रेगिस्तान में रहने मात्र के सोचने भर से आम इंसान घबरा जाता है। इस तथ्य के बावजूद की रेगिस्तान धरती का एक बड़ा हिस्सा है जो कि सबसे गर्म होता है। इस वजह से यहां लोगों के लिए खेती करपाना बहुत मुश्किल है। रोजाना जीवन में गेहूं और धान जैसी फसले ही पेट भरने का काम करती हैं। रेगिस्तान में खेती के नाम पर बस एक आध ही फसलें होती है। लेकिन अब ईराक में नजफ के रेगिस्तान में गेहूं की फसलें उगाई जा रही हैं।
इराकी किसान अब रेगिस्तान में गेहूं की खेती कर रहे हैं। डी डब्लू की एक रिपोर्ट अनुसार मीडिया संस्थान ने इराक के किसान अमीन सालाह के हवाले से कहा है कि पहले वह फरात नदी के किनारे गेहूं की खेती करते थे, लेकिन, लगातार सूखा पड़ने से उन्हें जगह बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा। अब वह नजफ के रेगिस्तान में खेती करते हैं। वहीं दो सालों के अंदर गेहूं की खेती दुगनी हुई है। .
नजफ़ के रेगिस्तान में पानी न होने के चलते किसानों के लिए फसल की सिंचाई करना काफी मुश्किल हो जाता है। इसका हल निकालते हुए वहां के किसानों ने खेती की सिचाई हेतु 300 फीट गहराई पर कुएं खुदवाए और उसमें फव्वारें लगाए। जिससे फसल सिचाई की जाने लगी। फव्वारे से सिचाई करना सस्ता पड़ता है। इसमें पानी की खपत भी ज्यादा नहीं होती। ईराक में गेहूं की गुणवत्ता में भी सुधर हो रहा है।
रेगिस्तान में हो रही गेहूं की खेती के संदर्भ में इराक सरकार का कहना है कि इस तकनीक के दम पर साल 2022 के बाद से ही कृषि क्षेत्र दोगुना हो गया है। रेगिस्तान क्षेत्रों में किसानों की संख्या के साथ-साथ खेती का क्षेत्र भी तेजी से बढ़ता जा रहा है। हालांकि, इस तकनीक की अपनी कुछ समस्या भी है। यदि भूमिगत जल का इस्तेमाल ज्यादा किया जाएगा तो अन्य स्थानों पर भी पानी की कमी हो सकती है।