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Uttarakhand

‘जनता कांग्रेस के षड्यंत्र को समझती है’

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी से  बातचीत

डबल इंजन के रूप में केंद्र की किस तरह की भूमिका अब तक रही है?
केंद्र में जब भाजपा की सरकार बनी थी तो राज्य की माली हालत, पर्यटन, विकास सहित कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को लेकर व्यापक चर्चा हुई थी। केंद्र में कांग्रेस के 10 साल के शासन में उत्तराखण्ड की घोर अनदेखी की गई थी। मोदी सरकार में नेशनल और स्टेट हाइवे को मजबूत करने का काम हो रहा है। 12 हजार 500 करोड़ रुपयों की लागत से चारधाम ऑल वेदर रोड बन रही है। इससे पूरा गढ़वाल बेहतर सड़क मार्ग से जुड़ रहा है। इधर कुमाऊं में चंपावत और पिथौरागढ़ को ऑल वेदर रोड से जोड़ा जा रहा है। अल्मोड़ा-पिथौरागढ़-चंपावत टूरिस्ट सर्किट के लिए 80 करोड़ रुपया रिलीज हुआ है। प्रधानमंत्री सड़क योजना के जिस काम को कांग्रेस ने रोका था उसमें 800 करोड़ रुपया स्वीकøत हुआ है। 700 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि शीघ्र मिल जानी है। कर्णप्रयाग रेलवे के लिए प्रारंभिक स्तर पर काम शुरू हो गया है। इसके अलावा भारत सरकार कम्युनिकेशन, एजुकेशन सहित कई स्तर पर राज्य सरकार को मदद कर रही है।

लेकिन केंद्र पोषित और बाह्य सहायतित योजनाओं का पूरा पैसा खर्च नहीं हो पा रहा है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी ने सचिवालय के ढांचे को ठीक किया है। पहले फाइल पांच-सात स्थानों से गुजरकर मुख्यमंत्री तक आती थी। अब मात्र तीन स्थानों अनुसचिव, अपर सचिव, सचिव से होकर मुख्यमंत्री तक जाएगी। मुख्यमंत्री ने फाइलों के लिए भी जबावदेही तय कर दी है। इस तरह के कामों का परिणाम आने में समय लगता है।

मगर सरकार के जीरो टॉलरेंस पर लगातार सवाल उठ रहे हैं?
विपक्ष अपना धर्म निभा रहा है लेकिन उसे प्रमाणित भी करना चाहिए। अगर उसके पास मुद्दे हैं तो उसे प्रामाणिकता देकर जनता के बीच जाना चाहिए। प्रदेश में आज विपक्ष की हालत यह है कि वह न तो जनता के सामने जाने की स्थिति में है, न ही सरकार को फेस करने की स्थिति में। प्रदेश की जनता कांग्रेस के इस षड्यंत्र को बहुत अच्छे से जानती है।

प्रदेश में बेरोजगार भटक रहा है, कर्मचारी आंदोलित है। स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। किसान आत्महत्या कर रहा है। क्या यह सरकार की विफलता नहीं है?
किसानों की बात करें तो हमारी सरकार ने छोटे किसानों की इनकम बढ़ाने और उसके संसाधन बढ़ाने के लिए एक लाख रुपए का ऋण 2 प्रतिशत ब्याज दर पर दिया है। पिछली सरकार ने यह काम नहीं किया था। इसके साथ ही हम खाद और बीज की मानीटरिंग कर रहे हैं कि किसान को यह समय पर मिल रहा है या नहीं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि वह पांच साल के अंदर किसान की आय को दुगना करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने वाह-वाही लूटने के लिए जमकर घोषणाएं कर दी। योजनाएं आधी अधूरी ही रह गयी। हम इसे ठीक करने का रास्ता निकाल रहे हैं, भविष्य में इसके परिणाम आपको दिख जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा था, हम घोषाणाएं नहीं सीधे शासनादेश लेकर आएंगे, क्या इस पर अमल हो रहा है?
हम काम ही इस पर कर रहे हैं। मुख्यमंत्री सभी 70 विधानसभा सीटों का दौरा कर चुके हैं। मंत्रीगण भी दौरे कर रहे हैं। लेकिन हम कहीं घोषणाएं नहीं कर रहे हैं। शासनादेश जारी कर सीधे शिलान्यास कर रहे हैं। पिछली सरकार घोषणा, शिलान्यास, पुरानी सरकारों के लोकपर्ण पर अलग-अलग कार्यक्रम करती थी। हमारी सरकार ने इसे पूरी तरह बंद कर दिया है। जिस विभाग में जिस मद का पैसा होगा, उसी की कार्ययोजना और डीपीआर बनाकर फिर उसके लिए शासनादेश जारी किया जा रहा है।

प्रदेश में एटीएम बंद पड़े हैं। लोग बैंकों की लाइनों में खड़े हैं। लोगों का पैसा बैंकों में बंधक पड़ा है। विपक्ष इसे आर्थिक आपातकाल करार दे रहा है। क्या यह नोटबंदी की विफलता है?
बड़ी समस्या यह है कि यहां फाइनेंशियल सिस्टम बड़े बैंकों के पास है। इन बैंकों के मिस मैनेजमेंट के चलते यह दिक्कत आ रही है। केंद्र सरकार यह जानबूझकर नहीं कर रही है। इसका नोटबंदी से कोई लेना देना नहीं है। इस मामले में बड़े बैंकों के साथ केंद्र व राज्य स्तर पर बातचीत हुई है। बैंकों ने आश्वस्त किया है कि जल्द ही यह समस्या दूर हो जाएगी।

विपक्ष केंद्र सरकार को जुमलों की सरकार कहती है। क्या मोदी सरकार विकास कार्य में विफल हो गई है?
पिछले 50 सालों में कांग्रेस रूटीन कामों को छोड़कर देशहित में क्या कदम उठाए? नोटबंदी और जीएसटी जैसे साहसिक कदम क्या कांग्रेस उठा पाती? पहले जहां सारे टैक्सों से तीन महीने में 50 हजार करोड़ के आस-पास राजस्व मिल रहा था, वहीं अब एक लाख करोड़ रुपए से ऊपर पहुंच गया है। यह सारा पैसा देश के आधारभूत ढांचे में खर्च होना है। बीजेपी या मोदी को तो इसे नहीं ले जाना। इसी तरह सड़कों का तेजी से काम हो रहा है। रोजाना 42 किमी. सड़कें बन रही है। प्रधानमंत्री सड़क योजना का बजट बढ़ा दिया गया है। 2500 किमी. के नए रूट बनाने की रूपरेखा तैयार हो चुकी है। सेना के तीनों अंगों को सशक्त बनाने का काम हुआ है। क्या कांग्रेस इन कामों को जुमलेबाजी कहेगी?

कश्मीर में रोज सैनिक शहीद हो रहे हैं। क्या केंद्र सरकार की कश्मीर पॉलिसी विफल हो रही है?
पाकिस्तान और कश्मीर पर पुरानी सरकारों की नीति, योजना एवं संबंधों का परिणाम आज हमें भुगतना पड़ रहा है। आए दिन सैनिक शहीद हो रहे हैं बगैर मौत के मौत का शिकार हो रहे हैं जो दुखद है। लेकिन सवाल यह है कि क्या मोदी सरकार के आने के बाद से ही आतंकी पैदा हुए हैं। आतंकवादियों के कैंप शुरू हुए हैं। जिस तरह गुलाम कश्मीर को पाकिस्तान ने आतंकवादियों का गढ़ बना दिया था उस समय केंद्र में किसकी सरकार थी। पिछले सालों में आतंकवादियों का जमकर सफाया हुआ है। आज आतंकवादी छटपटा रहे हैं। मोदी जी की कश्मीर नीति ठोस है। हो सकता है कि कश्मीर में आतंकवादियों का यह अंतिम दौर हो। आज मोदी के आतंकवाद विरोधी नीति का दुनिया समर्थन कर रही है।

उपचुनावों में भाजपा को जिस तरह से शिकस्त मिली है, क्या इसे मोदी सरकार के प्रति जनता की नाराजगी के तौर पर देखा जाए?
उपचुनाव को न तो केंद्र और न ही मोदी सरकार की विफलता के रूप में देखा जाना चाहिए। यह अवश्य है कि विपक्ष स्थानीय मुद्दों पर जनता को दिग्भ्रमित करने में सफल रहा। हमें 2014 से अधिक वोट मिला। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल भाजपा से इतना डर गए हैं कि अलग-अलग विचारधारा के बाद भी एक साथ खड़े हैं। यह बात अब जनता की समझ में आ रही है। 2019 में इन पार्टियों की दुर्गति तय है।

प्रदेश में मंत्रिमंडल के विस्तार में देरी और दायित्व न बंटने से वरिष्ठ विधायकों एवं कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। क्या यह पार्टी के लिए खतरे की घंटी तो नहीं?
यह नाराजगी नहीं है। मंत्रिमंडल का विस्तार और दायित्व का मामला पार्टी की नजरों में है। उचित समय आने पर केंद्र एवं राज्य नेतृत्व इस पर फैसला लेगा।

2019 के चुनाव में प्रदेश की पांचों सीटों को बरकरार रखने की चुनौती होगी। इसके लिए क्या खास रणनीति बनाई गई है?
हमारी संगठनात्मक स्तर पर बहुत पहले से लोकसभा चुनावों की तैयारी है। बूथ विस्तार योजना के तहत काम हो रहा है। मंडल से लेकर जिले की टीम को प्रदेश नेतृत्व द्वारा निर्देशित है कि वह प्रत्येक सप्ताह मंडल, न्याय पंचायत एवं बूथ स्तर पर जाकर वहां की समस्याओं को आगे लाए। लाभार्थी सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं। गांव और तोक स्तर तक पार्टी पूरी तरह तैयार है।

डबल इंजन की सरकार में सीमांत जनपद पिथौरागढ़ को क्या मिला?
हम पिथौरागढ़ जनपद में विकास योजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। हवाई सेवा को उड़ान फेस टू में स्थान मिला है। शीघ्र ही हवाई सेवा शुरू हो जाएगी। टनकपुर से पिथौरागढ़ की ऑल वेदर रोड का लाभ भी जनता को मिलना है। आंवलाघाट पेयजल योजना, बेस अस्पताल, पॉलीटेक्निक, आईटीआई को लेकर काम तेजी से हो रहा है। भारत माला के प्रोजेक्ट के तहत बैजनाथ-अस्कोट होते हुए धारचूला तक के लिए सड़क के टेंडर जल्द लग जाने हैं। अल्मोड़ा से पिथौरागढ़ की सड़क को टू लेन बनाने के लिए बातचीत चल रही है। इस सीमांत जनपद के विकास के लिए डबल इंजन की सरकार प्रतिबद्ध है।

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