केंद्र सरकार द्वारा रामायण सर्किट योजना चलाई जा रही है । जिसके अंतर्गत श्री राम ने जहां-जहां भ्रमण किया था उन शहरों को रेल ,सड़क ,हवाई यात्रा के माध्यम से आपस में जोड़ा जाएगा। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा इस योजना के लिए नौ राज्यों में 15 स्थानों की पहचान की गई है। योजना के तहत इन सभी शहरों को रेल, सड़क और हवाई यात्रा के माध्यम से आपस में जोड़ा जाएगा।
विकास के लिए की जाने वाली इस तरह की परियोजनाओं की पहचान राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन से परामर्श के बाद की जाती है। देश के उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक रामायण सर्किट में आने वाले राज्य होंगे। यूपी के अयोध्या, श्रृंगवेरपुर, नंदीग्राम और चित्रकूट, बिहार के सीतामढ़ी, बक्सर, दरभंगा इस प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं। इसके अतिरिक्त मध्य प्रदेश के चित्रकूट, छत्तीसगढ़ के जगदलपुर को भी इसमें शामिल किया गया है। ओडिशा के महेंद्रगिरी को और दक्षिण राज्यों में तेलंगाना के भद्राचलन, तमिलनाडु के रामेश्वरम और कर्नाटक के हम्पी को इस परियोजना का हिस्सा बनाया गया है। महाराष्ट्र के नागपुर और नासिक शहर भी इसमें शामिल किया गया हैं। पूरब से लेकर दक्षिण तक सभी राज्यों को इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बनाया गया है। गौरतलब है कि इस योजना के तहत केवल राज्य ही नहीं बल्कि पड़ोसी देशों को भी जोड़े जाने की संभावना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 जून को नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कुमार दहल से मुलाकात की। इस दौरान पीएम मोदी द्वारा कहा गया कि रामायण सर्किट के विकास के कामों में तेजी लाई जाएगी।
केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के मुताबिक रामायण सर्किट योजना के तहत आने वाले इन सभी शहरों में परिवहन व्यवस्था मजबूत की जाएगी और इसी के साथ ही रेलवे कनेक्टिविटी को बेहतर बनाया जाएगा। मंत्रालय के मुताबिक 15 शहरों में से जहां एयरपोर्ट नहीं है वहां नए एयरपोर्ट का निर्माण किया जाएगा । सभी शहरों को नेशनल हाईवे से जोड़ा जाएगा। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की कोशिश है कि रामायण सर्किट में आने वाले पर्यटकों को विश्व स्तर की सुविधाएं प्राप्त हों। इस प्रोजेक्ट पर सरकार द्वारा तेजी से कार्य किया जा रहा है।
गौरतलब है कि यूपी के अयोध्या में राममंदिर के साथ ही यहां एक म्यूजियम बनाया जाएगा, जिसमें रामकथा के बारे में जानकारी दी जाएगी। म्यूजिमयम बनने में कुल 225 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है। यही नहीं रामायण यात्रा के लिए आईआरसीटीसी द्वारा स्पेशल ट्रेनें भी चलाई जा रही है।
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