”जल ही जीवन है” लेकिन क्या आप यह जानते हैं की जिस जल को आप जीवन मान रहे हैं वह आपको वास्तविक जिंदगी ही दे रहा है, या फिर कहीं कुछ और गड़बड़ है, भारत में खासकर ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य के निम्न स्तर का एक बड़ा कारण जल प्रदूषण ही है। प्रदूषित पानी की वजह से टीबी, दस्त, पीलिया, उल्टी-दस्त जैसी बीमारियां हो सकती हैं। भारत में पेट के विकारों से पीड़ित 80 प्रतिशत मरीज प्रदूषित पानी पीने की वजह से बीमार हुए हैं। जल प्रदूषण भारत में व्याप्त सबसे बड़े संकटों में से एक है। इसका सबसे बड़ा स्रोत है, बिना ट्रीटमेंट किया सीवेज का पानी, लेकिन अब आपको बिना ट्रीटमेंट किए पानी पीने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, चलते फिरते कहीं भी आते जाते घूमते आप कहीं भी मौजूद हो उस पानी को बेहिचक पीकर अपनी प्यास बुझा सकेंगे, कैसे ?
ग्रेविटी बेस्ड वाटर फिल्टर, पोर्टेबल पॉकेट फ़िल्टर, स्प्रे ट्यूब एंड एल्काइन फिल्टर, इन लाइन फ़िल्टर… यह वो फिल्टर है जो ऐसे समय में आपके काम आ सकते हैं जहां आप को पीने के पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा हो या आपके सामने मौजूद पानी प्रदूषित हो, खास हमारे सुरक्षा बल ऐसी जगहों में में तैनात होते हैं जहां साफ पानी पीने को नहीं मिलता, लिहाजा इन फिल्टर के जरिए आप खतरनाक से खतरनाक स्तर पर प्रदूषित पानी को एक मिनट में निसंकोच पीकर अपनी प्यास को बुझा सकते हैं, इन फिल्टर को बनाने वाले और रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों के मुताबिक बैम्बू फाईबर यानी बांस औऱ लेंटाना ग्रास यानी कुरी घास का भी प्रयोग किया गया है जो एन्टी बैक्टीरियल होता है, डॉक्टर आरपी जोशी ने बताया इन फ़िल्टर की कीमत बाज़ार में 100 रुपये से लेकर 5000 रूपये तक आएगी, वैज्ञानिको का दावा है की पानी कितना ही गंदा हो, प्रदूषित हो , बिना सोचे समझे इन फिल्टर के जरिये आप पानी पीजिए आपकी किसी भी तरह की दिक्कत आने वाली नही है, क्योंकी यह फ़िल्टर पेस्टीसाइड, रेडियोएक्टिव पार्टिकल औऱ भारी धातु को आसानी से अलग कर आपको साफ पानी देते हैं।
इस समय हालात इतने गंभीर हैं कि भारत में कोई भी ऐसा जल स्रोत नहीं बचा है जो जरा भी प्रदूषित न हो। हकीकत तो यह है कि देश के 80 प्रतिशत से ज्यादा जल स्रोत बहुत ज्यादा प्रदूषित हो चुके हैं। शहरी इलाकों में नदियों, तालाबों, नहरों, कुओं और झीलों के पानी का इस्तेमाल घरेलू और औद्योगिक आवश्यकताओं लिए होता है। ज्यादातर मामलों में पानी का ट्रीटमेंट अच्छे से नहीं होता, संयुक्त राष्ट्र रिपोर्ट की मानें तो समूची दुनिया में हर साल आठ लाख लोगों की मौत केवल प्रदूषित पानी पीने से होती है। संयुक्त राष्ट्र की बीते दिनों जारी एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एशिया, लैटिन अमरीका और अफ्रीका में हर साल तकरीब 35 लाख लोगों की मौतें दूषित पानी के सम्पर्क में आने से होने वाली बीमारियों के चलते होती हैं। इंजीनियर आकाश के मुताबिक फिल्टर बैम्बू फैब्रिक के बने होने की वजह से फिल्टर पहले फेज में बैक्टीरिया को साफ कर देता है औऱ दूसरे फ़ेज़ में भारी धातुओं को, इसलिए पानी के दूषित होने की आसंका एक फीसदी भी नही रह जाती। पूरे देश में इस समय जल प्रदूषण की समस्या तेजी से सामने आ रही है, जिसका परिणाम यह है कि देश के हर दूसरे घर में आरओ लगा हुआ है, ऐसे में कम कीमत और अपने साथ में आसानी से ले चल सकने वाले यह फिल्टर आपको दूषित पानी पीने से आसानी से बचा सकते हैं।