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बांधों और सड़कों के निर्माण का मलबा नदियों में गिराये जाने का खतरा राज्य के लोग पूर्व में भुगत चुके हैं। इसके बावजूद अब ऑल वेदर रोड परियोजना के निर्माण का मलबा भी नदियों में समा रहा है

रा ज्य में सड़कों और बांधों के निर्माण का मलबा निरंतर नदियों में गिराया जाता रहा है। इससे नदियों का प्रवाह बाधित होने और उनके रुख बदलने का खतरा बराबर बना रहता है। वर्ष 2013 में केदार घाटी में आई आपदा के दौरान कई जगहों पर निर्माण का यही मलबा जनता की परेशानियां बढ़ाने वाला साबित हुआ। इससे सबक लेने के बजाए अब ऑल वेदर रोड परियोजना के निर्माण का मलबा भी नदियों में डंप किया जा रहा है।

ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत ऋषिकेश-बदरीनाथ और रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाइवे के चौड़ीकरण का कार्य हो रहा है। इसमें निकल रहा मलबा अलकनंदा और मंदाकिनी नदी के प्राकøतिक प्रवाह के लिए भारी खतरा पैदा कर सकता है। ऐसा इसलिए कि कहने को तो निर्माण का मलबा हाइवे के किनारे पर बनाए गए डंपिंग जोन में डाला जा रहा है, लेकिन डंपिग जोन में जमा मलबा नदियों में गिर रहा है। स्वाभाविक है कि यह मलबा नदियों के बहाव को रोकेगा और लोगों के लिए बड़े संकट की वजह बनेगा। वर्ष 2013 की आपदा के दौरान श्रीनगर के लोगों को इसी तरह के संकट का सामना करना पड़ा था। कारण कि श्रीनगर परियोजना का निर्माण करने वाली जेवीजी कंपनी निरंतर निर्माण का मलबा बिना किसी रोक-टोक के अलकनंदा में डालती रही। कभी इस बारे में आवाज उठी तो दिखावे के तौर पर कुछ जुर्माना लगाकर इतिश्री कर दी गई। नतीजतन आपदा के समय यही मलबा लोगों के घरों में घुस गया था। इससे लोगों को भारी परेशानियां हुई थीं।

पिछले वर्ष 2017 के दिसंबर माह से हाइवे के चौड़ीकरण कार्य चल रहा है। इसके साथ ही रुद्रप्रयाग, अगस्त्यमुनि और गुप्तकाशी बाईपास का निर्माण किया जा रहा है। मशीनों से हो रही कटिंग से टनों मलबा निकल रहा है। हालांकि कार्यदायी संस्था ने इसके लिए राजमार्ग पर डंपिंग जोन अवश्य बनाए हैं, लेकिन इसके बावजूद मलबा और भारी बोल्डर अलकनंदा और मंदाकिनी नदी में गिर रहे हैं। इसके कारण कई जगहों पर मलबे व बोल्डरों के ढेर लगे हुए हैं। अभी पिछले दिनों हुई बारिश से रुद्रप्रयाग बाईपास पर अंधेरगढ़ी डंपिंग जोन का मलबा मंदाकिनी नदी में समा गया, जिससे नदी का बहाव भी प्रभावित हुआ। स्थानीय लोग इससे बहुत चिंतित हैं। लोग कहते हैं कि ऑल वेदर रोड परियोजना में हाइवे का चौड़ीकरण ठीक है, लेकिन नदी किनारे मलबा डंप किए जाने से आने वाले समय में बड़ा खतरा हो सकता है।

चमोली जिले में ऑल वेदर रोड योजना के अंतर्गत बदरीनाथ हाइवे पर नगरासू से हेलंग तक 85 किमी हाइवे का चौड़ीकरण कार्य प्रस्तावित है। इससे हाइवे किनारे बसे गौचर, कर्णप्रयाग, लंगासू, मैठाणा, नंदप्रयाग, चमोली, मायापुर और पीपलकोटी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र प्रभावित होंगे। इसके अलावा ऑल वेदर रोड परियोजना से जोशीमठ नगर यात्रा मार्ग से पूरी तरह से अलग- थलग हो जाएगा। हालांकि इन दिनों चारधाम यात्रा के चलते जिला प्रशासन की ओर से जिले में ऑल वेदर रोड का कार्य रोक दिया गया है, जबकि यात्रा काल से पूर्व पीपलकोटी से आगे गुलाबकोटी में योजना के तहत शुरू किया गया हिल कटिंग कार्य अधूरा छोड़ा गया है, जिससे यहां पहाड़ी से पत्थरों के छिटकने का खतरा बना हुआ है।

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