लगातार तीन बार से ऋषिकेश के विधायक प्रेमचंद अग्रवाल को अब कांग्रेस ही नहीं भाजपा से भी कड़ी चुनौती मिल रही है। यह चुनौती विधानसभा चुनाव को देखते हुए और भी दिलचस्प हो चली है। इसके चलते प्रेमचंद अग्रवाल को एक साथ दो-दो मोर्चों पर जूझना पड़ रहा है। एक तरफ अपने 15 वर्ष के कार्यकाल में क्षेत्र के विकास कार्यों में कमी तो दूसरी तरफ अपने ही नेताओं के साथ मतभेद के चलते अग्रवाल के सामने दोतरफा चुनौतियां खड़ी हो चली हैं।
विगत चार वर्षों से विधायक और भाजपा नेताओं के बीच मतभेद और मनभेद के मामले कई बार सामने आ चुके हैं जिसमें सार्वजनिक मंच पर गाली-गलौच और हंगामा भी देखने को मिला है। नगर निकाय चुनाव में टिकट को लेकर विधानसभा अध्यक्ष और अन्य दावेदारों के बीच जमकर बवाल तो हुआ ही साथ ही तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के साथ प्रेमचंद अग्रवाल के समर्थकों ने बदसलूकी तक की थी। जिसमें हंगामा इतना बढ़ा कि अजय भट्ट का कुर्ता तक फट गया। इसी तरह से त्रिवेंद्र रावत सरकार में गन्ना एवं चीनी उद्योग विकास बोर्ड के अध्यक्ष राज्यमंत्री स्तर के दायित्वधारी भाजपा नेता भगतराम कोठारी के साथ केंद्रीय जल संसाधन विकास मंत्री के सामने ही गाली- गलौच तक देखने को मिली है।
2022 के विधानसभा चुनाव में अग्रवाल को सबसे ज्यादा कड़ी चुनोैती नगर निगम ऋषिकेश की मेयर अनिता ममगांई से ही मिल रही है। मेयर बनने के बाद अनिता ममगांई का जनाधार तेजी से बढ़ा है। नगर निगम क्षेत्र के अलावा विस्थापित और ग्रामीण क्षेत्रों में भी ममगांई ने अपना जनाधार इस कदर बढ़ाया है कि विधायक और उनके समर्थकों के माथों पर चिंता की लकीरें उभरने लगी। दोनों के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंदिता इस कदर बढ़ चुकी है कि सार्वजनिक कार्यक्रमों में इसका बड़ा असर साफ तौर पर देखने को मिल रहा है। नगर में विकास कार्यों के उद्घाटन या लोकार्पण के कार्यक्रम हांे या भाजपा के राजनीतिक कार्यक्रम तकरीबन हर समारोह में दोनों नेताओं के बीच खटास साफ तौर पर देखने को मिली है।
5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के निर्णय की वर्षगांठ मनाने के लिए नगर के त्रिवेणी घाट पर 140 फिट का तिरंगा झंडा लगाए जाने के कार्यक्रम में मेयर और विधायक समर्थकों और कार्यकर्ताओं के बीच जमकर नारेबाजी का माहौल देखने को मिला। जिसमें मेयर समर्थकों ने ‘हमारी विधायक कैसी हो, अनिता ममगांई जैसी हो’ के नारों से पूरे घाट को गुंजायमान कर दिया। इस महौल मेंें विधायक समर्थकों ने भी विधायक के समर्थन में नारेबाजी करने का पूरा प्रयास किया, लेकिन मेयर समर्थकों की तादात ज्यादा होने से उनके नारे की आवाजें दब सी गई।
यही नहीं 5 अगस्त को ही मेयर अनिता ममगांई के जन्मदिवस कार्यक्रम को भाजपा और मेयर समर्थकों ने बड़े समारोह के तहत मनाया जिसमें कई सामाजिक संगठनों द्वारा जन्मदिवस पर कार्यक्रम किए गए। नगर के युवाओं के बीसी गु्रप जो कि नगर की समस्याओं को लेकर मुखर रहता है, उसने मेयर के जन्मदिन पर मेयर का सम्मान किया। जिसमें केक भी काटा गया। दिलचस्प बात यह रही कि केक पर हमारी विधायक जी लिखा हुआ था। इस कार्यक्रम को सोशल मीडिया में जमकर प्रसारित किया गया।
आज ऋषिकेश क्षेत्र में ही भाजपा के कई गुट बन चुके हैं लेकिन मेयर अनिता ममगांई और विधायक प्रेमचंद अग्रवाल दोनों के गुट सबसे ज्यादा चर्चित हैं। प्रदेश भाजपा संगठन में और सरकार में भी मेयर की नजदीकियां विगत कुछ वर्षों से बड़ी तेजी से बढ़ी हैं। सूत्रों की मानें तो 2022 के चुनाव में अनिता ममगांई विधायक के बाद सबसे बड़ी नेता के तौर पर उभरी हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में ऋषिकेश में भाजपा का चुनावी ऊंट किस करवट बैठता है।