काफी विवादों के बाद अयोध्या राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। राम मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आधारशिला रखी गई थी। तभी से मंदिर निर्माण कार्य जारी है। मंदिर के निर्माण के लिए पहले इसका अनुमानित लागत चार सौ करोड़ रूपये बताई गई थी । लेकिन अब इसकी लागत 18 सौ करोड़ बताई जा रही है।
राम मंदिर का निर्माण तेजी से हो रहा है। श्रीराम जन्मभूमितीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार ‘जब मंदिर का निर्माण शुरु हुआ तो अनुमान था कि इसकी लागत 400 करोड़ आ सकती है, लेकिन 18 महीने के बाद अब इसकी लागत 1800 करोड़ आ सकती है। मंदिर की लागत का सही -सही अनुमान नहीं लगाया जा पा रहा आगे भी इसके लागत में संशोधन होने की संभावना जताई जा रही है।
इससे पहले रविवार को श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक की गई थी। जिसमे सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया कि राम जन्मभूमि परिसर में हिंदू धर्म से जुड़ी महान विभूतियों जटायु ,निषादराज सहित साधु-संतों की प्रतिमाओं को भी बनाया जाएगा। ऐसे में अंदेशा लगाया जा रहा है कि इसकी लागत आने वाले समय में अठारह सौ करोड़ से भी ऊपर हो सकती है।
महर्षि वाल्मिकि, महर्षि विश्वामित्र व महर्षि अगस्त ,माता शबरी, जटायु के पूजा के लिए सम्मान पूर्वक उनकी प्रतिमाये बनाई जाएगी। साथ ही ट्रस्ट की नियमावली पर भी विचार किया गया है । जिसमें मंदिर निर्माण के लिए कई प्रारूप व सुझाव दिए गए है । बैठक के दौरान ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास सहित दस ट्रस्टी शामिल थे।
इस दौरान मंदिर निर्माण के वक्त राम मंदिर की सुरक्षा का जिम्मा सीआईएसएफ के हवाले किए जाने को लेकर भी चर्चा की गई। निर्माण का कार्य तेजी से होने के कारण संभावना जताई जा रही है की दिसंबर 2023 तक मंदिर के गर्भगृह का निर्माण पूरा हो जायेगा। मंदिर निर्माण की प्रगति की प्रत्येक जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी जाएगी। गौरतलब है कि राम मंदिर के गर्भगृह के निर्माण की आधारशिला इस साल जून में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा रखी गई थी।
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