के वाहनों में तोड़फोड़ और पथराव की घटना हुई। जिसमें पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हुए थे।
■ अक्टूबर 2021 में रुड़की के चर्च में धर्मांतरण का आरोप लगाकर कुछ लोगों ने बवाल किया। मामले में 200 से अधिक लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।

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